राजधानी के समीप 13 शटर गेट क्षेत्र में कल पुन: एक युवा बाघ का मूवमेंट देखा गया। दिनदहाडे दिखाई दिया यह बाघ करीब पांच मिनट बाद लोगों की नजरों से ओझल हो गया है। हष्ट-पुष्ट दिखाई देर इस बाघ को लोगों ने अपने कैमरों में भी कैद किया। सोमवार दोपहर के ठीक 3:42 बजे यह बाघ जागरण लेकसिटी की ओर से निकला, नदी पार की और वाल्मी पहाड़ी की और बढ़ने लगा। वह देखते ही देखते तार फेंसिंग को फांदकर जंगल में दाखिल हो गया। जिस किसी ने भी इस दृश्य को देखा, वह अपने मोबाइल में उसे कैद करने लगा। करीब पांच मिनट के भीतर वह लोगों की नजर से ओझल हो गया। वाल्मी जंगल में बाघ दाखिल होने की सूचना के बाद भोपाल सामान्य वनमंडल का अमला क्षेत्र में सोमवार रात को भी गश्त करता रहा। हालांकि बाघ फिर नजर नहीं आया। भोपाल में वाल्मी की पहाड़ियों पर एक बाघ का मूवमेंट देखा गया। यह बाघ थोड़ी देर टहलता रहा, फिर जंगल की ओर चला गया। भोपाल के आसपास बीते वर्षों से लेकर अब तक 22 से अधिक बाघों के भ्रमण के साक्ष्य मिल चुके हैं, लेकिन ये हमेशा स्थायी नहीं रहते, बल्कि रातापानी वन्यजीव अभयारण्य से आते हैं और फिर लौट जाते हैं। भोपाल सामान्य वन मंडल ने सोमवार को देखे गए युवा बाघ की पहचान बाघ टी 1233 के रूप में की है, जो बाघिन टी-123 का बेटा है। इस बाघिन ने बीते छह वर्षों में चार शावकों को जन्म दिया है, यह बाघ उन्हीं में से एक है। वन्य प्राणी एक्सपटर्स का कहना है कि वाल्मी प्रबंधन द्वारा अपने जंगल को कवर्ड करने के लिए तार फेंसिंग करके बाघों के प्राकृतिक रास्तों में व्यवधान डाला है, जो ठीक नहीं है। इन्हें रास्ता नहीं मिला तो किसी दिन ये शहर के अंदर दाखिल हो जाएंगे। इस बारे में भोपाल सामान्य वन मंडल के डीएफओ आलोक पाठक का कहना है कि बाघों के भ्रमण पर लगातार नजर रख रहे हैं, जो युवा बाघ दिखाई दिया है, उसकी सुरक्षा के लिए अतिरिक्त गश्त के निर्देश दिए हैं।