मध्यप्रदेश शासन द्वारा शिक्षकों की असमय मृत्यु होने के बाद उनकी पत्नी और बच्चे शिक्षक नहीं बन पा रहे। ऐसा इस लिए क्योकि शासन ने शिक्षक बनाए जाने के नियम में बदलाव कर दिया गया है। जिसके बाद से ही बरसों के इंतजार के बाद भी शिक्षकों की पत्नी व बच्चे शिक्षक नहीं बन पा रहे।
बीते वर्षो में जिले के भीतर ही 97 शिक्षकों की मृत्यु के पश्चात उनके परिजनों द्वारा नौकरी के लिए अप्लाई किया गया लेकिन वर्षों के इंतजार के बाद भी भृत्य और प्रयोगशाला शिक्षक के पद से उन्हें संतुष्ट करना पड़ा। इस बात की जानकारी स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी दे रहे हैं।
आपको बता दें कि पूर्व में शिक्षा विभाग में अनुकंपा नियुक्ति बिना बीएड, डीएड किए हुए अभ्यर्थियों को दे दी जाती थी लेकिन समय के साथ-साथ शासन नियम बदल दिए और अब पहले बीएड, डीएड करवाना अनिवार्य कर दिया नतीजा अब शिक्षकों की अनुकंपा नियुक्ति के पात्र अभ्यर्थियों को बीएड, डीएड के बाद पात्रता परीक्षा भी देनी होती है जिस कारण अब शिक्षकों के अनुकंपा नियुक्ति के रूप में उनके बच्चों और पत्नी को शिक्षक बनना बेहद कठिन हो गया है।










































