राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण अनगिनत चुनौतियां हैं, लेकिन इसमें अवसर भी हैं। चुनौतियों का निदान करते हुए विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है। ऑनलाइन शिक्षण व्यवस्था भविष्य की व्यवस्था है। इसका उपयोग शिक्षा को विद्यार्थीपरक बनाने में किया जाना चाहिए। यह कार्य कक्षा के सभी छात्र-छात्राओं को एक समान मानने के बजाय उनकी रुचि, विशेषता और कमजोरियों के हिसाब से अतिरिक्त शिक्षण सामग्री उपलब्ध करा कर किया जा सकता है।
राज्यपाल मंगलवार को पंडित एसएन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल के चतुर्थ स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय प्रबंधन : महामारी के परिप्रेक्ष्य में चुनौती एवं संभावनाएं विषयपर आयोजित संगोष्ठी को लखनऊ राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के समक्ष आज चुनौती है कि शिक्षा पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को जितना संभव हो, उतना कम किया जाए।
आगामी शिक्षण सत्र को ध्यान में रखते हुए चुनौतियों का सामना करने की विस्तृत कार्ययोजना विश्वविद्यालयों को तैयार कर लेनी चाहिए। समस्त विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन शिक्षण तकनीक को निरंतर बढ़ावा देना चाहिए। प्रयास होना चाहिए कि आर्थिक संकट के कारण कोई भी विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं हो।
उन्होंने कोविड-19 की भावी चुनौतियों को देखते हुए लगातार प्रतिस्पर्धी होती वैश्विक अर्थव्ययवस्था के मुताबिक विद्यार्थियों को तैयार करने को कहा। राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों की काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन भी शुरू की जानी चाहिए। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन प्रमाण पत्र वाले पाठ्यक्रम होने चाहिए, जिससे वे कौशल को बढ़ा सकें।
एसएन को करें शंभूनाथ
प्रदेश के उधा शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य संवर्धन सरकार की सर्वोधा प्राथमिकता है। उन्होंने विश्वविद्यालय के नाम में एसएन को शंभूनाथ में प्रतिस्थापित करने के लिए नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता भारतीय शिक्षण मंडल के महामंत्री उमाशंकर पचौरी ने कहा कि चुनौती के इस दौर में सकारात्मकता का संचार और समाज का मनोबल बढ़ाने की आवश्यकता है।
इस कार्य में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्ष भरत शरण सिंह ने विश्वविद्यालय के साथ उनके दीर्घ संबंधों का विवरण देते हुए विश्वविद्यालय के विकास क्रम का स्मरण किया। विश्वविद्यालय के कुलपति मुकेश तिवारी ने विवि का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। आभार विवि के कुलसचिव डॉ. विनय सिंह ने माना।










































