जिला अस्पताल में प्रसव के मामलों में लगातार लापरवाहियां बढ़ती जा रही है। इसी क्रम में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात एक प्रसूता को स्ट्रेचर न मिलने और स्टाफ द्वारा उचित सहयोग न करने के कारण कड़कड़ाती सर्दी में शॉल की आड़ लेकर खुले में ही बच्ची को जन्म देना पड़ा। प्रसव के बाद काफी देर बाद प्रसूता को उपचार मुहैया हो सका। जच्चा-बच्चा की हालत फिलहाल सामान्य बनी हुई है।
जानकारी के अनुसार खोरघार निवासी राजनदेवी जाटव को शुक्रवार की देर रात प्रसव पीड़ा हुई तो उसके स्वजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। एंबुलेंस जब तक गांव पहुंची तब तक प्रसव पीड़ा काफी बढ़ गई थी, लेकिन किसी तरह महिला सुरक्षित जिला अस्पताल पहुंच गई।
गेट पर दिया बच्ची को जन्म
महिला की प्रसव पीड़ा को देखते हुए उसके स्वजनों ने महिला को अंदर तक ले जाने के लिए स्ट्रेचर की तलाश की परंतु उन्हें कहीं कोई स्ट्रेचर नहीं मिला और न ही कोई स्टाफ। इसी दौरान प्रसव पीड़ा बढ़ने की वजह से महिला को अस्पताल की चौखट पर ही खुले बरामदे में प्रसव हो गया। महिला को प्रसव होते देख वहां मौजूद महिलाओं ने अपनी साड़ी और शाल की आड़ कर महिला का प्रसव करवाया लेकिन इसके बाबजूद अस्पताल का कोई भी स्टाफ मौके पर नहीं पहुंचा।