नगर के श्री राम मंदिर परिसर में श्री श्रीरामलला महोत्सव समिति के तत्वावधान में जारी श्रीराम कथा का 2 फरवरी को पूर्णाहुति एवं महाप्रसाद वितरण के साथ समारोह पूर्वक समापन किया गया। जिसमे 1 फरवरी को श्रीराम कथा विराम कर 2 फरवरी को सुबह विधि विधान से पूजा अर्चना करने के उपरांत हवन पूजन किया गया। जिसके बाद महाप्रसाद वितरण किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर धर्मलाभ अर्जित किया। विदित हो कि यह कार्यक्रम पवित्र नगरी अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के नूतन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर 12 दिवसीय भव्य कार्यक्रमों की श्रृंखला का आयोजन किया गया था। जिसमें 22 जनवरी को हर्षोल्लाह के साथ भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर प्रसारण कार्यक्रम देख कर श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के कारसेवकों का सम्मान करने के उपरांत श्रीरामलला की महाआरती कर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया था। इसके अगले दिन 23 जनवरी को भारत के सुप्रसिद्ध भजन गायक प्रदीप वैष्णव नागौर राजस्थान के कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मनमोहक भजनों की प्रस्तुति दी गई। तत्पश्चात 24 जनवरी से श्रीराम कथा का प्रारंभ किया गया इसमें भव्य 1008 कलश की शोभायात्रा नगर के श्री वाल्मीकि मंदिर से निकल गई थी। जो नगर भ्रमण कर श्री राम मंदिर पहुंची जहां शोभायात्रा के समापन के साथ श्रीराम कथा का प्रारंभ किया गया। इस 10 दिवसीय कथा में प्रतिदिन व्यास आसन पर विराजित होकर नोखा राजस्थान से पधारे कथावाचक संत माधव दास जी महाराज के द्वारा शिव पार्वती विवाह, श्रीराम जन्मोत्सव, ताड़का वध एवं अहिल्या उद्धार, श्रीराम जानकी विवाह, वनवास प्रस्थान, केवट प्रसंग, भरत मिलाप के साथ अंतिम दिवस लंका दहन रावण वध एवं श्री राम राज्याभिषेक पर संगीतमय प्रवचन देकर कथा सुनाई गई। वहीं इस दौरान प्रत्येक दिवस जीवंत झांकी आकर्षण का केंद्र रही वहीं श्री राम जानकी विवाह के दौरान नगर के अयोध्या बस्ती से बारात निकाली गई जो पूरा नगर का भ्रमण कर कथा स्थल पहुंची इस दौरान उपस्थित भक्त जनों के द्वारा कथा का श्रवण कर आनंद लिया गया। इसी के साथ 1 फरवरी को कथा विश्राम कर 2 फरवरी को सुबह हवन पूजन और महाप्रसाद का वितरण कर 12 दिवसीय कार्यक्रम का समापन हर्षोल्लाह के साथ किया गया। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान नगर सहित क्षेत्र के लोगों ने बड़ी संख्या में उपस्थिति दर्ज कराई जिन्होंने कथा श्रवण कर महाप्रसाद ग्रहण कर धर्म लाभ अर्जित किया। इस दौरान श्रीरामलला महोत्सव समिति पदाधिकारी सदस्य सहित गणमान्य नागरिकों का सराहनीय योगदान रहा।