सांसद ढालसिंह बिसेन ने पुरातत्व विभाग के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गहरवार से बात करने से किया माना, हाथ दिखाकर किया आगे चलता

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अभी बीते दिनों रविवार को इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्था संग्रहालय में पुरातत्व विभाग द्वारा नैरोगेज के इंजन बोगी का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया था , जिसमें पुरातत्व शोध संस्था के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह गहरवार द्वारा सभी को इस कार्यक्रम में बुलाया था किंतु सांसद ढालसिंह बिसेन को नहीं बुलाया गया जबकि सबसे अधिक नैरोगेज के इंजन की बोगी को लाने में सांसद बिसेन का हाथ था इसके बाद सांसद द्वारा दूरभाष पर यह कहा गया था, कि उन्हें इस लोकार्पण कार्यक्रम की कोई भी जानकारी नहीं दी गई, और इस तरह से जनप्रतिनिधियों की अवहेलना करना गलत है, उसके बाद 26 फरवरी को रेलवे स्टेशन बालाघाट में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हुए शिलान्यास कार्यक्रम में वीरेंद्र गहरवार द्वारा सांसद जी को उनके स्मृति चिन्ह भेंट करने के लिए चर्चा करने गए तो उन्हें सांसद द्वारा उनसे कोई बात नहीं करनी है कहकर आगे जाने को बोल दिया गया

आपको बता दे की अभी बीते दिनों रविवार को इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्था संग्रहालय में पुरातत्व विभाग द्वारा नैरोगेज के इंजन का लोकार्पण कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें पुरातत्व शोध संस्था के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गहरवार द्वारा सभी को इस कार्यक्रम में बुलाया था , किंतु सांसद बिसेन को नहीं बुलाया गया , जबकि सबसे अधिक नैरोगेज के इंजन की बोगी को लाने में सांसद बिसेन का हाथ था इसके बाद सांसद द्वारा दूरभाष पर यह कहा गया था कि उन्हें इस लोकार्पण कार्यक्रम की कोई भी जानकारी नहीं दी गई और इस तरह से जनप्रतिनिधियों की अवहेलना करना गलत है उसके बाद 26 फरवरी को रेलवे स्टेशन बालाघाट में अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत हुए शिलान्यास कार्यक्रम में वीरेंद्र गहरवार द्वारा सांसद जी को उनके स्मृति चिन्ह भेंट करने के लिए चर्चा करने गए तो उन्हें सांसद द्वारा उनसे कोई बात नहीं करनी है कहकर आगे चलते बना दिया ,माना जा रहा है कि यह नैरोगेज के इंजन के लोकार्पण कार्यक्रम में नहीं बुलाने का ही मलाल था

24 फरवरी रविवार को इतिहास एवं पुरातत्व शोध संस्था द्वारा नैरोगेज के इंजन की बोगी का लोकार्पण कार्यक्रम का पुरातत्व संग्रहालय बालाघाट में रखा गया था एवं इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि सहित कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को बुलाया गया था, जबकि इस इंजन की बोगी को लाने के लिए सांसद द्वारा बताया जा रहा था कि उन्होंने अथक प्रयास कर इस बोगी को बिना पैसे के यहां बुलाया था , किंतु कार्यक्रम के दौरान सांसद बिसेन को ही ना बुलाकर इस कार्यक्रम को आयोजित किया गया और पूर्व में रहे कलेक्टर को इनका श्रेय दिया गया , जिसके बाद से ही सांसद बिसेन सहित उनके समर्थकों द्वारा उनको ना बुलाना एवं उनको श्रेय नहीं देने को लेकर आपत्ति जाहिर की गई थी और इसकी शिकायत करने की भी बात कही गई, थी 26 फरवरी को बालाघाट रेलवे स्टेशन में एक शिलान्यास का कार्यक्रम वर्चुअल रूप से रखा गया था जिसमें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद बिसेन थे और इसकी जानकारी मिलते ही पुरातत्व संग्रहालय के जिला अध्यक्ष वीरेंद्र गहरवार रेलवे स्टेशन पहुंचे और उन्होंने श्री बिसेन से लोकार्पण कार्यक्रम में उनके स्मृति चिन्ह देने के लिए चर्चा करनी चाहिए ,किंतु श्री बिसेन द्वारा उन्हें उसे कार्यक्रम से आगे जाने को कह का दिया गया , जिसमें सभी को यही लग रह था की श्री बिसेन को लोकार्पण कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है इस वजह से श्री बिसेन द्वारा वीरेंद्र गहरवार से बात ना करते हुए उन्हें आगे बढ़ाने को कहा गया,

जब इस विषय को लेकर हमने वीरेंद्र गहरवार से चर्चा की तो उन्होंने बताया कि वह उनसे चर्चा करने निश्चित गए थे लेकिन उन्होंने बात करने से मना नहीं किया बल्कि कार्यक्रम चल रहा था , इसलिए उन्होंने बात नहीं किया और रही बात उन्हें कार्यक्रम में बुलाने की तो उन्होंने उन्हें कार्यक्रम में बुलाया था और वह कार्यक्रम 24 फरवरी की जगह 26 फरवरी को करेंने को कह रहे थे किंतु ऐसा नही हुआ इसलिए वह कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो पाए

श्री बिसेन ने मना कर दिया था बोगी लाने से –

किसके प्रयासों से बोगी लाकर लोकार्पण हुआ इस प्रश्न पर वीरेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि 2017 से ही वह सभी कलेक्टर व जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर रहे थे और कलेक्टर आते गए और जनप्रतिनिधि भी जाते गए सभी ने अपने-अपने स्तर पर प्रयास किया और जब श्री बिसेन सांसद बनकरआये तब उनसे हमने बताया कि इतना पैसा लग रहा है बोगी लाने में तो उन्होंने पैसे देने से इनकार कर दिया था उसके बाद उन्होंने प्रफुल्ल भाई पटेल से इस विषय में चर्चा की उन्होंने अपने स्तर पर सभी जनप्रतिनिधि और नेताओं से और अधिकारियों से संपर्क कर इंजन को यहां लाया है इसमें किसी एक का योगदान नहीं है वह इसका श्रेय सभी को देते हैं और यदि श्री बिसेन की व्यक्तिगत तौर पर श्रेय लेना चाहते हैं तो उन्हें श्रेय देने में कोई दिक्कत नहीं है

वह उन सब चीजों पर बात नहीं करना चाहते हैं –

इस श्री बिसेन द्वारा मंच से भी कहा गया कि उन्होंने इंजन लाने के लिए अथक प्रयास किया किंतु उन्हें लोकार्पण के दिन जानकारी तक नहीं दी गई और उन्हें नहीं बुलाया गया तो उन्हें कोई दिक्कत भी नहीं है क्योंकि उन्होंने जनता के लिए काम किया है रेल मंत्री वैष्णो जी से चर्चा कर नि:शुल्क रेल का इंजन उन्हें दिया गया था, नहीं उन्होंने कार्यक्रम में नहीं बुलाने को लेकर कहा कि वह उन सब चीजों पर बात नहीं करना चाहते हैं और उनके पास गहरवार जी आए थे और उनका कोई विषय नहीं है और उन्होंने कहा कि उन्हें जिस प्रकार से बुलाना था उन्होंने नहीं बुलाया इस विषय पर कोई बात नहीं करना चाहते उनका काम था उन्होंने कर दिया, वहीं उन्होंने गहरवार जी को बात करने से मना कर दिया इस विषय पर उन्होंने कुछ नहीं कहा उसके बाद पुरातत्व संग्रहालय के अध्यक्ष गहरवार द्वारा भी मीडिया में एक बयान जारी किया गया और कहा गया कि जो सांसद जी द्वारा उनके साथ व्यवहार किया गया वह उसे व्यवहार की वह निंदा करते हैं भले ही सांसद जी इस विषय पर कुछ नहीं कहना चाहते पर जिस प्रकार उनके साथ व्यवहार हुआ उन्होंने अपना दुख मीडिया के सामने व्यक्त भी किया है

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