स्थानापन्न सरपंच को पंचो ने ग्राम सरपंच मानने से किया इंकार

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जनपद पंचायत वारासिवनी अंतर्गत ग्राम पंचायत कायदी में बीते लंबे समय से विवादों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां पर हर बार किसी न किसी रूप से विवाद की स्थिति बनती ही जा रही है। ऐसा ही 5 अगस्त को हुआ जहां पर ग्राम पंचायत कायदी के पंचायत भवन में स्थानापन्न सरपंच उपसरपंच चुनाव संपन्न होने के बाद पहली बैठक आयोजित की गई जो कोरम पूरा न होने पर स्थगित कर दी गई। जिसमें पंचायत के पंचों के द्वारा स्थानापन्न चुनाव में घोषित सरपंच को सरपंच मानने से स्पष्ट रूप से इंकार कर दिया गया। जहां पर विवादित स्थिति बनी रही और लगातार विपक्ष के पंचों के द्वारा स्थानापन्न चुनाव के माध्यम से स्वयं को सरपंच और उपसरपंच बनाए जाने का दावा करने वाले लोगों से जनपद पंचायत वारासिवनी का आदेश की मांग की जाती रही। हालांकि सरपंच और उपसरपंच के द्वारा लगातार स्थानापन्न कार्यवाही के दौरान प्रस्ताव का हवाला दिया जाता रहा परंतु विवाद बढ़ता देख मौके से स्थानापन्न सरपंच उपसरपंच उनके साथी पंच बाहर निकाल कर घर चले गए। तो वहीं सचिव भी उक्त संबंध में उच्च अधिकारियों से चर्चा करने के लिए तत्काल जनपद पंचायत वारासिवनी आ गये।

यहां है पूरा मामला

ग्राम पंचायत कायदी के सरपंच एवं उपसरपंच पर जिला पंचायत के द्वारा धारा 40 की कार्यवाही को कमिश्नर के द्वारा यथावत कर दिया गया जिसके बाद जिला पंचायत के निर्देश पर जनपद पंचायत वारासिवनी के द्वारा कायदी पंचायत में स्थानापन्न चुनाव सरपंच एवं उपसरपंच के करने के लिए आदेश दिया गया था। जिसके तहत 9 जुलाई 2024 को जिला पंचायत जनपद पंचायत और भारी पुलिस बल की उपस्थिति में चुनाव संपन्न किए गए थे। जिसमें सरपंच पद के लिए पुस्तकला माहुले 10 मत प्राप्त कर एक मत से विजयी हुई थी। वहीं उपसरपंच के लिए चंद्रभान सोनबीरसे और धरमसिंह राजपूत को 9-9 मत प्राप्त हुए थे जिनका निराकरण एसडीएम के यहां से होने की बात कहते हुए प्रस्ताव लिखकर चुनाव प्रक्रिया संपन्न करवा दी गई थी। जिसके करीब 1 महीने बाद 5 अगस्त को पंचायत सचिव के द्वारा ग्राम पंचायत की पहली बैठक बुलवाई गई थी जिसमें स्थानापन्न सरपंच के पक्ष के कल 9 व्यक्ति ही उपस्थित हो पाए जबकि ग्राम पंचायत में 19 पंच है ऐसे में कोरम के लिए 10 व्यक्ति चाहिए जो पूरा न होने पर बैठक पंचायत सचिव के द्वारा स्थगित कर आगामी 7 अगस्त को बैठक बुलवाई गई है। इस दौरान बैठक का समय दोपहर 12:00 बजे होने से बैठक स्थगित होने के बाद विपक्ष के पंच भी पंचायत में पहुंचे जहां पंचायत सचिव से बैठक बुलाने का आदेश एवं स्थानापन्न सरपंच और उपसरपंच के संबंध में जनपद पंचायत वारासिवनी के आदेश मांगने लगे कि हम कैसे माने यह सरपंच उपसरपंच है। उपसरपंच का चुनाव तो एसडीएम कहां से होना था जिसमें अभी तक कोई आदेश भी नहीं हो पाया है तो किस प्रकार यह स्वयं को सरपंच उपसरपंच बोल रहे हैं इसी विषय को लेकर पक्ष और विपक्ष में विवाद होने लगा। जहां बढ़ते विवाद को देखते हुए सत्ता पक्ष के पंच ग्राम पंचायत से बाहर निकल कर चले गए एवं विपक्ष के पंच पंचायत में बैठे रहे। जिनके द्वारा सचिव से लगातार आदेश की मांग की जाती रही जिस पर सचिव के द्वारा उच्च अधिकारियों से चर्चा करने की बात कहते हुए तत्काल जनपद पंचायत के लिए रवाना हो गये इसके बाद पूरा विवाद शांत हुआ।

सत्ता पक्ष में विपक्ष पर उनके पंच को किडनैप करने का लगाया आरोप

ग्राम पंचायत कायदी में बताया जाता है कि सत्ता पक्ष के पास 10 पंच है तो वहीं विपक्ष के पास 9 पंच है इस प्रकार ग्राम पंचायत में कुल 19 पंच है। ऐसे में बैठक के कोरम के लिए 10 पंचो की आवश्यकता होती है। 5 अगस्त को ग्राम पंचायत की बैठक आयोजित की गई थी जिसमें विभिन्न विषयों को लेकर चर्चा की जानी थी। ऐसे में सत्ता पक्ष के 10 में 9 ही पंच ग्राम पंचायत में उपस्थित हो पाये एक पंच नहीं पहुंच पाया जिस कारण से बैठक को स्थगित करना पड़ा। ऐसे में सत्ता पक्ष के द्वारा विपक्ष पर उनके एक पंच कोमल अडमे को भ्रमित कर कमरे में बंद कर किडनैप करने का आरोप लगाया गया है जिससे कि बैठक पूरी ना हो सके।

पंच चंद्रभान सोनबीरसे ने बताया कि 9 जुलाई को पंचायत में सम्मेलन बुलाया गया था जहां जनपद और जिला पंचायत के द्वारा स्थानापन्न सरपंच उपसरपंच के चुनाव करवाये गये। इसमें सरपंच का चुनाव हुआ उपसरपंच के लिए मेरे द्वारा एवं धरम सिंह राजपूत के द्वारा फॉर्म भर गया हम दोनों को 9-9 मत मिले परिणाम नहीं निकल पाया। हमें एसडीएम के यहां से निर्णय करने की बात कह दी गई परंतु बिना कोई लेटर के सचिव के द्वारा बैठक रख ली गई हम चाहते हैं यह चुनाव शून्य हो या जनपद पंचायत प्रमाण पत्र दे लिखित में हम इस बैठक रखने वाली कार्यवाही की निंदा करते हैं। हमारे यहां जो चुनाव कराने अधिकारी आए थे उन्होंने कहा था कि हम चुनाव का परिणाम जनपद से बताएंगे जहां से अभी तक कोई आदेश नहीं मिला है और कोरमा नहीं पूरा हुआ इसलिए बैठक भी स्थगित हो गई है।

पंच ओमप्रकाश मेश्राम ने बताया कि बैठक कोरम के अभाव में स्थगित हो गई है आगामी बैठक 7 अगस्त को रखी गई है। हमारा विरोध केवल यही है कि उपसरपंच और सरपंच का चुनाव हुआ परंतु आज तक उसमें लिखित आदेश से कोई अवगत नहीं करवाया गया है लेटर के माध्यम से अधिकारी ने भी नही बताया। उप सरपंच के परिणाम पर एसडीएम निर्णय लेंगे कहा गया था परंतु आज तक कोई निर्णय नहीं हुआ है और हमें कोई लेटर भी नहीं मिला है। निर्वाचन में कौन क्या हुआ इसकी हमें जानकारी नहीं है सचिव से पूछा गया तो वह उच्च अधिकारियों से जानकारी लेकर बताएंगे कहते हुए चले गए।

स्थानापन्न सरपंच पुस्तकला माहुले में बताया कि ग्राम पंचायत में निर्वाचन के बाद बैठक रखे थे ताकि कुछ प्रस्ताव लेकर कार्य प्रारंभ किया जाए। किंतु विपक्ष ने हमारे एक पंच को किडनैप कर लिया गया जिस कारण कोरम पूरा नहीं हुआ अब अगली बैठक 7 अगस्त को निकल गई है। हमारे द्वारा एसडीम और सीईओ जनपद पंचायत से चर्चा की गई थी कि हमें आदेश दिया जाए तो उन्होंने प्रस्ताव ही आपका प्रमाण है कहा था। इसमें पत्र नहीं होता है जब फूलफ्लैश चुनाव होता है तो उसमें निर्वाचन पत्र दिया जाता है अब इन लोगों को जानकारी का अभाव है। जबकि निर्वाचन के समय सबको पता चल गया था इन लोगों की उपस्थिति में सब हुआ है ऐसा लगता है यह केवल विवाद करना चाहते हैं।

जितेंद्र सुलाखे ने बताया कि विकास कार्य की पहली बैठक रखी गई थी हम 10 लोग हैं और विपक्ष के नौ है ऐसे पंचायत में 19 पंच है। हमारा एक पांच कोमल अडमे को बहला फुसलाकर इन्होंने कमरे में बंद कर लिया था और अपने पंचों को पंचायत में आने से रोक दिया गया। जिस कारण संख्या के अभाव में सचिव को बैठक स्थगित करना पड़ा कोरम को पूरा करने के लिए 10 पंचों की जरूरत है। इससे ऐसा लग रहा है कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है या जानकारी का अभाव है निर्वाचन के प्रस्ताव ही स्थानापन्न सरपंच का प्रमाण होता है।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी दीक्षा जैन ने मौखिक चर्चा में बताया कि पंचायत अधिनियम के तहत जनपद पंचायत स्थानापन्न सरपंच उपसरपंच का कोई आदेश जारी नहीं करती है। पंचायत में सभी पंचों की उपस्थिति में निर्वाचन संपन्न किया जाता है जिसमें उन्ही के बीच के एक व्यक्ति को बहुमत से चुना जाता है और बनने वाले स्थानापन्न सरपंच के लिए ग्राम पंचायत की बैठक के रजिस्टर में लिखे गए प्रस्ताव ही प्रमाण होता है। यह एक व्यवस्था है निर्वाचन तक की जब ग्राम पंचायत चुनाव होगा हर आम व्यक्ति अपने मत का प्रयोग करेगा तो उसे प्रमाणित किया जाएगा। उपसरपंच का निर्धारण कायदी में नहीं किया गया है इस संबंध में जिला पंचायत के द्वारा दूसरा लेटर जारी किया गया था कि स्थानापन्न उपसरपंच का चुनाव नहीं होता है।

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