नगर पालिका द्वारा चल रहे सरेखा ओवर ब्रिज निर्माण कार्य को देखते हुए हनुमान चौक से सरेखा रेलवे क्रासिंग तक एक बार फिर अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई है, जिसमें नगर पालिका द्वारा दोनों और से विद्युत पोल को शिफ्टिंग करने के बाद अतिक्रमणकारियों को कुछ दिन कि समय सीमा दी गई थी, जिसके बाद भी लगभग दोनों और के अतिक्रमणकारियों द्वारा अपना अतिक्रमण नहीं हटाया गया उसके बाद नगर पालिका द्वारा जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर अतिक्रमण की कार्रवाई की गई है, यह अतिक्रमण की कार्यवाही लगभग दो से तीन दिन तक हनुमान चौक से लेकर सरेखा रेलवे क्रासिंग तक चलती रहेगी
आपको बता दे कि सरेखा रेलवे क्रॉसिंग पर चल रहे ओवर ब्रिज निर्माण कार्य को देखते हुए नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण को हटाने कि कार्रवाई 2 फरवरी को कि गई है जिसमें नगर पालिका द्वारा हनुमान चौक से लेकर सरेखा रेलवे क्रासिंग तक दोनों ओर से विद्युत पोल को शिफ्टिंग का कार्य किया गया है, जिसमें विद्युत को शिफ्टिंग के बाद देखा गया कि दोनों ओर के अधिकतर रहवासियों एवं कुछ स्थानीय दुकानदारों द्वारा अपने स्थानीय निवास व दुकानों के साइड से लेकर घरों की गैलरी बाहर कि ओर निकल ली गई थी , इसके बाद नगर पालिका ने विद्युत पोल शिफ्टिंग के बाद देखा कि अधिकतर हनुमान चौक से रेलवे क्रॉसिंग की ओर अतिक्रमण कर रोड की ओर स्थानीय निवासी द्वारा टिन सेड व मकान कि गैलरी निकाल ली गई है, जिसे नगर पालिका द्वारा नियमानुसार नोटिस देकर अतिक्रमण हटाने कि अपील नगर पालिका द्वारा कि गई थी किंतु किसी ने भी नगर पालिका के नोटिस का जवाब नहीं दिया जिसके बाद नगर पालिका द्वारा 2 फरवरी को नगर पालिका और जिला प्रशासन के अमले के साथ हनुमान चौक से लेकर सरेखा रेलवे क्रासिंग तक किया गया दोनों ओर का अतिक्रमण को हटाया गया है जिसमें नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत कुमार श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि विद्युत पोल को शिफ्टिंग करना है , जिसको देखते हुए उन्होंने पहले ही अतिक्रमणकारीयों को नोटिस दिया था , किंतु किसी ने भी अपना अतिक्रमण नहीं हटाया जिसके बाद नगर पालिका द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलाकर लगभग 51 मकान को चिन्हित कर उनका कच्चा एवं पक्का अतिक्रमण को जेसीबी के माध्यम से तोड़ते हुए अतिक्रमण को हटाया जा रहा है और यह कार्रवाई लगभग दो से तीन दिन तक हनुमान चौक से सरेखा रेलवे क्रासिंग तक चलती रहेगी,
कुछ पक्के मकानों कि गैलरी भी तोड़ी गई –
आपको बता दे कि अधिकतर अतिक्रमण की कार्यवाही में जिला प्रशासन द्वारा महज दुकानों के टिन सेड को तोड़कर जिला प्रशासन अतिक्रमण की कार्रवाई करता है , किंतु इस बार अतिक्रमण की कार्रवाई में कुछ पक्के मकान की पक्की गैलरी को भी अतिक्रमण की कार्यवाही में तोड़ा गया है जिसको देखकर आने-जाने वाले लोगों का कहना था कि शायद इस बार जिला प्रशासन के द्वारा सही अतिक्रमण की कार्यवाही की जा रही है ,एवं कुछ लोगों द्वारा अपने पक्के मकान बनाते समय अपने मकान की गैलरी को बाहर कि ओर बना ली गई थी , जो पक्का निर्माण कार्य हुआ था उसे भी अतिक्रमण कि कार्रवाई के दौरान तोड़ा गया ,जो कि चर्चा का विषय बना रहा
नहीं आयी राजनीतिक पहुंच कम –
आपको बता दे कि अतिक्रमण की कार्यवाही के दौरान कुछ मकान और दुकान ऐसी भी थी जहां पर कुछ राजनीतिक पहुंच रखने वाले लोगों ने अपने राजनीतिक नेताओं से संपर्क भी किया , किंतु चल रहे ओवर ब्रिज के निर्माण काम में विद्युत शिफ्टिंग एक महत्वपूर्ण कार्य था , जिसकी वजह से इस बार किसी को भी कोई राजनीतिक पहुंच का लाभ नहीं मिला और अतिक्रमण की कार्यवाही नियम अनुसार चलती रही , हालांकि कुछ जगह यह देखने भी मिला कि कुछ अतिक्रमणकारियों के द्वारा अपने चित परिचित नेताओं को बुलाकर या उनसे दूरभाष पर संपर्क किया गया किंतु प्रशासन द्वारा सरेखा ओवरब्रिज का हवाला देते हुए अतिक्रमण की कार्यवाही को बखूबी पुरी की गई