गुरुवार को जिला मुख्यालय सहित अन्य ग्रामीण अंचलों में राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबा फुले की 197 वी जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।जहां जयंती विशेष पर जगह-जगह विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन कर महात्मा ज्योतिबा फुले को याद किया गया। इसी कड़ी में नगर में प्रतिवर्ष की तरहा इस वर्ष भी नगर मरार माली समाज समिति बालाघाट द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिबाफुले जी की जयंती उत्साह पूर्वक मनाई गई। जहां जयंती विशेष के अवसर पर सामाजिक बंधु महात्मा ज्योतिबाफुले चौक सरेखा मंगल भवन में एकत्र हुए। जहां सामुहिक रूप से एक बाइक रैली निकालकर जयंती की शुरुवात की गई। यह बाइक रैली सरेखा मंगल भवन से सीधे सरेखा स्थित महात्मा ज्योतिबा राव फुले चौक पहुंची।जहा समाज संगठन के पदाधिकारी सहित अन्य सामाजिक बंधुओ ने राष्ट्रपिता ज्योतिबा राव फुले और राष्ट्रमाता सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया तो वही प्रतिमा के समीप कैंडल जलाकर नमन वंदन कर, आयोजन को लेकर अपने विचार रखें।इसके तुरंत बाद यह रैली सरेखा चौक से हनुमान चौक, वहां से राम मनोहर लोहिया चौक वहां से सिंधु भवन होते हुए सीधे आंबेडकर चौक पहुंची। जहां डॉ भीमराव आंबेडकर साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयकारे लगाए गए। इसके उपरांत यह बाइक रैली आंबेडकर चौक से जय स्तंभ चौक वहां से काली पुतली चौक होते हुए सीधे बस स्टैंड स्थित रानी अवंती बाई चौक पहुंची जहां रानी अवंती बाई की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर जयकारे लगाए गए, तो वही यहां रैली रानी अवंती बाई चौक से सीधे जय स्तंभ चौक स्थित माता सावित्रीबाई फुले छात्रावास पहुंची। जहां मंचीय कार्यक्रम संपन्न कराए गए। छात्रावास में आयोजित मंचीय कार्यक्रम में समाज संगठन के जुड़े विभिन्न वक्ताओं और पदाधिकारियो ने अपने विचार रखे ,तो वहीं उन्होंने अपने संबोधन में महात्मा ज्योतिबा फुले की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए उनकी जीवनी से प्रेरणा लेने ,उनके बताए हुए मार्ग पर चलने, और उनकी दिनचर्या सहित समाज सुधार को लेकर किए गए कार्यों का वर्णन करते हुए उनके दिए हुए उपदेशों पर चलने का संकल्प लिया।वही सभी वक्ताओं ने समाज के सभी लोगो को साथ लेकर चलने, समाज संगठन को मजबूत बनाने और महात्मा ज्योतिबा राव फुले के सपनों को पूरा करने की बात कही।इस दौरान नगर मरार माली समाज बालाघाट जिला अध्यक्ष रमेश पांचे, नगर अध्यक्ष छबीराम नागेश्वर, उपाध्यक्ष रामभाऊ पंचेश्वर सहित समाज संगठन के अन्य पदाधिकारी, सदस्य व सामाजिक बंधु प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।