जिस प्रकार से सरेखा बहु चर्चित ओवरब्रिज में बनने वाले अंडरपास के लिए तय सीमा 30 अप्रैल खत्म हो गई थी किंतु रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा यह कहा जा रहा था कि 5 मई तक अंडरपास की लांचिंग की जाएगी और 15 मई तक अंडरपास का काम खत्म कर दिया जाएगा जिसके लिए बिलासपुर से आने वाली क्रेन को 4 मई की रात्रि 10 से 11:00 बजे रजेगाव के टोल नाके में टैक्स के लिए रोक लिया गया और 5 मई को जब कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा के द्वारा हस्तक्षेप किया गया उसके बाद क्रेन को टैक्स में रियाद देने के बाद आगे बढ़ाया गया जिसके चलते एक दिन और अंडरपास का काम रुक गया ,उसके बाद अब 6 मई से अंडरपास का काम रात्रि से शुरू किया जाएगा और अंडरपास से ट्रेन की पटरी को काटकर बिठाया जाएगा इसके लिए संबंधित विभाग द्वारा सारी प्रक्रिया कर ली गई है
आप को बता दे की निर्माणाधीन सरेखा रेलवे ओवरब्रिज के पास बनने वाले रेलवे अंडरपास के लिए रुकावटों का क्रम जारी है। पांच मई, रविवार को अंडरपास की लांचिंग यानी गर्डर बिछाने, जमीन में सुरंग बनाने का काम होना था। इसके लिए रेलवे ने करीब चार घंटों के लिए सभी ट्रेनों की आवाजाही बंद करने के लिए योजना भी तैयार कर ली थी, लेकिन अंडरपास की लांचिंग के लिए बिलासपुर से बालाघाट आ रही विशालकाय क्रेन मशीन समय पर कार्य स्थल नहीं पहुंच सकी, जिसके चलते रविवार को होने वाला आवश्यक कार्य टल गया। हालांकि, रेलवे इंजीनियरों का दावा है कि अंडरपास की लांचिंग का काम आज सोमवार की देर रात शुरू होगा, जिसके लिए बालाघाट रेलवे के साथ लगभग तीन घंटे 55 मिनट के लिए ट्रेनों की आवाजाही बंद की जाएगी। बताया गया कि ये काम रात करीब 12 बजे से शुरू होगा, ताकि यात्री या मालगाड़ियों का परिचालन अधिक प्रभावित न हो। इंजीनियरों का कहना है कि आगामी 15 दिनों में सरेखा रेलवे अंडरपास का काम लगभग पूरा हो जाएगा और ओवरब्रिज निर्माण में तेजी आने के साथ वाहन चालकों को सहूलियत मिलेगी।
स्टेट व एंट्री टैक्स के कारण रातभर खड़ी रही मशीन –
दरअसल, अंडरपास निर्माण में इस्तेमाल होने वाली 400 टन वजनी इस क्रेन मशीन को शनिवार रात बालाघाट आना था, ताकि रविवार रात को काम शुरू किया जा सके। क्रेन मशीन अपने तय समय पर बालाघाट पहुंचने ही वाली थी कि इसे रजेगांव चेकपोस्ट पर रोक लिया गया। चेकपोस्ट में चालक व परिचालक से स्टेट और एंट्री टैक्स मांगा गया। क्रेन मशीन के साथ आए इंजीनियरों ने बताया कि चेकपोस्ट पर उनसे 20 हजार रुपये स्टेट टैक्स और 20 हजार रुपये एंट्री के रूप में मांगे जा रहे थे, जिसके लेकर हमने विरोध किया, क्योंकि इन बड़ी मशीनों को एंट्री टैक्स दस हजार रुपये है। देर तक टैक्स पर असहमति बनी रही। रात अधिक होने के कारण चालक-परिचालक ने चेकपोस्ट पर ही रात्रि विश्राम किया। सुबह उन्होंंने इसकी सूचना गोंदिया रेलवे के अधिकारियों की दी। रेलवे अधिकारियों की समझाइश का भी असर न होने के बाद कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा। 30 हजार रुपये स्टेट और एंट्री टैक्स देने के बाद रविवार सुबह करीब दस बजे बालाघाट की ओर जाने की इजाजत दी गई, लेकिन इस दौरान रेलवे इंजीनियरों, क्रेन मशीन के चालक-परिचालक और सेतु संभाग के अधिकारियों को देर तक परेशान होना पड़ा।
पटरी काटकर बिछाएंगे गर्डर –
वरिष्ठ सेक्शन अधिकारी (रेलवे, गोंदिया) मल्लिकार्जुन राव ने नईदुनिया से चर्चा में बताया कि चेकपोस्ट में टैक्स को लेकर बनी स्थिति के कारण अंडरपास लांचिंग का काम बाधित हुआ है, क्योंकि एक निश्चित समय में ट्रेनों की आवाजाही बंद कर लांचिंग का काम काफी पेचीदा और जोखिमभरा होता है। सोमवार रात को ये काम शुरू करेंगे, जिसके लिए पहले 3.55 घंटे के लिए ट्रेनें बंद की जाएंगी। इस बीच अंडरपास के दायरे में आने वाली पटरियों को काटकर अलग किया जाएगा और मिट्टी हटाई जाएगी। फिर क्रेन मशीन की मदद से डेढ़ फीट ऊंचे गर्डर बिछाए जाएंगे और दोबारा पटरियां जोड़ी जाएगी। इसके बाद दो पोकलैन मशीन की मदद जमीन में विशालकाय गड्ढा किया जाएगा और अंडरपास के दोनों छोर को मिलाया जाएगा। इस पूरे काम में लगभग 15 दिनों का समय लगेगा।
संकरी सर्विस रोड के चलते बदलना पड़ा रूट –
सरेखा रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण के दौरान बनाई गई सर्विस रोड कम चौड़ी होने के कारण क्रेन मशीन को अंडरपास स्थल तक पहुंचाने के लिए तय रूट में परिवर्तन करना पड़ा। बताया गया कि यह मशीन पहले सरेखा-कोसमी राेड होते ही अंडरपास पहुंचने वाली थी, लेकिन मशीन की चौड़ाई व लंबाई अधिक होने और सर्विस रोड संकरी होने के कारण क्रेन मशीन को नवेगांव, गोंगलई होते हुए जागपुर घाट, पालीटेक्निक कालेज के सामने से सरस्वती नगर, गुरुद्वारा रोड होते हुए सरेखा फाटक तक लाना पड़ा, जिसमें अतिरिक्त समय व ईंधन खर्च हुआ।