अतिक्रमण हटाने के नाप पर यह कैसी कार्यवाही?

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इसे नगर पालिका के जिम्मेदारो का उदासीन रवैया कहे या फिर लाचार कार्य प्रणाली, की जिन व्यवस्थाओं को बनाने के लिए नगर पालिका द्वारा जगह-जगह से अतिक्रमण हटाकर व्यवस्थाओं में सुधार करने की बात कही जा रही है। वहा से अतिक्रमण हटाने के बाद भी अब तक व्यवस्थाए नही बनाई गई है।वही पिछले एक सप्ताह के भीतर नपा ने जहां-जहां से अतिक्रमण हटाया है वहां वहां फिर से लोगों ने दोबारा अतिक्रमण कर अपने कब्जे जमा लिए हैं।जिसका एक नजरा इन दिनों नगर में देखने को मिल रहा है।जहां इतवारी बाजार, गुजरी परिसर और ट्रॉमा सेंटर परिसर भी इससे अछूता नहीं है।बात अगर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर परिसर की करें तो यहां से करीब 10 दिन पूर्व अतिक्रमण हराया गया।लेकिन किसी की मॉनिटरिंग ना होने के चलते फिर से लोगों ने इस जगह पर अपना कब्जा जमा लिया था।और यहां की व्यवस्थाए पूर्व की भांति बिगड़ी हुई नजर आ रही थी। जिस पर एक बार फिर सोमवार की शाम नगर पालिका का अमला जेसीबी ट्रैक्टर सहित अन्य लाहो लश्कर के साथ ट्रामा सेंटर परिसर में कार्यवाही करने पहुंचा और एक बार फिर से ट्रामा सेंटर परिसर का अतिक्रमण हटाया गया। लेकिन अतिक्रमण करने वालों ने अपना अतिक्रमण हटाकर एक बार फिर से नपा की भूमि पानी टंकी परिसर में अपने ठेले व दुकान रख दी।मतलब साफ है पिछली बार की तरह फिर कुछ दिन बाद पानी टँकी परिसर में रखी गई ये दुकानें ट्रामा सेंटर परिसर में सज जाएगी और फिर से नपा को यह कार्यवाही करनी पड़ेगी।ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िम है कि जब व्यवस्थाएं बनाना ही नहीं है तो फिर बार बार अतिक्रमण क्यों हटाया जा रहा है और जब अतिक्रमण हटाया जा रहा है तो फिर इसकी मॉनिटरिंग क्यों नहीं की जा रही है और जब मॉनिटरिंग की जा रही है तो फिर लोगों ने महज सप्ताह भर के भीतर उक्त स्थान पर अतिक्रमण कैसे कर लिया? यही सभी सवाल नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं तो वही जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों के उदासीन रवैये को भी प्रदर्शित करते हैं।

अतिक्रमण हटाने और डटाने का यू ही चलता रहेगा सिलसिला
नपा का अमला सोमवार की शाम जब अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्यवाही करने पहुँचा तो इस दौरान देखने वाली बात यह रही कि लोगों ने पिछली बार की तरह इस बार भी बुलडोजर कार्यवाही से बचने और अपने ठेले को जप्ती होने से बचने के लिए अपने-अपने अतिक्रमण स्वयं हटा लिए। जिन्होंने वहां से अतिक्रमण हटाने के बाद अपने ठेले नपा की आरक्षित पानी टँकी भूमि पर सजा लिए।हैरान करने वाली बात तो ये है कि यह सब नगर पालिका के कर्मचारियों की मौजूदगी में हुआ। जहां कार्रवाई से बचने के लिए सभी ने अपने-अपने ठेले ट्रामा सेंटर परिसर से हटाकर, ट्रामा सेंटर के बाजू में नपा भूमि पानी टंकी के समीप ले जाकर रख लिए। जहा अपनी अपनी दुकानें व ठेले सुरक्षित रख, बाउंड्रीवाला का गेट की बंद कर दिया। मतलब साफ है कि नगर पालिका कर्मचारी स्वयं अपने सामने लोगों को अतिक्रमण करने का मौका दे रहे हैं।ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि जिन लोगों ने नपा भूमि पानी टंकी के नीचे अपनी दुकान व ठेले ले जाकर रखे हैं। वे लोग 8-4 दिन में माहौल शांत होने के बाद फिर से अपने ठेले व दुकान ट्रामा सेंटर परिसर में लगा लेंगे और फिर से वहां की व्यवस्थाएं बिगड़ जाएगी और फिर दोबारा नगर पालिका को इसी तरह नगर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करनी पड़ेगी। मतलब साफ है कि अतिक्रमण को हटाने और उसे बचाने का यह खेल यूं ही चलता रहेगा।

इसलिए दो बार हटाया जा चुका है अतिक्रमण
बताया जा रहा है कि जिला अस्पताल परिसर ट्रामा सेंटर के सामने फुटपाथ पर लगाई गई आस्थाई दुकानों को लेकर सीएम हेल्पलाइन में किसी ने शिकायत दर्ज कराई थी।जिसमें जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में आने जाने, परिसर में गंदगी होने, मरीज और उनके परिजनों के उठने बैठने की जगह में अतिक्रमण करने और एंबुलेंस के आवागमन में दुकानों के चलते परेशानी होने की बात का उल्लेख किया गया था। जिसके चलते पिछले दिनों नपा द्वारा अस्थाई दुकानों को ट्रामा सेंटर परिसर से हटाने की कार्यवाही की गई थी। लेकिन अतिक्रमण करने वालो ने कार्यवाही के बाद फिर से अपनी दुकानें सजा ली थी।जिसपर नपा अमले ने सोमवार को फिर से अतिक्रमण हटाने की यह कार्यवाही की है।

जुमा जुमा 7 दिन भी नही बीते की फिर हो गया था अतिक्रमण
आपको बताए कि नगर के जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर के सामने फुटपाथ की जगह,ट्रामा सेंटर और जिला अस्पताल आने वाले मरीजों के परिजनों के बैठने उठने व आराम करने के लिए पूर्व से संरक्षित है।लेकिन उक्त फुटपाथ भूमि पर कुछ आस्थाई दुकानदारों ने कब्जा कर अपनी दुकानें सजा ली थी। जहां वे चाय नाश्ता, कपड़ा, गुटखा, तंबाकू पान ठेला, सलून, फोटो कॉपी सहित अन्य दुकानें सजाकर अपना व्यापार कर रहे थे। जिसके चलते जहां एक ओर ट्रामा सेंटर परिसर में जहां-तहाँ गंदगी नजर आ रही थी। तो वहीं दूसरी ओर आसपास दुकान लग जाने के चलते एंबुलेंस आने-जाने में भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।जिसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन में की गई थी। आए दिनों मिल रही इन्हीं शिकायत को देखते हुए नगर पालिका कार्यालय अधीक्षक बीएल लिल्हारे के नेतृत्व में पिछले दिनों अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की गई थी। जहां नपा ने ट्रामा सेंटर के सामने फुटपाथ पर लगाए गए करीब एक दर्जन से अधिक दुकानों को हटाने की कार्यवाही की थी।तो वहीं जेसीबी की मदद से कुछ हाथठेलों को भी जप्त किया था। लेकिन इस कार्यवाही को बीते जुमा जुमा ठीक से 7 दिन भी नही बीते कि थे कि इस परिसर में लोगो ने अपना कब्जा जमाना शुरू कर दिया था।वही जिन जिन स्थानों से नपा ने अतिक्रमण हटाने का काम किया था।उन्ही जगहों में दुबारा से अतिक्रमण कर दुकानें तान ली गई थी।जिसे एक बार फिर से हटाने की कार्यवाही नपा द्वारा की गई है।

फिर चार दिन की चाँदनी ना साबित हो जाए कार्यवाही
ट्रॉमा सेंटर परिसर में चंद दिनों के अंतराल में की गई अतिक्रमण हटाने की दूसरी कार्यवाही और कार्यवाही के बाद नपा की भूमि पर सुरक्षित रखे गए हाथ ठेले व दुकानो को देखकर फिर से मन में सवाल उठने लगे हैं कि कहीं यह कार्यवाही भी चार दिन की चांदनी साबित ना हो जाए। और यदि ऐसा होता है तो दो बार अतिक्रमण हटाने के बाद भी तीसरी बार उसके स्थान से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करनी पड़ेगी कहीं ऐसा ना हो कि यह कार्यवाही एक सिलसिला बन जाए। और आए दिनों ऐसी ही कार्यवाही कर खाना पूर्ति होती रहे।

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