अमेरिका में किराए के मकान और हाउसिंग नीति को लेकर लोगों का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। अमेरिका में उग्र आंदोलन होने लगे हैं। लोगों को मकान छोड़कर कार पर या शेयरिंग में रहने के लिए विवश होना पड़ रहा है। घर नहीं होने के कारण अब उन्हें लोन और नौकरी मिलने में भी परेशानी हो रही है। किरायेदारों ने अब अपने संगठन बनाना शुरू कर दिए हैं। पिछले 2 सालों से मकान के मूल्यों और किराए में भारी वृद्धि होने के कारण करीब 1 करोड़ 10 लाख अमेरिकी परिवारों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
पिछले 2 वर्षों में इन परिवारों की आय 50 फ़ीसदी घट गई है। किराया 20 फ़ीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। अमेरिका में वेतन का लगभग 50 फ़ीसदी खर्च किराए के मकान पर होता है। ऐसी स्थिति में अमेरिका में किराए के मकानों में रहने वाले नागरिकों को, मकान खाली करके रात कार में गुजारनी पड़ रही है। सार्वजनिक शौचालयों का उपयोग करना पड़ रहा है। इंटरनेट के लिए लाइब्रेरी की मेंबरशिप लेनी पड़ रही है। जिसके कारण लाखों परिवारों का जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
अमेरिका की सरकार इस मामले में कुछ प्रयास तो कर रही है। लेकिन वह नाकाफी साबित हो रहे हैं। जिसके कारण स्थितियां तेजी के साथ बदल रही हैं। समूह में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। राजनीतिक तौर पर भी इसका असर राजनीतिक दलों पर पड रहा है। लाखों लोग किराए के मकान खाली करके आवासहीन जीवन जीने के लिए मजबूर हैं।