अर्थी से उठकर बुजुर्ग बोले-मैं जिंदा हूं, सुनकर खुशी में बदला मातम

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जिले के लवकुशनगर में चंदला रोड पर रहने वाले 96 वर्षीय बुजुर्ग मनसुख कुशवाहा को मृत समझकर परिजनों ने उनके अंतिम संस्कार की तैयारियां कर ली। तभी बुजुर्ग अर्थी से उठकर बोला मैं अभी मरा नहीं जिंदा हूं। यह सुनकर सारा मातमी माहौल खुशियों में बदल गया।

जानकारी के अनुसार मनसुख कुशवाहा का दो वर्षों से बीमार थे। पैर टूट जाने से वे चल नहीं पाते थे। मनसुख का छोटा बेटा रामकृपाल कुशवाहा और उसका परिवार बुढ़ापे में उनका सहारा था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने से इलाज में परेशानी भी हो रही थी। बीते रोज अचानक मनसुख की तबीयत खराब हुई, वे निढाल हो गए। परिवार के लोगों ने उन्हें मृत समझकर बुजुर्ग मनसुख लाल की मृत्यु की सूचना नाते-रिश्तेदारों को सूचना दे दी। सगे-संबंधी घर पहुंच गए। गऊ पूजन कराके अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू कर दी गईं। इसी बीच अर्थी पर लेटे मनसुख उठकर बैठ गए। यह देखकर लोगों के आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा और सारा मातमी माहौल हंसीखुशी में बदल गया। फिलहाल उनकी हालत ठीक बताई गई है।

शहर में हाइवे से अतिक्रमण हटाया गयाः शहर से गुजरे हाइवे पर कब्जा कर दुकाने चलाने वाले छोटे कारोबारियों को अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कर शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाने की मुहिम एक बार फिर शुरू हो गई है।मंगलवार को तहसीलदार अभिनव शर्मा के नेतृत्व में नगर पालिका और पुलिस अमले ने शहर के दो स्थानों पर यह मुहिम चलाई है। दोपहर 12 बजे सबसे पहले एमपीईबी कार्यालय के समीप कपड़े, फर्नीचर, जूते आदि की दुकानें सड़क पर लगाने वालों को यहां समझाईश देकर उनके अतिक्रमण को हटा दिया। इसके बाद यह अमला सर्किट हाउस तिराहे पर पहुंचा। यहां शासकीय जमीन पर कई कब्जेधारी गुमटियां, कबाड़ की दुकान और सिलबट्टे बनाने वालों का अतिक्रमण हटाया गया। तहसीलदार ने इस तरह के व्यापारी मेला ग्राउण्ड या शहर की अन्य चिन्हित गलियों में शिफ्ट करने की बात कही है।

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