आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाने वाले बांए हाथ के तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह डेथ ओवरों में टीम के नये विशेषज्ञ गेंदबाज के तौर पर उभरे हैं। एशिया कप और टी20 विश्वकप में अपने प्रदर्शन से अर्शदीप ने अपने को डेथ ओवरों के गेंदबाज के तौर पर साबित भी किया है। वह अपनी योर्कर गेंदबाजी से विरोध टीम को कोई अवसर नहीं देते। बांग्लादेश के खिलाफ इस युवा तेज गेंदबाज ने अंतिम ओवरों में शानदार गेंदबाजी कर भारतीय टीम को जीत दिलायी। उन्हें अनुभवी मोहम्मद शमी पर वरीयता देते हुए अंतिम ओवर दिया गया जिसमें अर्शदीप ने अपने को साबित किया।
अगर अर्शदीप के अंतरराष्ट्रीय टी-20 क्रिकेट करियर की बात करें तो उन्होंने अभी तक महज़ 14 मैच ही खेले हैं। ये उनका पहला वर्ल्ड कप है। टी-20 वर्ल्ड कप से पहले टीम इंडिया के सामने यह सबसे बड़ा सवाल था कि आखिर डेथ ओवर्स में कौन गेंदबाजी करेगा क्योंकि मुख्य तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के चोट की वजह से विश्व कप के बाहर को गये थे।
अर्शदीप के अब तक के प्रदर्शन से खुश कप्तान रोहित शर्मा ने कहा, अर्शदीप जब टीम में आए थे तो हमने उन्हें डेथ ओवर्स में गेंदबाज़ी करने को कहा था। बुमराह के नहीं होने पर किसी भी गेंदबाज के लिए मुश्किल काम है। एक युवा खिलाड़ी के लिए ऐसा काम करना आसान नहीं है, लेकिन हमने उन्हें इसके लिए तैयार किया है। पिछले 8-9 महीनों से हमारे लिए वो ऐसा कर रहे हैं। रोहित ने कहा, मुझे ऐसे खिलाड़ी का समर्थन करना था जो नियमित तौर पर ऐसा कर रहा है। अर्शदीप इसमें सफल रहे।अर्शदीप ने अपनी बाउंसर पर निर्भर रहते हुए डेथ ओवरों में कुछ शानदार गेंदबाजी की है. यह पूछने पर कि वह ऑस्ट्रेलिया के हालात में अपनी लेंथ पर क्या काम कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘हम लगभग एक हफ्ता पहले पर्थ पहुंचे और अपनी लेंथ पर काम किया क्योंकि सभी की लेंथ अलग अलग होती है।’’
वहीं अर्शदीप ने टी20 विश्व कप में अपने अच्छे प्रदर्शन का श्रेय ऑस्ट्रेलिया की कठोर और उछाल भरी पिचों पर गेंदबाजी लाइन में निरंतरता रखने को दिया है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज 23 साल के अर्शदीप ने मौजूदा टी20 विश्व कप में चार मैच में नौ विकेट लिए हैं, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 32 रन पर तीन विकेट उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।