जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में जिले भर के संस्कृत और अंग्रेजी के शिक्षकों का उच्च प्रभार देने की प्रक्रिया की गयी , जिसमें अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी और कुछ शिक्षकों का कहना है कि जो शिक्षकों को उच्च प्रभार दिया जा रहा है वह नियम अनुसार नहीं दिया जा रहा है, जबकि जितने भी संस्कृत और अंग्रेजी के विषय वार शिक्षक के रिक्त पद है उन पदों की सूची को जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में सार्वजनिक किया जाना चाहिये था और जिलेभर से आए 100 से 150 शिक्षकों की विधिवत बैठने की व्यवस्था की जानी थी, किंतु इस प्रकार की कोई व्यवस्था जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में नहीं की गई है एवं महज कुछ शिक्षकों को राजनीतिक पकड़ और शिक्षकों को उच्च पद पर प्रभार दिया जा रहा है जो की सही नहीं है
आपको बता दे की कुछ दिनों से जिले के शिक्षा विभाग में शासकीय राशि के हेरा फेरी मामले के बाद से ही शिक्षा विभाग चर्चा में बना हुआ है अभी निजी स्कूलों का मामला थमा ही नहीं था कि पुनः एक और मामला जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का सामने आ गया और यहां जिले भर के शिक्षकों को उच्च श्रेणी पर बिठाये जाने की प्रक्रिया चल ही रही थी, कि इस प्रक्रिया में भी अधिकारी कर्मचारी मोर्चा के पदाधिकारी द्वारा दिए जा रहे उच्च प्रभार पर सवाल खड़े कर दिए गए हैं और कुछ शिक्षकों के द्वारा भी कैमरे के सामने तो कुछ नहीं कहा गया , किंतु अनौपचारिक चर्चा में साफ-साफ कह दिया गया कि जो अंग्रेजी और संस्कृत विषय पर शिक्षकों को उच्च प्रभार दिया जा रहा है, वह नियम अनुसार नहीं दिया जा रहा है यहां महज कुछ राजनीतिक पहुंच और लेनदेन कर कुछ शिक्षकों को उच्च प्रभार पर बिठाया जा रहा है और बाकी आए शिक्षकों को महज औपचारिकता कर वापस भेज दिया जा रहा है, जो कि गलत है जबकि सबसे पहले नियम अनुसार संस्कृत और अंग्रेजी विषय के रिक्त पदों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में चस्पा किया जाना था और यहां हो रही प्रक्रिया के लिए व्यवस्था बनाकर सभी शिक्षकों की बैठने की व्यवस्था नियम अनुसार पूरी प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ किया जाना चाहिए था, किंतु इसमें इस प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है, बल्कि जो शिक्षक दुरांचल क्षेत्र से आए हैं वह महज इधर-उधर खड़े रहकर इस प्रक्रिया में भाग ले रहे हैं और कुछ ऐसे शिक्षकों को मिली भगत कर उच्च पदों पर प्रभार दिया जा रहा है जो कि गलत है
रिक्त पदों की सूची कार्यालय में नहीं चस्पा की गई है – सजल मस्की
अधिकारी कर्मचारी संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारी सजल मस्की द्वारा बताया गया कि आज अंग्रेजी और संस्कृत विषय की काउंसलिंग जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में की जा रही है, किंतु यहां पर लिपिक द्वारा संस्कृत और अंग्रेजी विषय के रिक्त पदों की सूची कार्यालय में नहीं चस्पा की गई है जिससे यह पता ही नहीं लग पा रहा है कि जिले में कितने पद रिक्त हैं और कहां-कहां पर रिक्त है , जिसको लेकर उनके द्वारा संबंधित लिपिक से चर्चा भी की गई, किंतु उनके द्वारा उन्हें संतोषप्रद जवाब नहीं दिया गया जिसको लेकर वह जिला कलेक्टर गिरीश कुमार मिश्रा को इसकी शिकायत करेंगे और यदि वहां भी उनकी सुनवाई नहीं होती तो वह इसकी शिकायत कमिश्नर भोपाल को करेंगे, क्योंकि जिस लिपिक द्वारा यहां जानकारी को चस्पा करना था, उनके द्वारा यह कार्य नहीं किया गया है इसलिए वह यही मांग करेंगे कि जिनकी भी इस प्रक्रिया में गलती है उन पर विधिवत विभाग द्वारा कार्रवाई की जाए
आरोप लगाए गए हैं वह सभी निराधार है – अश्वनी उपाध्याय
जब हमारे द्वारा इस विषय को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी अश्वनी कुमार उपाध्याय से दूरभाष पर चर्चा की गई तो उनके द्वारा बताया गया कि जो शिक्षकों और कुछ संघ के पदाधिकारी द्वारा जो आरोप लगाए गए हैं वह आरोप निराधार है सभी शिक्षकों के मोबाइल पर जानकारी भेज दी गई है और यह प्रक्रिया पूरी पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन करवाई जा रही है जो भी आरोप लगाए गए हैं वह सभी निराधार है