असामाजिक तत्वों का अड्डा बनी वेटरनरी विभाग की जीर्ण शीर्ण कॉलोनी

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स्थानी वेटरनरी विभाग से लगी वेटरनरी विभाग की कॉलोनी इन दिनों जीर्ण शीर्ण हो गई है जिसमें सुरक्षा के नजर से विभाग द्वारा यहां रहने वाले कुछ लोगों को भी विभाग ने दूसरी जगह रहने के लिए कह दिया है और कुछ लोग तो स्वता ही इन मकानों को खाली कर चले गए हैं किंतु यह जीर्ण शीर्ण कालोनियां इन दिनों असामाजिक तत्वों का अड्डा बनी हुई है जिसमें रात और दिन दोनों समय असामाजिक तत्व देखे जा सकते हैं

वेटरनरी विभाग से लगी वेटरनरी कॉलोनी काफी समय से जीर्ण शीर्ण होने की वजह से इसमें कोई भी अब रहता नहीं है इसे विभाग द्वारा कुछ मकानों को खाली करा दिया गया है तो कुछ लोगों ने जीर्ण शीर्ण हुई कॉलोनी को स्वता ही छोड़ दिया है यह अब पूरी तरह से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देखा जा सकता है जो आए दिन यहां पर उत्पात मचाते हुए नजर आते हैं जिसमें नहीं संबंधित विभाग के द्वारा ध्यान दिया जा रहा है और ना ही पुलिस प्रशासन द्वारा इस ओर कोई गस्त जैसे कार्यवाही की जाती है जिसके कारण इसका फायदा उठाते हुए यहां पर दिन भर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है ऐसा नहीं है कि वेटरनरी विभाग को कॉलोनी की जीर्ण शीर्ण होने की जानकारी नहीं है विभाग को इसकी पूरी जानकारी भी है और देखा जाए तो विभाग के पास बहुत कम जगह बची हुई है चाहे तो विभाग इस जगह को सवारने की ओर ध्यान नहीं दे रहा है जो विभाग के लिए चिंता का विषय हो गया है। आपको बताये कि वेटरनरी कॉलोनी में इस विभाग से जुड़े कर्मचारियों के सरकारी आवास हुआ करते थे जहां 2 दर्जन से अधिक परिवार निवास करते थे लेकिन वे मकान पूरी तरह से जर्जर एवं खंडहर में तब्दील हो जाने के चलते मात्र दो से तीन परिवार ही उस कॉलोनी में निवास कर रहे हैं बाकी सब लोगों द्वारा सरकारी आवास को खाली कर दिया गया और कोई किराए का मकान लेकर तो किसी के द्वारा नया मकान बनाकर निवास किया जा रहा है। यदि विभाग के द्वारा खंडहर में तब्दील जमीन की ओर ध्यान नहीं जा रहा है

नशेड़ी लोग देखे जाते हैं जर्जर कमरों के आसपास

वेटरनरी कॉलोनी में दो दर्जन से अधिक परिवार निवास करते थे लेकिन सरकारी कमरों के मेंटेनेंस की ओर विभाग द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण वे शासकीय आवास कंडम होते चले गए, जिसके चलते वहां निवास करने वाले लोगों द्वारा धीरे-धीरे अपने रहने का अलग बंदोबस्त किया जाने लगा। स्थिति यह है कि करीब डेढ़ दर्जन परिवारों द्वारा वहा के सरकारी आवास को छोड़ दिया गया एवं शहर में रहने लगे हैं। शासकीय आवास पूरी तरह खाली होने के चलते अब उन खंडहर में तब्दील मकानों के इर्द-गिर्द नशेड़ी तत्व देखे जाते हैं जिससे अपराधिक घटना होने का अंदेशा बना रहता है।

बहुतायत जमीन का उपयोग कर चुका है जिला प्रशासन

यह भी बताएं कि वेटरनरी विभाग के पास बहुत सारी जमीन हुआ करती थी लेकिन उस पर तीन से चार शासकीय हॉस्टल बनाए गए हैं वही उसके बाद दो तीन शासकीय विभाग भी बना दिए गए और अब जिला पंचायत का नया भवन बनकर तैयार है। ऐसी स्थिति में विभाग के पास से काफी जमीन निकल चुकी है अब वेटरनरी विभाग के पास कुछ ही जमीन शेष है जिसका उपयोग वेटनरी विभाग चाहे तो कर सकता है।

निर्माण कार्य कराने की हो रही प्लानिंग

जानकारी सामने आई है इसके अनुसार खंडहर बने कमरों में किसी प्रकार की घटना न हो जाए इसको देखते हुए विभाग द्वारा वहां कुछ निर्माण कार्य कराए जाने की प्लानिंग की जा रही है। लेकिन यह सब अभी तक सिर्फ प्लानिंग में हीं है इसके लिए कोई स्वीकृति नहीं मिली है। इससे यही लग रहा है कि विभाग अपनी जमीन को संवारने के लिए उतना गंभीर नहीं है यदि शासकीय क्वार्टर ही बना दिया जाए तो कई कर्मचारियों को इसका लाभ मिल सकता है।

चोरी कर भेज दिए गए अधिकतर क्वार्टरों के सामान-

जैसे ही विभाग द्वारा इस कॉलोनी से रहने वाले कर्मचारियों को खाली कराया गया उसके बाद यहां पर जीर्ण शीर्ण हुए क्वार्टरों के सामान लोहे ,दरवाजे ,खिड़कियां आदि असामाजिक तत्वों द्वारा यहां से निकालकर बेचा जा रहा है एवं यहां पर लगी लोहे की बड़ी-बड़ी जालियों को भी रात के अंधेरे में असामाजिक तत्वों द्वारा अपने खर्च पूरे करने के लिए बेचा जा रहा है। आलम अभी यह है कि मकानों के ऊपर लगी कवेली एवं दीवारों के इटे भी लोगों द्वारा निकालकर ले जाया जा रहा है।

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