प्रशासनिक अधिकारियों की पैनी नजर होने के बावजूद भी जिला अस्पताल की व्यवस्था सुधारे से नहीं सुधर रही है। जहां लाख प्रयत्न के बावजूद जिला अस्पताल में घुसने वाले आवारा मवेशियों और वहां पनप रहे कुछ आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने में अस्पताल प्रबंधन नाकाम नजर आ रहा है।
दरअसल इन दिनों जिला अस्पताल में आवारा कुत्तों की घमाचौकड़ी देखने मिल रही है। जिससे हर समय मरीजों को खतरा बना हुआ है।
आपको बताए कि जिला अस्पताल में छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक जिले भर से पहुंचकर अपना इलाज कराते हैं। ऐसे में वार्डों में घमाचौकड़ी मचाने वाले कुत्तों को लेकर मरीज और उनके परिजन सकते में रहते हैं।
वही पूर्व में हो चुकीं कई वारदातों के बाद भी जिला अस्पातल प्रबंधन इस गंभीरता से नहीं ले रहा है। और ना ही नगर पालिका ने इस विकट समस्या पर अब तक कोई ध्यान दिया है। जिसके चलते जिला अस्पताल के वार्डो को ही आवारा कुत्तों ने अपना घर बना रखा है।जो जगह जगह धमाचौकड़ी करते नजर आते है।
जिला अस्पताल सिविल सर्जन डॉ संजय धबड़गाव ने बताया कि अस्पताल परिसर में आवारा कुत्तों की रोकथाम के लिए कई बार नगर पालिका को सूचित किया गया है। कई बार लिखित में शिकायत भी की गई है। लेकिन आज तक इसका हल नहीं निकला है। केवल अस्पताल ही नहीं बल्कि पूरे शहर में आवारा कुत्ते घूम रहे हैं। जो राह चलने वाले लोगों को काट लेते हैं। हमने अपने कर्मचारियों को भी निर्देशित किया है कि वे आवारा मवेशियों और कुत्तों को अस्पताल के भीतर घुसने ना दे। बड़े मवेशी तो भगाने पर भाग जाते हैं जो दोबारा नहीं आते, लेकिन आवारा कुत्ते भगाने के बाद इधर उधर से घूमकर फिर से अस्पताल में आ जाते हैं।