कांग्रेस एक ओर राजस्थान के बांसवाड़ा में पीएम मोदी की टिप्पणी के खिलाफ गुस्सा जाहिर कर रही थी तो वहीं एक बार फिर एक दिन बाद ही उसी राज्य से पीएम मोदी ने मुस्लिम तुष्टीकरण का मुद्दा उठाया। राजस्थान के टोंक जिले में मंगलवार को एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कांग्रेस पर दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण को मजहब के आधार पर मुसलमानों को देने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि सच्चाई यह है कि जब कांग्रेस और उसका गठबंधन सत्ता में था तो ये लोग दलितों, पिछड़ों के आरक्षण में सेंधमारी कर वोट बैंक की राजनीति के लिए अपनी खास जमात को अलग से आरक्षण देना चाहते थे, जो संविधान के बिलकुल खिलाफ है। आरक्षण का जो हक बाबा साहब ने दलित, पिछड़ों और आदिवासियों को दिया कांग्रेस और उसका गठबंधन उसे मजहब के आधार पर मुसलमानों को देना चाहती थी। पीएम मोदी ने कहा मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं, क्या कांग्रेस ऐलान करेगी की संविधान में दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण को कम कर इसे मुसलमानों को नहीं बांटेगी। वे देश की जनता से वादा करे। पीएम मोदी और बीजेपी की ओर से कांग्रेस के घोषणापत्र पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
2004 में जैसे ही कांग्रेस की सरकार आई… क्या बोले मोदी
राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए यह पीएम मोदी की आखिरी रैली थी। पीएम मोदी की ओर से यह हमला उस वक्त हुआ जब कांग्रेस अभी भी बांसवाड़ा
में पीएम मोदी की उस टिप्पणी ‘कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो वह लोगों की संपत्ति लेकर मुसलमानों को बांट देगी’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ चुनाव आयोग भी पहुंची और चुनाव आयोग ने शिकायत की जांच शुरू कर दी है। पीएम मोदी ने कहा कि 2004 में जैसे ही कांग्रेस की केंद्र में सरकार बनी उसके सबसे पहले किए गए कार्यों में से एक… आंध्र प्रदेश में एससी, एसटी के आरक्षण को कम कर मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रयास था। मोदी ने कहा जब वह मुख्यमंत्री थे तब तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भाषण दिया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। उन्होंने कहा ये संयोग नहीं था। ये अकेला बयान नहीं था। कांग्रेस की सोच हमेशा से तुष्टीकरण और वोट बैंक की राजनीति की रही है।