आजादी के 75 साल बाद भी आदिवासियों पर बंद नही हुए अत्याचार

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प्रदेश के सीधी जिले में भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला के प्रतिनिधि एवं भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला का सोशल मीडिया पर एक वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। जिसमें प्रवेश शुक्ला एक आदिवासी युवक पर पेशाब करता हुआ नजर आ रहा है।पेशाब कांड का वीडियो, शोशल मीडिया पर वायरल होते ही कांग्रेस ,बसपा सहित विभिन्न पार्टियों ने इस पर कड़ा एतराज जताया है तो वहीं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने ज्ञापन सौंपकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।इसी बीच पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने इस घटना पर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए प्रदेश में गुंडा राज चलने की बात कही हैं।जिन्होंने आदिवासियों के साथ हुए विभिन्न मामले गिनाते हुए उन मामलों में अब तक कोई कार्यवाही नहीं होने की बात कही है। जहां उन्होंने सीधी पेशाब कांड वाले इस मामले से जुड़े आरोपी के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही किए जाने की मांग की है तो वहीं उन्होंने आजादी के 75 वर्ष के बाद भी आदिवासियों पर अत्याचार कम ना होने की बात कही है जिन्होंने प्रदेश के विभिन्न जिलों में आदिवासियों के साथ अत्याचार होने और उन्हें न्याय न मिलने की बात कहते हुए आदिवासियों के इन मामलों को लेकर जिले भर में जगह-जगह जनसभा करने जिला मुख्यालय में जनसभा का आयोजन कर रैली निकालने और आदिवासियों के विभिन्न मामलों को लेकर सड़क पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

पेशाब कांड कर आदिवासी समाज को अपमानित करने का किया है काम
आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए पूर्व सांसद श्री मुंजारे ने बताया कि जिला सीधी में विधायक के प्रतिनिधि प्रवेश शुक्ला ने दशमत नाम के एक आदिवासी व्यक्ति के मुंह पर पेशाब कर आदिवासी को अपमानित करने का काम किया है। उसके बाद जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो जबरन उस पर दबाव बनाकर उससे शपथ पत्र लिखवाया गया है।जबकि यह मामला आदिवासियों पर हो रहे अत्याचार से जुड़ा है। पहले तो बीजेपी ने इस मामले से पल्ला झाड़ लिया था कहा था कि प्रवेश शुक्ला उनकी पार्टी का नहीं है। ग्रह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का भी कोई बयान सामने नहीं आया था। लेकिन जब मामले ने तूल पकड़ लिया तो अब लोगों को बता रहे हैं कि आरोपी पर कार्रवाई हो रही है। जबकि आरोपी पर कड़ी कार्यवाही नहीं हो रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आगामी समय में होने वाले चुनाव को देखते हुए आरोपी के घर पर बुलडोजर कार्रवाई कराई है। लेकिन इसके पूर्व जितनी भी वारदातें आदिवासियों के साथ हुई उन घटनाओं में आदिवासियों को इंसाफ नहीं मिल पाया है। उन मामलों को दबा दिया गया है, पुलिस ने उन पर कोई एक्शन नहीं लिया और ना ही उनके घरों पर बुलडोजर कार्यवाही की गई ।लेकिन अब जैसे ही चुनाव आ गए हैं वैसे ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बुलडोजर की कार्यवाही की गई है वही पीड़ित आदिवासी दशमत का पैर धोकर उसे तिलक लगाकर उसे सम्मनित करने का ढोंग कर रहे हैं जो कि चुनाव से प्रेरित है। जबकि इसके पूर्व प्रदेश में ऐसे कई मामले हुए हैं जहां आरोपियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई,उल्टा सरकार जे इशारे पर पुलिस ने आरोपियो को संरक्षण दिया गया।केवल सीधी ही नही बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार किया जा रहा है।

बालाघाट में नक्सली एनकाउंटर के नाम पर मार दिए गए 11 आदिवासी
श्री मुंजारे ने आगे बताया कि केवल जिला सीधी, पड़ोसी जिला सिवनी या अन्य जगहों पर नहीं बल्कि संपूर्ण मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं और उन्हें इंसाफ भी नहीं दिया जा रहा है। बालाघाट में भी नक्सली एनकाउंटर के नाम पर 11 आदिवासी महिला पुरुष की हत्या कर दी गई ,उन्हें नक्सली मामले से जोड़कर उनकी जान ली गई है। उस पर भी कोई एक्शन नहीं हुआ है ना तो उस मामले की जांच हुई है और ना ही अत्याचार करने वाले लोगों पर कोई कार्यवाही हुई बल्कि उल्टा प्रदेश सरकार ने आदिवासियों की हत्या करने वाली पुलिस को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दे दिया।

सीएम की कुर्सी पर बैठने लायक नहीं है चौहान ,इस्तीफा देना चाहिए
श्री मुंजारे ने आगे बताया कि आदिवासियों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। उस पर भी उन्हें न्याय नहीं दिया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने के लायक नहीं है। अभी चुनाव है इसीलिए सीधी के पीड़ित आदिवासी दशमत के पैर धोने का नाटक कर रहे हैं। यह जनता को गुमराह कर रहे हैं ।अभी चुनाव आ गया है इसीलिए आरोपी के घर में बुलडोजर चला दिया पीड़ित के पैर धो रहे हैं। लेकिन जब चुनाव नहीं होता तो यही लोग अपराधियों को संरक्षण देते हैं।इस घटना पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपना इस्तीफा देना चाहिए,उसे सीएम की कुर्सी में बैठने का कोई हक नही है।

सड़कों पर उतर कर आदिवासियों इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ेंगे
पूर्व सांसद श्री मुंजारे ने आगे बताया कि इसके पूर्व भी कई मामले ऐसे सामने आ चुके हैं जिसमें आरएसएस ,बजरंग दल ,बीजेपी से जुड़े लोगों ने आदिवासी समाज के लोगों के ऊपर अत्याचार किए हैं ।उन्हें आज तक इंसाफ नहीं मिला है। लेकिन अत्याचार करने वालों के खिलाफ सरकार ने कोई एक्शन नहीं लिया है। आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी आदिवासियों पर अत्याचार बंद नहीं हुए हैं। पूरे देश में मध्यप्रदेश एक ऐसा राज्य है जहां सबसे ज्यादा आदिवासियों पर अत्याचार होते हैं।हम इस मामले को लेकर पूरे जिले में आमसभा करेंगे, नगर में जन आंदोलन कर रैली निकाली जाएगी वही पीड़ित आदिवासियों को इंसाफ दिलाने के लिए सड़क पर उतर कर आंदोलन किया जाएगा।

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