MP में 9वीं से 12वीं तक के स्कूल खोलने और ट्यूशन फीस लेने के मुद्दे पर सरकार और प्राइवेट स्कूल संचालक आमने-सामने आ गए हैं। दरअसल, स्कूल संचालक पूरी फीस लेना चाहते हैं, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्कूल नहीं खोलने एवं सिर्फ ट्यूशन फीस ही लेने का ऐलान किया है। गुरुवार को इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। इस आदेश के खिलाफ स्कूल संचालक कोर्ट जाने का मन बना रहे हैं। इसके लिए शुक्रवार शाम 6:30 बजे कीलनदेव क्षेत्र में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक होगी।
प्राइवेट स्कूलों की संस्था एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स मध्य प्रदेश के पदाधिकारियों का कहा कि सरकार अपने बनाए नियमों को ही ताक पर रखकर एक पक्षीय आदेश निकाल रही है, इसलिए अब अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर रहे हैं। 12 जुलाई से स्कूल संचालक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे ऑनलाइन पढ़ाई और फर्स्ट टर्म की एग्जाम भी नहीं हो सकेगी।
एसोसिएशन ऑफ अन एडेड प्राइवेट स्कूल्स मध्य प्रदेश के वाइस प्रेसिडेंट विनय राज मोदी ने कहा कि सरकार लगातार आदेश तो जारी कर रही है, पर कई बिंदुओं को साफ नहीं किया है। इससे पहले 30 जून को सरकार ने आदेश निकाला था कि 10% तक ही फीस बढ़ा सकते हैं। अब ट्यूशन फीस ही लेने की बात कह रही है। एक पक्षीय आदेश ठीक नहीं है, इसलिए शुक्रवार शाम को वकीलों के साथ एसोसिएशन के पदाधिकारियों की बैठक कर रहे हैं। इसमें कोर्ट जाने की रणनीति बनाएंगे।
दावा- मिशनरी स्कूल भी हड़ताल में होंगे शामिल
इधर, पदाधिकारियों का दावा है कि 12 से अनिश्चितकालीन हड़ताल में मिशनरी स्कूल भी शामिल होंगे। इस तरह प्रदेश के करीब 30 हजार प्राइवेट स्कूलों में चल रही ऑनलाइन पढ़ाई बंद हो जाएगी।
