आठ शताब्दियों से निष्क्रिय पड़े ज्वालामुखी के सक्रिय होने की खबर है। यह विशाल ज्वालामुखी जिसे 800 से अधिक वर्षों से निष्क्रिय घोषित कर दिया गया था, वहां एक बार फिर से हलचल शुरू हो गई है। लिहाजा वैज्ञानिकों ने इसको लेकर चेतावनी जारी की है। दरअसल अमेरिका के अलास्का में माउंट एडगेकुम्बे में हाल ही में एक के बाद एक कई भूकंप के झटके आए थे। ऐसे में वैज्ञानिकों को लग रहा है कि ये विशालकाय ज्वालामुखी फिर से जाग सकती है।
एक ब्रिटिश अखबार के मुताबिक अलास्का ज्वालामुखी वेधशाला ने हाल की गतिविधि का पता लगाने के लिए सेटेलाइट इमेजरी और गणितीय मॉडलिंग का इस्तेमाल करके रिसर्च किया है। बिना किसी भूकंपीय गतिविधि के 800 सालों से इस माउंट एडगेकुम्बे को निष्क्रिय घोषित कर दिया गया था। हालांकि, इस नए शोध से पता चलता है कि जल्द ही और अधिक ज्वालामुखी गतिविधि की संभावना हो सकती है। ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के ज्वालामुखीविद् डेविड पाइल ने बताया, ‘जब मैग्मा चल रहा होता है, तो यह या तो दरारों के साथ अपना रास्ता बना सकता है, या गहराई पर पिघल का एक विस्तारित पूल बना सकता है, और ये दोनों प्रक्रियाएं छोटे भूकंप का कारण बन सकती हैं। सीस्मोमीटर बहुत छोटे झटकों और भूकंपों का पता लगा सकता है। जैसे-जैसे मैग्मा सतह की ओर ऊपर की ओर धकेलता है, वैसे-वैसे यह अपने ऊपर की पृथ्वी को भी खिंचाव वाले गुब्बारे की तरह उभारता है।’
हालांकि, वैज्ञानिकों ने चिंता न करने की बात कही है, क्योंकि मौजूदा तकनीक का इस्तेमाल कुशलता से किया जाता है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त समय में किसी भी बदलाव का पता लगाया जाएगा। पाइल ने कहा, ‘ज्वालामुखी की निगरानी के लिए उपग्रह रडार उपकरण वास्तव में एक महत्वपूर्ण उपकरण हैं। वे पृथ्वी की सतह के आकार में बहुत छोटे बदलावों को माप सकते हैं। अमेरिका में दुनिया के किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक ज्वालामुखी हैं, जिनमें से 161 संभावित रूप से सक्रिय हैं। जबकि कहा जाता है कि माउंट एडगेकुम्बे 800 साल पहले सक्रिय था, भूवैज्ञानिक सबूत बताते हैं कि आखिरी बड़ा विस्फोट लगभग 4,500 साल पहले हुआ था, जिससे ये ‘निष्क्रिय’ हो गया। पाइल ने कहा, ‘निष्क्रिय’ एक ऐसा शब्द है जिसका उपयोग अक्सर उन ज्वालामुखियों का वर्णन करने के लिए किया जाता है जो दशकों या सदियों से नहीं फटे हैं, और शायद पूरी तरह से शांत दिखते हैं। लेकिन इसका मतलब यह है कि निष्क्रिय ज्वालामुखी फिर से फट सकते हैं।










































