म.प्र. आदिवासी विकास परिषद लालबर्रा के द्वारा ६ जुलाई को तहसील कार्यालय पहुंचकर महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल, अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष, लॉ कमीशन ऑफ भारत के नाम तहसीलदार उमरावसिंह वालरे को ज्ञापन सौंपकर भारत देश में कॉमन सिविल कोड/समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल पास न किये जाने की मांग की है और मांगे पूरी नही होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी शासन-प्रशासन को दी है। आपकों बता दे कि भारत सरकार देश में कॉमन सिविल कोड/समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल पास करने वाली है जिससे आदिवासियों में आक्रोश व्याप्त है क्योंकि आदिवासी समुदाय के लोग पूर्व से प्रकृति की पूजा पाठ करते आ रहे है और इनकी पूजा पाठ करने की अलग विधि है परन्तु यूसीसी बिल लागू हो जाने से पूरे भारतवर्ष में विवाह, तलाक, विभाजन, गोद लेने, विरासत और उत्तराधिकारी के संबंध में एक समान कानून हो जायेगा जिससे देश की महिलाओं को पुस्तैनी जमीन के मालिक होने और किसी को भी खरीदने बेचने के लिए सशक्त करेगा इससे विवाह विरासत आदि के माध्यम से निहित स्वार्थ द्वारा भूमि हड़पने और अलगाव को और बढ़ावा मिलेगा एवं विभिन्न अद्वितीय प्रथागत कानूनों को नष्ट करने के साथ ही सभी जनजातियों के प्रथागत कानून को समाप्त कर दिया जायेगा इसलिए पूरे देश में आदिवासियों के द्वारा यूसीसी बिल का विरोध किया जा रहा है। म.प्र. आदिवासी विकास परिषद के पदाधिकारी एवं स्वजातीय बंधुओं ने सरकार से मांग की है कि यूसीसी बिल पास न करें।