नगर के पुराने इतवारी गंज की जमींन पर करीब 4 वर्ष पूर्व मंडी काम्प्लेक्स का निर्माण कराया गया कराया गया है। लेकिन इस काम्प्लेक्स में बनाई गई दुकानों का आज तक आवंटन नहीं किया गया है। जिसके चलते मंडी परिसर को शराबियों ने अपना अड्डा बना लिया है। तो वही जगह जहां-तहां गंदगी का अंबार लगा हुआ है।आपको बताए कि इस काम्प्लेक्स का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया गया था। जिन्होंने लोकार्पण के अवसर पर जल्द से जल्द परिसर में बनी दुकानों का आवंटन किए जाने की बात कही थी। बावजूद इसके भी कंपलेक्स में बनी दुकाने आवंटन की रहा देख रही है।बताया जा रहा है कि परिसर में बनी दुकानों के आवंटन के लिए तमाम तरह की औपचारिकताएं भी पूरी कर ली गई है। लेकिन इसके आवंटन को अमली जामा नहीं पहनाया जा रहा है।जिसके चलते यह कंपलेक्स अपनी बदहाली पर आंसू बहता नजर आ रहा है तो वही
2015 से 2020 तक चला था निर्माण कार्य
ज्ञात हो कि मंडी बोर्ड ने वर्ष 2015 में इस काम्पलेक्स में दुकानों का निर्माण कार्य शुरू करवाया, जो वर्ष सितंबर 2020 में पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो चुका है। लेकिन नीलामी और लोकार्पण में देरी हो रही है। नीलामी में देरी के पीछे क्या कारण है, इसके बारे में कोई जानकारी भी साझा नहीं की जा रही है।आपको बताए कि मंडी विभाग का 165 दुकानों का एक भव्य काम्पलेक्स बनकर तैयार हो गया है। मंडी निधि की करीब 8 करोड़ 40 लाख की लागत से इस काम्पलेक्स के निर्माण को करीब चार साल बीत गए हैं बावजूद इसके भी इसके आवंटन की प्रक्रिया अब भी ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है।उधर दुकानों की नीलामी होने का इंतजार व्यवसायी एवं जरूरतमंद कर रहे हैं। ताकि वे अपना रोजगार प्रारंभ कर सके। लेकिन इनका इंतजार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है।
पूर्व सीएम ने किया था लोकार्पण
आपको बताए कि इस मंडी काम्प्लेक्स का लोकार्पण कुछ वर्ष पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा किया था।इसके साथ ही कयास लगाए जा रहे थे कि शीघ्र ही यहां की दुकानों की नीलामी प्रक्रिया पूर्ण कर दुकानों का आवंटन कर दिया जाएगा।लेकिन काम्पलेक्स के कमरों के आवंटन की प्रक्रिया लंबे समय से अटकी हुई है।
कृषि व्यवसाय के लिए दुकानों का होना था आवंटन
बताया गया कि कृषि कार्यों से संबंधित व्यवसाय के लिए यहां के कमरों का आवंटन किया जाएगा। इस कारण इसे मंडी काम्पलेक्स का नाम दिया गया है। कुछ कमरों का आवंटन इतवारी गंज में व्यवसाय करने वालों को भी वितरित किए जाने की योजना है। कमरों के आवंटन की प्रक्रिया नीलामी निकालकर किए जाने की बात लंबे समय से अधिकारी कह रहे हैं। लेकिन उस नीलामी के लिए निविदा कब प्रसारित होगी इसका कुछ पता नहीं है।
नशेडिय़ों अड्डा बना काम्प्लेक्स
इधर मंडी परिसर में बनी दुकानों का आवंटन नहीं किया जा रहा है तो उधर मंडी काम्प्लेक्स की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।काम्प्लेक्स परिसर में ना ही कोई सुरक्षा गार्ड की तैनाती की गई है। और ना ही असामाजिक तत्वों, और नशेड़ियों को भीतर घुसने से रोकने के लिए किसी प्रकार की जाली या सुरक्षा घेरा बनाया गया है। इस कारण यहां नशेडिय़ों का जमावड़ा देखा जा रहा है।इस जगह खासकर देर शाम अक्सर लोग नशाखोरी करते देखे जाते हैं। स्थानीय व्यापारियों की माने तो कुछ गांजे और शराब का नशा करने वालों ने खाली पड़े काम्पलेक्स को अपना ठिकाना बना लिया है। शाम के समय यहां शोरगुल भी होता है।इस कारण व्यापारियों को भी परेशानी होती है। इस मामले की शिकायत भी की गई है। लेकिन अब तक देखरेख की कोई व्यवस्था नहीं बनाई जा रही है।
गंदगी का अंबार
वर्तमान में 08 करोड़ का यह काम्पलेक्स अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है। बाजार आने वाले और व्यापारियों ने इस मूत्रालय बना लिया है। मवेशी भी रात्रि में यहीं विश्राम करते हैं।ऐसे में पूरे काम्पलेक्स में जहां-तहां गोबर, मवेशियों की पेशाब, सड़न मारती बदबू, शराब की बोलते, डिस्पोजल ,नमकीन के पैकेट, सिगरेट सहित अन्य सामग्रियों से पूरा परिसर सराबोर है। यहां से आने वाली दुर्गंध से आस पास के व्यापारियों, सहित फुटकर विक्रेताओं को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
राजस्व का भी हो रहा नुकसान
स्थानीय लोगो की माने तो मंडी काम्पलेक्स के कमरों का आवंटन करने में प्रशासन काफी लेटलतीफी कर रहा है। इस ओर कोई ध्यान भी नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में काम्पलेक्स में असामाजिक तत्व उत्पात मचा रहे हैं। इससे करोड़ों के काम्पलेक्स के क्षतिग्रस्त व टूट फूट होने की बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। व्यापारियों की माने तो शीघ्र कमरों की नीलामी की जानी चाहिए। ताकि काम्पलेक्स की सुरक्षा होने के साथ ही शासन प्रशासन को भी राजस्व प्राप्त होने लगेगा।