सऊदी अरब ने अब्राहम अकॉर्ड पर अमेरिका और इजरायल को बड़ा झटका दिया है। सऊदी विदेश मंत्री ने अमेरिका की धरती से स्पष्ट ऐलान किया कि उनका देश यहूदी देश के साथ रिश्ते तब तक सामान्य नहीं करेगा जब तक फलस्तीन देश नहीं बन जाता।
रियाद: खाड़ी के सबसे प्रभावशाली मुस्लिम देश सऊदी अरब के साथ रिश्ते सामान्य करने के सपने देख रहे इजरायल और उसके समर्थक अमेरिका को बड़ा झटका लगा है। सऊदी अरब ने साफ कह दिया है कि वह यहूदी देश इजरायल के साथ रिश्ते तब तक सामान्य नहीं करेगा जब तक कि अलग फलस्तीन देश को मान्यता नहीं मिल जाती है। साथ ही गाजा युद्ध का खात्मा भी करना होगा। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के करीबी और विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में यह ऐलान करके इजरायल और अमेरिका दोनों को अब तक का सबसे स्पष्ट संदेश दे दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जब से सत्ता में आए हैं, वह अब्राहम अकॉर्ड को बढ़ाना चाहते हैं और इसमें सऊदी अरब को भी शामिल होने के लिए दबाव डाल रहे हैं।
अब्राहम अकॉर्ड के जरिए ही ट्रंप के पहले कार्यकाल में यूएई और खाड़ी के कई अन्य मुस्लिम देशों ने इजरायल को मान्यता दी थी। अब ट्रंप एकबार फिर से अब्राहम अकॉर्ड को बढ़ाना चाहते हैं। ट्रंप ने कई बार सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर दबाव डाला है कि वह इजरायल को मान्यता दे दें। अब सऊदी विदेश मंत्री ने अमेरिका की धरती से ट्रंप को अपनी शर्त बता दी है। सऊदी प्रिंस ने द्विराष्ट्र सिद्धांत को आगे बढ़ाया है। सऊदी विदेश मंत्री ने यह बयान फ्रांस के विदेश मंत्री के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में दिया। हाल ही में फ्रांस ने भी अलग फलस्तीन देश को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है।
इजरायली हमले में 34 फिलिस्तीनियों की मौत
फ्रांस के ऐलान से ट्रंप और इजरायल दोनों ही भड़क उठे थे। फ्रांस यूरोप का सबसे बड़ा देश है जिसने फलस्तीन देश को मान्यता देने का ऐलान किया है। इस बीच इजरायल द्वारा सोमवार को गाजा के विभिन्न स्थानों पर किये गए हमलों में कम से कम 34 फलस्तीनी मारे गए। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह जानकारी दी। इस हमले से एक दिन पहले ही इजराइल ने क्षेत्र में गंभीर होते मानवीय संकट के मद्देनजर सहायता प्रतिबंधों में ढील दी थी। इजरायली सेना ने रविवार को कहा था कि वह बड़ी आबादी वाले गाजा सिटी, दीर अल-बलाह और मुवासी में सीमित समय के लिए युद्ध रोकेगी, ताकि ‘मानवीय सहायता का दायरा बढ़ाया जा सके’।
यह रोक रविवार से शुरू होकर, अगली सूचना तक, स्थानीय समयानुसार प्रतिदिन पूर्वाह्न 10:00 बजे से रात 8:00 बजे तक रहेगी। मध्य गाजा स्थित अवदा अस्पताल के मुताबिक सात शव उसके पास पहुंचाए गए है। अस्पताल का दावा है कि इन लोगों की मौत सोमवार को अमेरिका और इजराइल समर्थित गाजा ह्यूमैनिटेरियन फ़ाउंडेशन द्वारा संचालित एक सहायता वितरण स्थल के पास इजराइली गोलीबारी में हुई थी। अस्पताल ने बताया कि घटनास्थल के पास ही 20 अन्य लोग घायल भी हुए हैं।
गाजा भुखमरी को लेकर नेतन्याहू पर भड़के ट्रंप
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के बीच सोमवार को स्कॉटलैंड में मुलाकात हुई। दोनों नेताओं ने बैठक में गाजा पर चर्चा करने की योजना की पुष्टि की। बिगड़ते मानवीय संकट के कारण इजराइल द्वारा सहायता पाबंदियों में ढील दिए जाने के एक दिन बाद ट्रंप ने कहा कि वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इस बयान से असहमत हैं कि गाजा में कोई भुखमरी नहीं है। गाजा की अधिकांश आबादी अब सहायता पर निर्भर है और खाद्य सामग्री तक पहुंच लगातार खतरनाक होती जा रही है। जॉर्डन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के विमानों ने गाजा में मानवीय सहायता पहुंचाई।