उपराष्ट्रपति चुनाव में सीपी राधाकृष्णन-बी सुदर्शन रेड्डी के बीच मुकाबला, इंडिया गठबंधन में आखिर ममता बनर्जी की चली

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कोलकाता: उपराष्ट्रपति के चुनाव बी सुदर्शन रेड्‌डी इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार होंगे। कांग्रेस की अगुवाई वाले विपक्षी खेमे ने दावा किया है कि रेड्‌डी के नाम को सर्वसम्मति से तय किया गया है। गौरतलब हो कि NDA की तरफ से सीपी राधाकृष्णन का नाम तय होने के बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि तिरुची शिवा उम्मीदवार हो सकते हैं, लेकिन आखिर में कांग्रेस के अगुवाई वाली इंडिया गठबंधन ने गैर राजनीतिक चेहरे पर दांव खेला। सूत्रों की मानें ताे विपक्ष की तरफ उपराष्ट्रपति कैंडिडेट के लिए कई नाम थे, लेकिन आखिर में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का दबाव काम आया। टीएमसी गैर राजनीतिक व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने के दबाव बना रही थी। टीएमसी की तरफ साफ कह दिया गया कि कैंडिडेट कोई सुप्रीम कोर्ट का सेवानिवृत्त जज या फिर राजनीति से दूरी रखने वाला होना चाहिए।


ममता बनर्जी की चली

सूत्रों का दावा है कि उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार के चुनाव में विपक्षी इंडिया गठबंधन में ममता बनर्जी की चली। ममता बनर्जी और टीएमसी के नेता इस मुकाबले को तमिल वर्सेज तमिल बनाने को राजी नहीं थे। साथ ही, उन्होंने प्रत्याशी के तौर पर नॉन पॉलिटिकल चेहरे रखने को कहा था। टीएमसी का कहना था कि अगर विपक्ष भी तमिल कैंडिडेट सामने लाएगा तो यह बीजेपी बनाम डीएमके हो जाएगा। विपक्षी पार्टियों की लिस्ट में कई नाम थे। शरद पवार की एनसीपी ने महात्मा गांधी के पोते तुषार गांधी का नाम दिया था, जिस पर सहमति नहीं बनी। इसके अलावा डीएमके के वरिष्ठ नेता तिरुचि शिवा और पूर्व इसरो साइंटिस्ट अन्नादुरई के नाम पर विचार हुआ। गी सुदर्शन रेड्‌डी गैर राजनीतिक हस्ती हैं। वे पूर्व में सुप्रीम कोर्ट में सम्मानित न्यायाधीश रह चुके हैं।

कांग्रेस नहीं जुटा पाई हिम्मत
मीटिंग में टीएमसी की ओर से शामिल डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि देश के दूसरे सबसे बड़े संवैधानिक पद के लिए एक गैर-राजनीतिक व्यक्ति होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन को तमिल बनाम तमिल मुकाबले से बचना चाहिए। लेकिन, एक गैर-तमिल उम्मीदवार डीएमके के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है क्योंकि एनडीए पहले ही तमिलनाडु के वरिष्ठ भाजपा नेता सीपी राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुका है। 2022 के उपराष्ट्रपति चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने वोटिंग से दूरी बना ली थी। तब जगदीप धनखड़ इस पद के लिए चुने गए थे और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मार्गरेट अल्वा बड़े अंतर से हार गईं। तब टीएमसी ने कहा था कि कैंडिडेट तय करते समय उनसे चर्चा नहीं की गई। इस बार टीएमसी न सिर्फ सभी मीटिंग में शामिल रही, बल्कि उम्मीदवार तय करने में बड़ी भूमिका निभाई। टीएमसी नेताओं का कहना है कि इस बार टीएमसी के सांसद एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ मतदान करेंगे।

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