अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के विशेष न्यायाधीश राजाराम भारतीय की अदालत ने एक युवक की हत्या करने का प्रयास करने के आरोप में पिता पुत्र को 7-7 वर्ष की सश्रम कारावास और प्रत्येक को 8-8 हजार रूपये अर्थदंड से दंडित किए।
दोनों आरोपी शंकरलाल लसुंते 63 वर्ष और उसका बेटा लक्ष्मी प्रसाद लसुंते 25 वर्ष ग्राम बिरसोला थाना कटंगी निवासी है जिनके विरूद्ध अपने गांव के अनुसूचित जाति के युवक प्रशिक उके की हत्या का प्रयास करने का आरोप था
अभियोजन के अनुसार 31 दिसंबर 2015 की रात्रि में प्रशिक ऊके छत्तीसगढ़ कार्यक्रम देखने ग्राम बिरसोला गया था। रात्रि 12 बजे करीब लता लसुंते ने अपने मोबाइल से प्रशिक के मोबाइल में फोन करके उसे अपने घर बुलाया। इसके बाद प्रशिक लता के घर गया, इस दौरान लक्ष्मी प्रसाद प्रशिक को बिरसोला चौक में लक्ष्मी प्रसाद ने प्रशिक को पकड़ा उसके बाद लक्ष्मी प्रसाद का पिता शंकरलाल लकड़ी लेकर आया और दोनों पिता-पुत्र ने प्रशिक को लकड़ी से मारपीट कर उसे प्राणघातक चोट पहुंचाई।
प्रशिक बेहोश हो चुका था जिसे उसके पिता राजेन्द्र ने डॉक्टर कोड़वानी के अस्पताल तुमसर ले गया। 1 जनवरी 2016 को सुबह उक्त चिकित्सालय में प्रशिक को भर्ती किया गया था। 1 जनवरी 2016 को प्रशिक के पिता राजेंद्र ने कटंगी पुलिस थाना में रिपोर्ट की थी। जहां पर शंकरलाल और उसके बेटे लक्ष्मीप्रसाद के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया था।
विवेचना दौरान दोनों पिता-पुत्र को इस अपराध में गिरफ्तार करने के बाद विद्वान अदालत में अभियोग पत्र पेश किया गया।










































