नई दिल्ली: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद, सरकार ने तीनों सेनाओं को एक साथ लाने के लिए नए नियम बनाए हैं। इस नियम के बनने से अब दुश्मन देशों की शामत आ जाएगी, क्योंकि तीनों सेना एक साथ मिलकर इन्हें मुंहतोड़ जवाब देगी। इसके अलावा, अंतर-सेवा संगठन ( ISO) के प्रमुखों को तीनों यूनिट की सेनाओं को निर्देश देने का अधिकार मिल गया है, जिससे इनके बीच तालमेल बढ़ेगा और काम तेजी से होगा।
नियम में क्यों किया गया बदलाव
यह बदलाव इसलिए किया गया है ताकि भविष्य में बनने वाले संयुक्त थिएटर कमांड बेहतर तरीके से काम कर सकें और दुश्मन देशों को करारा जवाब दिया जा सकेगा। इतना ही नहीं, ISO के प्रमुखों को यह भी अधिकार मिल गया है कि वे सैनिकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकें, चाहे वे किसी भी सेना के हों। पहले, ऐसा नहीं होता था।
मंगलवार से यह एक्ट पूरी तरह से लागू हो गया
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार को नियमों के नोटिफाई होने के बाद यह Act पूरी तरह से लागू हो गया है। इससे अनुशासनात्मक मामलों का निपटारा जल्दी होगा और एक ही मामले की बार-बार जांच नहीं करनी पड़ेगी। अधिकारियों ने कहा कि यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे Inter-Services Organisations का काम बेहतर होगा और सेनाओं के बीच एकता बढ़ेगी।
यह बिल 2023 के मानसून सत्र में संसद के दोनों सदनों में पास हुआ था। यह मई 2024 से लागू हो गया है। नए नियम Act की धारा 11 के तहत बनाए गए हैं। ये नियम ISO के कामकाज को आसान बनाएंगे।
पहले कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता था
पहले, किसी अफसर के पास दूसरे विभाग के सैनिक पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं होता था। उदाहरण के लिए, अगर एक नौसेना अफसर के अंडर में आर्मी का कोई सैनिक है, तो अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए उसे वापस उसकी यूनिट में भेजना पड़ता था। नौसेना अफसर के पास उस सैनिक पर कोई प्रशासनिक अधिकार नहीं होता था।