ऑस्ट्रेलिया का पुराना संसद भवन तिरंगे की रोशनी में जगमगाता दिखा

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ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का मानना है, कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक व रणनीतिक दोनों रूप से एक नया आकार दिया जा रहा है। वोंग ने इसपर जोर दिया कि चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच क्षेत्र को नया आकार देने में भारत के साथ साझेदारी अहम है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मौजदूगी में वोंग ने कहा, ऑस्ट्रेलिया और भारत व्यापक रणनीतिक साझेदार हैं। हम ‘क्वाड’ में भी साथ हैं, हम कई मायनों में भागीदार हैं और सबसे अधिक हम एक क्षेत्र, हिंद-प्रशांत को लेकर साथ हैं। ‘क्वाड’ एक चार पक्षीय सुरक्षा वार्ता है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं।
न्यूजीलैंड की यात्रा संपन्न कर जयशंकर ऑस्ट्रेलिया की राजधानी कैनबरा पहुंचे, जहां उन्होंने वोंग से मुलाकात की। वोंग ने जयशंकर के साथ 13वीं ‘विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता’ (एफएमएफडी) के बाद कहा, ‘गहरे संबंधों व विशेषज्ञता के हमारे अपने क्षेत्रों के साथ हमारा एक साझा हित है कि हमारा क्षेत्र स्थिर, समृद्ध बना रहे व संप्रभुता का सम्मान करे। जहां किसी देश को किसी विकल्प को चुनने की जरूरत न हो, बल्कि वह अपने स्वयं के संप्रभु विकल्प बनाए। हम नहीं चाहते कि किसी एक देश का दबदबा हो या किसी देश का वर्चस्व हो।
भारत, अमेरिका और कई विश्व ताकतें इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच एक स्वतंत्र, मुक्त व संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं। चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं। चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी स्थापित किए हैं। इस बीच, जयशंकर ने कैनबरा पहुंचने के बाद एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया, ‘कैनबरा में तिरंगे के साथ स्वागत। ऑस्ट्रेलिया के पुराने संसद भवन को देश के रंग में रंगा देख बेहद खुश हूं। तस्वीर में ऑस्ट्रेलिया का पुराना संसद भवन तिरंगे की रोशनी में जगमगाता दिख रहा है।

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