ओखली में दिया सिर, तो मूसल से क्या डरना

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Son Of Sardaar 2 Review: सन ऑफ सरदार 2 कहानी है पंजाब में रहने वाले जसविंदर सिंह रंधावा उर्फ जस्सी (अजय देवगन) की, जिसकी पत्नी डिंपल (नीरू बाजवा) पिछले 11 सालों से उसे धोखा दे रही है और अपने बॉयफ्रेंड के साथ स्कॉटलैंड में मजे कर रही है। एक दिन जस्सी को अचानक से वीजा मिलता है और वो पहुंच जाता है डिंपल से मिलने लेकिन जब उसे सच्चाई का पता चलता है तो वो टूट जाता है। इश्क में धोखा खाया हुआ जस्सी डिंपल से तलाक लेने के लिए एक वकील से मिलने जाता है, जहां उससे टकरा जाती है पाकिस्तानी लड़की राबिया (मृणाल ठाकुर) जो शादियों में नाच-गाना करके घर चलाती है। राबिया का पति दानिश (चंकी पांडे) पैसों के लिए उसे छोड़कर किसी और के साथ भाग गया है और पीछे छोड़ गया है एक जवान बेटी, जिसकी शादी बलविंदर संधू (रवि किशन) के बेटे से होने वाली है लेकिन बलविंदर की एक शर्त है कि जिस लड़की से उसके बेटे की शादी हो उसका खानदान अच्छा हो। अगर अच्छा खानदान नहीं तो शादी नहीं…। वक्त और हालात जस्सी को राबिया की बेटी का नकली बाप बनने के लिए मजबूर कर देते हैं और फिर शुरू होता है कन्फ्यूजन का वो सिलसिला जिसके दौरान हम सोचते हैं कि भाई हंसी आ क्यों रही है…

सन ऑफ सरदार 2 की कहानी में वो सारी चीजें थी, जो इसे एक अच्छी कॉमेडी मूवी बना सकती थीं लेकिन डायरेक्टर विजय कुमार अरोड़ा ने गलती करने की सारी सीमाएं तोड़ डाली हैं और क्लासिक एग्जाम्पल पेश किया है कि कैसे खराब मूवी बनाई जाती है। बर्बाद स्क्रीनप्ले, खराब डायलॉग्स, बेकार कैरेक्टराइजेशन और बेतुके ट्विस्ट एंड टर्न्स मिलकर एक ऐसा घोल तैयार करते हैं कि लोग एक-दूसरे की शक्लें देखकर बोलते हैं “पाजी कभी हंस भी लिया करो..।” सन ऑफ सरदार 2 एक वक्त के बाद इतनी खराब हो जाती है कि इस बात पर हंसी आने लगती है कि ये क्या चल रहा है और क्यों चल रहा है….

फिल्म सन ऑफ सरदार 2 में अजय देवगन, मृणाल ठाकुर, रवि किशन, विंदु दारा सिंह, चंकी पांडे, मुकुल देव, कुब्रा सैत, संजय मिश्रा, नीरू बाजवा, दीपक डोबरियाल, रोशनी वालिया, अश्विनी कलसेकर और शरत सक्सेना जैसे एक्टर्स हैं, जो अपने काम में माहिर हैं लेकिन डायरेक्टर ने इनमें से किसी को भी यूज नहीं किया है। ऐसा लगता है कि इन्हें बोल दिया गया था कि आपका जो मन करे वो कर दो। ये एक्टर्स अपने-अपने कैरेक्टर्स में फिसफिट हैं क्योंकि इनके लिए कैरेक्टर्स लिखे ही नहीं गए हैं। अगर किसी को ये समझना है कि अच्छी-भली स्टारकास्ट को बर्बाद कैसे करना है, तो सन ऑफ सरदार 2 के डायरेक्टर विजय कुमार अरोड़ा से अलग से ट्यूशन ले सकते हैं।हाउसफुल सीरीज, खिलाड़ी 786, वेलकम और सिंह इज किंग को मिलाकर तैयार की गई अजय देवगन और मृणाल ठाकुर की सन ऑफ सरदार 2 की एंडिंग सबसे अच्छी है। फिल्म का आखिरी सीन हंसाता है लेकिन उसका क्रेडिट भी रवि किशन को मिलना चाहिए क्योंकि इस पूरे सीन को रवि किशन ने अपने कंधों पर उठाया है। शायद आखिरी समय पर संजय दत्त का वीजा इसीलिए कैंसिल हुआ होगा कि सन ऑफ सरदार 2 में कुछ तो अच्छा हो जाए और उनका रोल रवि किशन के हाथ लगा।

अगर आप 2025 में भी ब्रेनलैस कॉमेडी मूवी एन्जॉय करते हैं तो सन ऑफ सरदार 2 आपके लिए है लेकिन ओटीटी ने आपको अच्छे सिनेमा की लत लगा दी है और आपकी बुरी फिल्में देखनी की आदत खत्म हो चुकी है तो अजय देवगन और मृणाल ठाकुर की सन ऑफ सरदार 2 आपके लिए बिल्कुल नहीं है। मैं अपनी ओर से इस फिल्म को 1.5 स्टार देता हूं।

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