नई दिल्ली: भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के रोहतक केंद्र की राष्ट्रीय मुक्केबाजी अकादमी (एनबीए) की महिला कोच पर राष्ट्रीय स्तर की नाबालिग मुक्केबाज ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। नाबालिग के माता-पिता द्वारा दर्ज कराई गई प्राथमिकी (एफआईआर) के अनुसार बार-बार ‘मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न’ के कारण वह अवसाद में चली गई है। इस से जुड़ी प्राथमिकी की प्रति होने के बावजूद आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है, क्योंकि मामले की जांच चल रही है। इस मामले में भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) और भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) से जब टिप्पणी के लिए संपर्क किया गया तो उन्होंने 17 वर्षीय पीड़िता द्वारा डराने-धमकाने और थप्पड़ मारने की घटनाओं के बारे में शिकायत मिलने की बात स्वीकार की, लेकिन एफआईआर में लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में उन्हें सूचित किए जाने से इनकार किया। दोनों संस्थाओं ने कहा कि उनकी आंतरिक जांच में कोच के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।
यह कोच इस समय जूनियर और युवा मुक्केबाजों के लिए राष्ट्रीय शिविर के संचालन में प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। रोहतक पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता ने कहा है कि कोच ने एक बार जबरन उसके कपड़े उतारने की कोशिश की, उसे कई बार थप्पड़ मारे, उसका करियर बर्बाद करने की धमकी दी और अन्य मुक्केबाजों के सामने उसे ‘बुरे चरित्र वाली’ कहा, जिससे वह अलग-थलग पड़ गई। कोच के खिलाफ शिकायत भारतीय न्याय संहिता की धारा 115 (जान बूझकर से चोट पहुंचाना) और 351 (3) (आपराधिक धमकी) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम की धारा 10 (गंभीर यौन उत्पीड़न) के तहत दर्ज की गई है। साई ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वह जांच में सहायता करेगा।
साई के क्षेत्रीय केंद्र (सोनीपत) ने इस बारे में कहा, ‘अभी तक हमें किसी प्राथमिकी की प्रति नहीं मिली है। एनबीए रोहतक की एक महिला मुक्केबाज ने 24 अप्रैल 2025 को ई-मेल कर एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उसने आयरलैंड में 25 मार्च 2025 से तीन अप्रैल 2025 तक आयोजित आमंत्रण मुक्केबाजी टूर्नामेंट के दौरान एक महिला कोच द्वारा मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उस शिकायत में यौन उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं लगाया गया था।’