कलेक्टर के निर्देशन पर ट्रामा परिसर से हटाया गया अतिक्रमण

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बालाघाट (पदमेश न्यूज़)।अब इसे नगर पालिका के जिम्मेदारो का उदासीन रवैया कहे या फिर लचर कार्य प्रणाली, की जिन व्यवस्थाओं को बनाने के लिए नगर पालिका द्वारा जगह-जगह से अतिक्रमण हटाकर व्यवस्थाओं में सुधार करने की बात कही जा रही है। वहा से अतिक्रमण हटाने के बाद भी अब तक व्यवस्थाए नही बनाई गई है।वही पिछले दिनों नपा ने जहां-जहां से अतिक्रमण हटाया है वहां वहां फिर से लोगों ने दोबारा अतिक्रमण कर अपने कब्जे जमा लिए हैं।जिसके नजारे इन दिनों नगर भर में देखने को मिल रहे है।बात अगर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर परिसर की करें तो यहां से कुछ दिन पूर्व अतिक्रमण हटाया गया था।लेकिन किसी की मॉनिटरिंग ना होने के चलते फिर से लोगों ने इस जगह पर अपना कब्जा जमा लिया था।और यहां की व्यवस्थाए पूर्व की भांति बिगड़ी हुई नजर आ रही थी।उधर गुरुवार को कलेक्टर मृणाल मीणा द्वारा ट्रामा सेंटर का निरीक्षण किया गया था।जिसमे उन्होंने ट्रामा सेंटर की व्यवस्थाओं में सुधार लाने के निर्देश दिए थे।तो वहीं उन्होंने ट्रामा सेंटर के बाहर पसरे अतिक्रमण को तत्काल हटाने को कहा था जिनके निर्देशन पर शुक्रवार की दोपहर नपा का अतिक्रमण दस्ता ट्रामा सेंटर पहुंचा और ट्रामा सेंटर परिसर के दोनों ओर सड़क किनारे किए गए अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही की गई।जहां अतिक्रमण हटाने के दौरान अतिक्रमणकारियों और नपा कर्मियों के बीच कहां सुनी भी देखी गई। जहां छुटमुट विरोध के बीच नपा कर्मियों ने पांच ठेलों को जप्त कर लिया। तो वहीं कुछ अतिक्रमणकारियों ने नपा की इस कार्यवाही को देख स्वयं से अपने-अपने अतिक्रमण को हटा लिया।

हालात बता रहे हैं कुछ दिन बाद फिर पसरेगा अतिक्रमण
कलेक्टर के निर्देशन पर शुक्रवार की दोपहर नगर पालिका का अमला जेसीबी ट्रैक्टर सहित अन्य लाहो लश्कर के साथ ट्रामा सेंटर परिसर में कार्यवाही करने पहुंचा और एक बार फिर से ट्रामा सेंटर परिसर का अतिक्रमण हटाया गया।लेकिन अतिक्रमण करने वालों ने अपना अतिक्रमण हटाकर एक बार फिर से नपा की भूमि पानी टंकी परिसर में अपने ठेले व दुकाने रख दी। जिसको हर बार की तरह इस बार भी जप्ती बताया गया है।मतलब साफ है पिछली बार की तरह फिर कुछ दिन बाद पानी टँकी परिसर में रखी गई ये दुकानें, ट्रामा सेंटर परिसर में फिर से सज जाएगी और फिर से नपा को यह कार्यवाही करनी पड़ेगी।ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िम है कि जब व्यवस्थाएं बनाना ही नहीं है तो फिर बार बार अतिक्रमण क्यों हटाया जा रहा है और जब अतिक्रमण हटाया जा रहा है तो फिर इसकी मॉनिटरिंग क्यों नहीं की जा रही है।यही सभी सवाल नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं तो वही जिम्मेदार अधिकारियों कर्मचारियों के उदासीन रवैये को भी प्रदर्शित करते हैं।

नपा अमले को देख मची भगदड़
नपा का अमला शुक्रवार की दोपहर जब अतिक्रमण पर बुलडोजर कार्यवाही करने पहुँचा तो उन्हें देख लोगों ने स्वयं अपना अतिक्रमण हटाना शुरू कर दिया और अपने सामान को जप्ती से बचने के लिए भगदड़ सी मच गई।वही कुछ दुकानदारों ने पिछली बार की तरह इस बार भी बुलडोजर कार्यवाही से बचने और अपने ठेले को जप्ती होने से बचाने के लिए अपने-अपने अतिक्रमण स्वयं हटा लिए।मतलब साफ है कि नगर पालिका कर्मचारी स्वयं अपने सामने लोगों को अतिक्रमण करने का मौका दे रहे हैं।ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि जिन लोगों ने नपा भूमि पानी टंकी के नीचे अपनी दुकान व ठेले ले जाकर रखे हैं। वे लोग 5-6 दिन में माहौल शांत होने के बाद फिर से अपने ठेले व दुकान ट्रामा सेंटर परिसर में लगा लेंगे और फिर से वहां की व्यवस्थाएं बिगड़ जाएगी और फिर दोबारा नगर पालिका को इसी तरह अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करनी पड़ेगी।

फिर चार दिन की चाँदनी ना साबित हो जाए कार्यवाही
आपको बताएं कि नगरपालिका द्वारा अतिक्रमण हटाने की यह कार्यवाही कोई पहली बार नहीं की गई है। बल्कि इसके पूर्व भी दो से तीन बार इस परिसर से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की जा चुकी है।बावजूद इसके भी कार्यवाही के कुछ दिन बाद यहां पूर्व की भांति दुकानें सज जाती है। इसकी प्रमुख वजह मॉनिटरिंग ना होना बताया जा रहा है। यदि समय-समय पर मॉनिटरिंग होती रहे तो इस परिसर में अतिक्रमण ही नहीं होगा ।लेकिन अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही के बाद इसकी मॉनिटरिंग नहीं की जाती । जहां धीरे-धीरे कर फिर से अतिक्रमण होना शुरू हो जाता है। नपा की इस लचर कार्य प्रणाली को देखकर फिर से मन में सवाल उठने लगे हैं कि कहीं यह कार्यवाही भी चार दिन की चांदनी साबित ना हो जाए ?और यदि ऐसा होता है तो फिर उसी स्थान से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही करनी पड़ेगी।कहीं ऐसा ना हो कि यह कार्यवाही एक सिलसिला बन जाए। और आए दिनों ऐसी ही कार्यवाही कर खाना पूर्ति होती रहे।

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