नगर की जनसंख्या में लगातार वृद्धि हो रही है उसके साथ ही उसके उपयोग के लिए पानी की आवश्यकता भी बढ़ने लगी है। वर्तमान समय में नगर पालिका के पास 2-2 जल आवर्धन योजना है बावजूद इसके भी नपा सभी 33 वार्डों में 24 घंटे भरपूर पीने का पानी उपलब्ध नहीं करा पा रही है तो वहीं कई क्षेत्रों में शुद्ध पानी की आपूर्ति के लिए लोगों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।कुल मिलाकर कहे तो ठंड के इस समय में भी नागरिकों को शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। वहीं आगामी महा से गर्मी की शुरुआत होनी है। जिसे देखते हुए अब तक वैनगंगा नदी के छोटे पुल में राहत का डैम बन जाना था लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। जनवरी लगभग बीत चुकी है। वहीं महा फरवरी से गर्मी की शुरुआत होनी है जिससे पानी की डिमांड और अधिक बढ़ जाएगी। जिसको लेकर नपा की कोई तैयारी समझ नहीं आ रही है।आपको बताएं कि वर्ष 2017 में पड़ी भीषण गर्मी के दौरान नगर में भारी जल संकट गहरा गया था और पेयजल की पूर्ति के लिए नगरपालिका को काफी जतन करना पड़ा था। उस समय की गई भूल का नपा ने अब तक सबक नहीं लिया है और वैनगंगा नदी से लगातार पानी बहने दिया जा रहा है।नपा को चाहिए कि जल्द से जल्द वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर चैनल गेट लगाकर अभी से पानी का संचय करें ताकि आगामी गर्मी में नगर वासियों को पानी के लिए जद्दोजहद ना करनी पड़े।
जनवरी में शुरू होता था जल संचय का काम
आपको बताए कि नगरवासियों को भीषण गर्मी में भरपूर पानी उपलब्ध करने और वर्ष 2017 में नगर में गहराए जल संकट से सबक लेते हुए। वर्ष 2017 के बाद प्रतिवर्ष जनवरी माह में वैनगंगा नदी के छोटे पुल पानी संचय करने के लिए प्लेट लगाकर पुल बंधन का कार्य किया जाता था ,जो जनवरी माह लगभग बीत जाने पर भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है ।जहां पुल खुला होने के चलते वहां से लगातार पानी आगे बढ़ रहा है। यदि इस कार्य में और देरी की गई और जल्द ही बहते पानी को संचय करने का कार्य शुरू नहीं किया गया तो नगरपालिका को भीषण गर्मी में जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।
430 प्लेट लगाकर किया जाता है पानी का संचय
आपको बताए कि गर्मी के दिनों में नगर वासियों को भीषण जल संकट से बचाने और दोनों समय पर्याप्त पेयजल की आपूर्ति कराने के लिए ब्रिटिश कालीन वैनगंगा नदी के छोटे पुल को प्रतिवर्ष 3 से 5 फीट ऊंचा कड़ी शटर से बांधा जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नपा द्वारा पानी के संचय के लिए वैनगंगा नदी पर हर साल 430 प्लेट लगाकर पानी का संचय किया जाता है। लेकिन इस वर्ष पुल बांधने को लेकर किसी प्रकार के प्रयास तक शुरू नहीं किए जा रहे हैं।
राहत का डैम्प बनाने और कितना इंतजार
मध्य जनवरी तक लगभग बनकर तैयार हो जाने वाले राहत के डैम का कार्य लगभग जनवरी बीतने पर भी अब तक शुरू नहीं हो पाया है। जहां प्लेट लगाकर पानी का संचय करना तो दूर की बात अब तक वैनगंगा नदी के छोटे पुल की साफ-सफाई तक शुरू नहीं की गई है। जहां बरसात के दिनों में आकर फसी लकड़ियों को तक नहीं हटाया गया है। वहीं राहत का डैम्प बनाने के लिए सामग्रियों को इधर से उधर लाने ,ले जाने वह अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए अब तक छोटे पुल के ऊपरी हिस्से की मरम्मत तक नहीं कराई गई है। जहां पुल का ऊपरी हिस्सा अब भी अस्त-व्यस्त पड़ा हुआ है
भीषण जल संकट से नगर पालिका ने नही लिया सबक
आपको बताए कि वर्ष 2017 की भीषण गर्मी के दौरान मई-जून महा में नगर की जनता को एक वक्त का पानी भी बहुत मुश्किल से दिया गया था। इसकी प्रमुख वजह यहां स्टॉप डेम ना बनाया जाना बताया गया था। उस वर्ष स्टॉप डेम न बनाएं जाने के कारण नगर की जनता सहित आसपास के आधा सैकड़ा गांव के लोगों को वैनगंगा नदी से पानी नहीं मिल पा रहा था। जिससे सबक लेने की जहमत भी अब तक नगर पालिका प्रशासन द्वारा नहीं उठाई गई है जहां नपा द्वारा अब तक पानी संग्रहण के लिए प्रयास तक शुरू नहीं किए गए हैं ।
डेम्प बनेगा तो, भीष्ण गर्मी में भी वैनगंगा में रहेगा पानी
वैनगंगा नदी के छोटे पुल पर स्टाप डैम बनने के बाद नगर की जनता को जल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। पिछले कई सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो वैनगंगा का दामन हमेशा भरा रहता है और इस नदी ने हमेशा सैकड़ों गांव की जनता के गले तर किए गए हैं। शादी विवाह अथवा अन्य बड़े आयोजनो में भी यही का पानी जनता तक पहुंचाया जाता है। वही वर्ष 2017 की गर्मी को छोड़कर नगर में इसके पूर्व भीषण जल संकट कभी नहीं देखा गया।लेकिन वर्ष 2017 की गर्मी में जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते से जनता को पानी के लिए हलाकान होना पड़ा था। क्योंकि उस वर्ष छोटे पुल पर डैंप नहीं बनाया गया था। जिसके चलते वैनगंगा का पूरा पानी बह चुका था और नगर सहित आसपास के क्षेत्रों में भीषण जल संकट गहरा गया था। जिससे बचने के लिए नगर पालिका ने अभी से छोटे पुल में चैनल गेट लगाकर पानी का संचय करने का कार्य शुरू करना चाहिए। जिससे भीषण गर्मी में भी वैनगंगा का दामन भरा रहेगा।
टेंडर लगाए है, टेंडर खुलते ही बांध बनाने का कार्य शुरू कर देंगे- श्रीवास्तव
इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत श्रीवास्तव ने बताया कि छोटे पुल पर बांध बनाकर पानी के संचय करने के लिए टेंडर निकाला गया है। करीब 5 से 6 लाख रुपए का टेंडर है। सम्भवतः दो-तीन दिन में टेंडर खुल जाएगा ।जैसे ही टेंडर खुलेगा वैसे ही इसे बांधने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। क्योंकि यह कार्य अति आवश्यक सेवाओं में आता है। इसीलिए अति शीघ्र इस कार्य को किया जाएगा। ताकि भीषण गर्मी में पेयजल की आपूर्ति सुचारू रूप से बनी रहे।