*कार्यकर्ताओं को दी आक्रामक रहने की नसीहत
*पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को दी हिसाब लेने की चेतावनी
*कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बावजूद कोई कांग्रेस नेता मास्क पहने नजर नहीं आया
इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। रविवार को कांग्रेस के संभागीय कार्यकर्ता सम्मेलन में भाषण देते कमल नाथ बीच-बीच में हो रही नारेबाजी से भड़क गए। नारेबाजी कर रहे कार्यकर्ताओं को डपटते हुए उन्होंने कह दिया कि आप चुप होते हैं या मैं बंद कर दूं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने आने वाले चुनावों के लिए कार्यकर्ताओं को नसीहत भी दी। नाथ बोले आप सबको आक्रमक रहना होगा। पुलिस वालों को समझा दीजिए कि अपनी वर्दी की इज्जत करें, न कि भाजपा की। प्रशासन के अधिकारियों के लिए भी कमलनाथ ने कहा कि भविष्य बहुत लंबा होता है। सब से हिसाब लिया जाएगा।
स्थानीय बास्केटबाल काम्प्लेक्स में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान अव्यवस्थाएं और अनुशासनहीनता देखने को मिली। संगठन ने सभागृह में झंडों और तख्तियों के साथ प्रवेश प्रतिबंधित किया था। इसके बावजूद नाथ के आने के बाद विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 के कांग्रेस नेता चिंटू चौकसे ने झंडों और तख्तियां थामे कार्यकर्ताओं की भीड़ के साथ सभागृह में प्रवेश किया। उनके समर्थक कार्यक्रम के बीच नारेबाजी करते रहे। बाद में मंच के सामने बनी गैलरी से वीरू झांझोट के समर्थक नारेबाजी कर कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करते रहे। कमल नाथ जब बोलने उठे तो अजय चौकसे के समर्थक ढोल बजाकर शोर मचाने लगे। शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल को हाथ जोड़कर ढोल बंद करने के लिए कहना पड़ा। शहर कांग्रेस ने दावा किया था कि संभाग के 8 जिलों के कार्यकर्ता जुटेंगे। दावे के उलट सिर्फ इंदौर के कार्यकर्ता ही सम्मेलन में नजर आए। सम्मेलन में करीब दो हजार लोग जुटे थे। मंच पर मालवा-निमाड़ के सभी प्रमुख कांग्रेस नेताओं को जगह दी गई। तकरीबन 100 लोग मंच पर मौजूद रहे। कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बावजूद कोई कांग्रेस नेता मास्क पहने नजर नहीं आया।
‘जो सीरियल देखते हैं, उन तक अपनी बात पहुंचाने की सोचें’
कमल नाथ ने कहा कि एक समय भाजपा को झाबुआ, खरगोन, खंडवा में बूथ पर बैठाने के लिए भी कार्यकर्ता नहीं मिलते थे। कांग्रेस ने पंचायत चुनाव शुरू करवाए। जो जीतता वो कांग्रेसी रहता और जो हारता, वो भाजपा का हो जाता। कार्यकर्ताओं की निष्ठा ही कांग्रेस का बल है। हमारा मुकाबला भाजपा के संगठन से है। बदले समय के साथ बदलाव स्वीकार करने की नसीहत देते हुए नाथ ने कहा कि जो न्यूज देखते हैं, उनसे नहीं बल्कि जो सीरियल देखते हैं, उनके वोटों से सरकार बनती है। इन लोगों तक अपनी बात कैसे पहुंचानी है, ये आपको सोचना होगा।
सरकार गिरने का दर्द छलका
प्रदेश में अपनी सरकार गिरने का दर्द भी कमल नाथ की बातों में नजर आया। उन्होंने उपचुनाव के दौर के भाषणों की तरह सवाल पूछा कि मैंने क्या पाप किया था? कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सीना ठोक कर लोगों के बीच जाकर कहें कि हम कांग्रेसी हैं। हमारी सरकार ने कोई ऐसा काम नहीं किया कि किसी कार्यकर्ता को सिर झुकाना पड़े। उन्होंने कहा कि शिवराज जितना झूठ बोलें, वह कम है। प्रदेश किसान आत्महत्या में नंबर वन है तो वे खुद को किसान पुत्र कह देते हैं। बलात्कार में नंबर वन है तो वे खुद को मामा कह देते हैं। ये हमें क्या राष्ट्रवाद समझाएंगे, इनके पास एक भी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नहीं है। पेट्रोल-डीजल की महंगाई और असल मुद्दों से ध्यान भटकाना हो तो ये राम मंदिर के चंदे को ले आते हैं।
विधायक संजय शुक्ला नहीं आए
टिकट समन्वय समिति की प्रभारी विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि संजय शुक्ला को महापौर का निर्विरोध उम्मीदवार घोषित कर इंदौर ने प्रदेश के सामने उदाहरण पेश किया है। उम्मीद करते हैं कि हर निकाय क्षेत्र में इसी तरह उम्मीदवार तय होंगे। हालांकि सम्मेलन के मंच पर संजय शुक्ला नजर नहीं आए। शुक्ला के करीबियों ने बताया कि संजय के पिता विष्णुप्रसाद शुक्ला बीमार हैं। रविवार को ही उनका आपरेशन हुआ है। ऐसे में वे कार्यक्रम में नहीं आ सके।
अरुण यादव भी सम्मेलन से दूर रहे
निमाड़ के कांग्रेस नेता अरुण यादव भी सम्मेलन से नदारद रहे। कांतिलाल भूरिया, सज्जानसिंह वर्मा, विक्रांत भूरिया, बाला बच्चन, जीतू पटवारी, मप्र के सहप्रभारी कुलदीप इंदौरा सहित तमाम नेता मंच पर मौजूद रहे।