खालिस्तानी आंदोलन से आया था फिल्म सरफरोश का आइडिया, सदियों पुराने जैसलमेर के किले में हुई थी फिल्म की शूटिंग

0

30 अप्रैल साल 1999 में करगिल युद्ध से ठीक पहले रिलीज होने वाली फिल्म सरफरोश ने बॉक्स ऑफिस पर रिलीज होते ही तहलका मचा दिया था और ताबड़तोड़ कमाई की थी। जॉन मैथ्यू द्वारा निर्देशित फिल्म में आमिर खान, नसीरुद्दीन शाह, सोनाली बेंद्रे और मुकेश ऋषि मुख्य भूमिका में नजर आए थे। आपको बता दें यह फिल्म जॉन मैथ्यू द्वारा निर्देशित पहली फिल्म थी। हाल ही में जॉन मैथ्यू मैथन ने फिल्म से संबंधित अनुसुने किस्से साझा किए। जॉन ने बताया फिल्म के क्लाइमेक्स की शूटिंग जैसलमेर के जिस किले में की गई थी, उस किले का ताला करीब 50 साल बाद खोला गया था। यानि इस किले को इससे पहले किसी और फिल्म में नहीं दिखाया गया था। वहीं मैथ्यू ने फिल्म से संबंधित और भी कई किस्सों का राज खोला। आइए जानते हैं।

खालिस्तानी आंदोलन से मिली फिल्म थी नींव

मैथ्यू ने बताया कि एक बार मैं काम के सिलसिले में दिल्ली आया था। इस दौरान दिल्ली में भी खालिस्तानी आंदोलन का असर साफ देखने को मिल रहा था। शाम 6 बजे सड़कों पर सन्नाटा छा जाता था, राहगीरों की आवाजाही बंद हो जाती थी। मैं छह बजे होटल की तरफ निकला तो मुझे रास्ते में पुलिस वालों द्वारा रोका गया और तलाशी ली गई। इस दौरान मैंने तुरंत सोचा कि इस पर कोई कहानी बनानी चाहिए औऱ वहीं से इस फिल्म पर सोचना शुरु किया। लेकिन फिल्म को बनाने के लिए अच्छी खासी रकम की जरूरत थी, उस समय मेरे पास पैसे का अभाव था। क्योंकि मेरे पास जो पैसा था वो मैं इस फिल्म पर लगा चुका था।

उन्होंने कहा कि उस वक्त दिल्ली में आमिर खान और जूही चावला की सुपरहिट फिल्म दिल्ली के थिएटरों में गूंज रही थी। तभी मैं आमिर खान के पास इस फिल्म की स्क्रिप्ट लेकर पहुंचा और आमिर ने इस फिल्म की स्क्रिप्ट देखते ही इसमें काम करने के लिए हां कर दिया। इसके बाद फिल्म पर पैसे लगाने वाले प्रोड्यूजरों की लाइन लग गई।

फिल्म की शूटिंग में लगा 2 साल का समय

आपको बता दें फिल्म की शूटिंग में करीब दो साल का समय लगा था। फिल्म को करगिल युद्ध से कुछ दिन पहले  रिलीज किया गया था। उन्होंने बताया कि फिल्म की शूटिंग के लिए ऐसे लोकेशन ढूंढ़ने में जहां फिल्म की शूटिंग ना हुई हो करीब 1 साल का समय लगा। 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here