खुले में अंतेष्टी कर रहे बुदबुदावासी

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व्यक्ति का जीवन और मृत्यु अटल सत्य है जिसमें जन्म तो व्यवस्थित घरों में होता है परंतु मृत्यु के बाद एक विशेष स्थान की आवश्यकता पड़ती है जिसे मोक्षधाम कहां जाता है। जहां पर मानव शरीर हिंदू रिति रिवातों के अनुसार पंचतत्व में विलीन हो जाता है। लेकिन आज भी ऐसे ग्राम है जो आबादी की दृष्टि से काफी बड़े और छोटे हो सकते है परंतु वहां पर मोक्षधाम की कमी देखी जा रही है। जिसके कारण लोगों को अपने पूर्वर्जों को पंचतत्व में विलीन करने में बरसात के मौसम में खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह का एक मामला ग्राम पंचायत बुदबुदा का प्रकाश में आया है। जहां पर आजादी के बाद से आज तक नदी के घाट पर ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण करना पड़ रहा है। ऐसे में उक्त स्थान पर न तो किसी प्रकार का प्लेटफार्म बना है और ना ही कोई छत है। खुले आसमान के नीचे अंतेष्टी की प्रक्रिया का निर्वाहन किया जा रहा है।

६ हजार की आबादी पर मात्र दो मोक्षधाम

यहां यह बताना लाजमी है कि जनपद पंचायत अंर्तगत आने वाली ग्राम पंचायत जनसंख्या के हिसाब से दूसरी सबसे बड़ी ग्राम पंचायत है। जिसके अंर्तगत ग्राम बुदबुदा सहित धानीटोला, हुड़कीटोला, नदी टोला, धोबीटोला, खपरेल टोला व माताटोला आते है। जिसमें करीब ६ हजार की आबादी निवासरत है और प्रत्येक टोले की दूरी एक दूसरे टोले से १ किलोमीटर से ३ किलोमीटर तक की है। ऐसे में सिर्फ दो जगह ही नदीटोला व धानीटोला में ही मोक्षधाम का निर्माण किया गया है। जहां पर प्लेटफार्म व छत बनी हुई है। अंतिम संस्कार करने जाने वाले लोगों को बारिश के मौसम में बचने के लिये अन्य किसी प्रकार की व्यवस्था अभी तक नही की गई है। जिसके कारण लोगों को दो किलोमीटर से पॉच किलोमीटर दूरी तय कर नदी में बने कुम्हारी घाट व पीपलघाट में अंतिम संस्कार की कार्यवाही को खुले आसमान के नीचे पूर्ण करना पड़ रहा है।

बहुत पुरानी समस्या है – पीतांबर नागेश्वर

इस मामलें में पूर्व जनपद सदस्य पीतांबर नागेश्वर ने पद्मेश को बताया कि यह समस्या काफी लंबे वर्षो की है। हम लोग नदी किनारे कुम्हारी घाट में ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को पूर्ण करते है। बारिश के मौसम में सबसे ज्यादा परेशानी का सामना ग्रामवासियों को करना पड़ता है। कई बार तो शव तक गीला हो जाता है लेकिन क्या करे अंतिम संस्कार तो करना ही पड़ेगा। हालांकि ग्राम के दो टोले में मोक्षधाम है लेकिन वो भी टीन शेड़ के बने हुये है। ऐसे में हम शासन प्रशासन से मांग करते है कि इस समस्या पर ध्यान देते हुये इसका तत्काल निदान करे।

छत होना अनिवार्य – डॉ.शिव

इसी समस्या के बारे में ग्राम के डॉ. सुरेन्द्र शिव ने बताया कि हम लोगों को बारिश व गर्मी में मोक्षधाम में किसी प्रकार की कोई छत न होने के कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हमारा ग्राम काफी बड़ा ग्राम है जो बुदबुदा पंचायत के अंर्तगत आता है जिसमें ६ टोले है लेकिन सिर्फ मोक्षधाम २ ही है। हर टोले में मोक्षधाम का निर्माण के साथ ही अंत्येष्टी करने वाले परिजन व उनके शुभचिंतकों के लिये बैठक व्यवस्था बनानी चाहिये ताकि बारिश व गर्मी के मौसम में किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।

पंचायत में लेंगे इस समस्या के लिये प्रस्ताव – सरपंच

दूरभाष पर चर्चा करते हुये ग्राम सरपंच हंसराज कावरे ने बताया कि मेने अभी ही पंचायत का प्रभार ग्रहण किया है। आपके द्वारा बताई गई मोक्षधाम की समस्या पर शीघ्र ही पंचायत में प्रस्ताव लेकर इसके निर्माण की कार्यवाही की जायेगी।

समस्या के हल का करेंगे प्रयास – सचिव

वही ग्राम पंचायत सचिव पवन जामुनपाने ने पद्मेश से चर्चा करते हुये बताया कि उन्होने बीते एक वर्ष पूर्व ही पंचायत का प्रभार ग्रहण किया है। नवनिर्वाचित सरपंच ने पदभार ग्रहण कर लिया है। शीघ्र ही इस समस्या के निराकरण के लिये हम से जो बन सकेगा वैसा प्रयास करेंगे।

बाइट पीताम्बर नागेश्वर पूर्व जनपद सदस्य

सुरेंद्र शिव ग्रामीण

पवन जामुनपाने ग्राम सचिव

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