बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। नगर के सौंदर्यीकरण की सोच के साथ पूर्व कलेक्टर दीपक आर्य द्वारा नगर में कार्य करवाए गए लेकिन नगर का सौंदर्य बढऩे के बजाय नगर के कुछ स्थल ऐसे हैं जो पहले से भी ज्यादा बदहाल हो गए हैं। इसमें सबसे पहले अगर बात आती है तो वह शहर का हृदयस्थल बस स्टैंड होता है। बसस्टैंड से लग कर ही कुछ वर्षों पहले एक मुलना गार्डन हुआ करता था जहां यात्री लोग गार्डन में विश्राम कर बसों का इंतजार करते थे लेकिन वह गार्डन अब पूरी तरह उजड़ गया है। जहां मुलना उद्यान हुआ करता था अब गंदगी का ढेर बन गया है, आलम यह है कि अब इस स्थान पर लोग खुलेआम दिनदहाड़े शराब पीते हैं।
गंदगी के कारण बैठना पसंद नहीं करते लोग
आपको बताएं कि यह गार्डन वाली जगह दानवीर मुलना जी की संपत्ति है सामने ही मुलना जी की प्रतिमा लगी है जिसके कारण इस स्थान को मुलना गार्डन के नाम से जाना जाता है। पहले गार्डन के चारों ओर बाउंड्रीवाल हुआ करते थी, नगर पालिका द्वारा यहा साफ सफाई की जाती है जिसके कारण इस स्थान पर कई लोग काफी समय रुका करते थे वहीं कई बार कई संगठनों को मीटिंग वगैरह करते हुए भी देखा गया था, लेकिन अब लोग इस स्थान पर गंदगी के कारण बैठना भी पसंद नहीं कर रहे हैं।
यह गार्डन पुन: उसी स्थिति में आ जाए – राजेश ठाकुर
मुलना गार्डन के समीप निवासरत राजेश ठाकुर ने बताया कि डेढ़ वर्ष पहले यह बहुत सुंदर गार्डन था, पता नहीं इसको क्या विस्तारीकरण नीति सोची। सौंदर्य तो हुआ नहीं गंदगी का ढेर जरूर हो गया दिनदहाड़े लोग यहां शराब पीते हैं और गार्डन के भीतर कचरा भी फेंका जा रहा है इसकी दो तीन बार शिकायत की जा चुकी है। पहले जो यहां गार्डन था वह नहीं रहा और ज्यादा उजाड़ हो गया, यह गार्डन पून: उसी स्थिति में आ जाए क्योंकि जितने भी बस स्टैंड के राहगीर रहते थे उनके लिये यह गार्डन रुकने का अच्छा साधन था, पेड़ो के नीचे बैठकर लोग बसों का इंतजार करते थे और यहां से अपने गंतव्य में जाते थे। अभी तो लोगो का यहां बैठना भी दुभर है बाउंड्री वॉल बनाकर उद्यान का स्वरूप देकर उसी स्थिति में लाया जाना चाहिए। मुलना जी के नाम से इसे जाना जाता है उनकी दान की हुई यह संपत्ति है जो अभी बदहाल अवस्था में है।
लोग इस गार्डन में बैठना पसंद नहीं करते – सैफ अली
यहां पहुंचे सैफ अली ने बताया कि वे बालाघाट पिछले 7 वर्षों से आ रहे हैं यह पहले बहुत अच्छा गार्डन था अभी तो यहां बहुत गंदगी है। पहले लोग मुलना गार्डन में घूमते फिरते थे तथा हम यहां बैठ भी जाते थे हम लोग यहां बैठते थे। अब लोग यहां बैठना पसंद ही नहीं करते, इस स्थान को अच्छा स्वरूप दिया जाना चाहिए बस स्टैंड जैसा स्थान है तो लोग कुछ समय रुक सके ऐसा स्थान बनाना चाहिए।
इसकी शिकायत भी की जा चुकी है – उमंग उके
बसस्टैंड स्थित सार्वजनिक धर्मशाला के मैनेजर उमंग उके ने बताया कि पहले यहां जो उद्यान हुआ करता था उसकी देखरेख हमारे द्वारा की जाती थी लेकिन अब प्रशासन द्वारा इस उद्यान को जिस प्रकार बदहाल स्थिति में ला दिया है उसके कारण अब हम वहां ध्यान नहीं दे रहे हैं। रात्रि के समय में शराब पीने वाले लोगों द्वारा बहुत गाली गलौज की जाती है जिसके कारण धर्मशाला में रुकने वाले यात्रियों को बहुत परेशानी होती है। इसकी शिकायत भी की जा चुकी है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। इस गार्डन की नगरपालिका द्वारा सही देखरेख किया जाना चाहिए जो यहां कुड़ा कचरा पड़ा है उसे हटाया जाए और गार्डन में जो शराब खोरी हो रही है उस पर नगर पालिका प्रशासन द्वारा रोकथाम लगाया जाना चाहिए।