12 दिन मे 5 बैगाओ की मौत उल्टी दस्त की बीमारी ने उड़ाई बैगाओ की नींद !

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बालाघाट (पद्मेश न्यूज)। देश को आजाद हुए 74 वर्ष बीत गए हैं बावजूद इसके भी जिले के कई क्षेत्रों के लोगों को मूलभूत सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही है जहां लोग सडक़ बिजली पानी शिक्षा व स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज है वहीं स्वास्थ्य सुविधा ना मिलने के चलते लोगों की अकारण मौत हो रही है जिसको लेकर गांव में दहशत का माहौल है। ताजा मामला जिला मुख्यालय से करीब 85 किलोमीटर दूर विकासखंड बिरसा के अंतर्गत आने वाले मुक्की, ग्राम समनापुर का है जहां ग्राम समनापुर के जगराह टोला में उल्टी दस्त की बीमारी के चलते पिछले 12 दिनों में 5 लोगों की मौत हो गई। जगराटोला के लोग इस बीमारी को रहस्यमई बीमारी मानकर डर के माहौल में जी रहे हैं।बताया जा रहा है कि ग्रामीणों को अचानक उल्टी दस्त की शिकायत होती है जिसके 2-3 दिनों के भीतर उनकी मौत हो जाती है। आशंका लगाई जा रही है कि गांव में हैजा की बीमारी फैली होगी जिससे ग्रसित होकर लोगों की मौत हो रही है।उधर मामले का संज्ञान लेकर मौके पर पहुचे मप्र आदिवासी विकाश परिषद के जिला अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने प्रदेश सरकार की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए ग्रामीण अंचलों में रहने वाले बैग आदिवासियों को सडक़ बिजली पानी शिक्षा व स्वास्थ्य सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं दिए जाने की मांग की है। इन 5 लोगों की हुई अचानक मौत बिरसा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम समनापुर जगराह टोला में लोग इन दिनों उल्टी दस्त की बीमारी से ग्रसित है जहां पिछले 10-12 दिनों में 5 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें एक 18 वर्षीय युवक भी शामिल है प्राप्त जानकारी के अनुसार उल्टी दस्त की बीमारी से जगरा टोला निवासी 45 वर्षीय हरि सिंह पिता दलसिंह परते, उनकी पत्नी 40 वर्षीय सोनवती पति हरि सिंह परते, 18 वर्षीय वैशाख सिंह पिता राम सिंह, 35 वर्षीय चेतराम पिता सूरज सिंह मरकाम और 52 वर्षीय लक्ष्मी पति विशाल परते की मौत उल्टी दस्त की बीमारी से हो चुकी है। 10-12 दिनों में हुई 5 लोगो की मौत पर ग्रामीणों में  दहशत का माहौल है जहां ग्रामीण इसे कोई रहस्यमयी बीमारी मान रहे है। ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को मोहताज जगराहा टोला के ग्रामीण ना सिर्फ बीमारी से परेशान है बल्कि उन्हें मूलभूत सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है जहां वे सडक़ बिजली पानी शिक्षा व स्वास्थ्य आदि सुविधाओं से वंचित है गांव में विद्युत के पोल तो हैं लेकिन उन्हें विद्युत की सुविधा नहीं मिल पाती,वही गांव और टोला में नल जल योजना के तहत नल लगाए गए हैं लेकिन योजना के तहत लगाए गए नल शो पीस नजर आ रहे हैं जिसने एक बूंद भी पानी नहीं आता। वही 1500 लोगों की आबादी वाले इस गांव में आज भी पक्की सडक़ का निर्माण नहीं कराया गया है वहीं जगराटोला में लोग कुए का पानी पीने के लिए मजबूर है। बताया जा रहा है कि यहां के कुछ लोगों को हैजा की शिकायत हुई थी जहां उल्टी दस्त के चलते 10- 12 दिनों में 5 लोगों की मौत हो गई जिसमें एक 18 वर्षीय युवक भी शामिल है। पता नहीं ये कौन सी बीमारी है-चमनबती मरकाम इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण चमनबती मरकाम ने बताया कि गुरुवार को उनके भाई की तबीयत खराब हुई थी जिसकी दो-तीन दिन में ही मौत हो गई डॉक्टर को बुलाकर इलाज कराए थे लेकिन वह ठीक नहीं हुआ केवल उनका भाई ही नहीं बल्कि गांव के अन्य 5 लोगों को भी यही बीमारी थी और उनकी भी एक-दो दिनों में मौत हो गई यह कौन सी बीमारी है इसकी उन्हें जानकारी नहीं है। डॉ ने कहा 2 दिन में ठीक हो जाएगा ,लेकिन बेटा की मौत हो गई-टिकिन बाई वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण टिकिन बाई ने बताया कि उनका 35 वर्षीय पुत्र चैतराम की मौत हो चुकी है उसे 2 दिनों से उल्टी दस्त की शिकायत थी डॉ को बुलाए लेकिन कुछ नहीं हुआ डॉक्टर बोल रहे थे कि एक-दो दिन में ठीक हो जाएगा लेकिन 2 दिन बाद ही उसकी मौत हो गई। जिसे भी बीमारी होती है वह मर जाता है-झामसिंह मरकाम वहीं मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण  झामसिंह मरकाम ने बताया कि गाव में उल्टी दस्त की बीमारी चल रही है इसी बीमारी से 5 लोगों की मृत्यु हो चुकी है बीमारी की वजह से लोग डरे हुए हैं लोगों ने एक दूसरे के घर आना जाना बंद कर दिया है कुछ लोग बोल रहे हैं कि यह हैजा की बीमारी है स्वास्थ्य विभाग को सूचित किए थे जिस पर एएनएम आई थी जो दवाई देकर चली गई यहा सभी को एक ही प्रकार की बीमारी हो रही है जिसे भी बीमारी होती है वह मर जाता है। एएनएम आई थी जो लिखा पढ़ी करके गई-प्रदीप मरकाम वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण प्रदीप मरकाम ने बताया कि पता नहीं उनके टोले में कौन सी बीमारी है जिससे लोगों की मौत हो जाती है उनके घर के सामने एक 18 साल का लडक़ा था जो फुटबॉल खेल कर आया और बीमारी के चलते मर गया महज 12 दिनों में ही 5 लोगों की मृत्यु हो चुकी है कल एएनएम आई थी जो लिखा पढ़ी करके गई  लेकिन उन्होंने बताया नहीं कि क्या बीमारी है और इससे कैसे बचा जाए। लोग बोल रहे हैं कि हैजा की बीमारी है-महासिंह मेरावी वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान ग्रामीण महासिंह मेरावी ने बताया कि उल्टी दस्त की वजह से यहां लोगों की मौत हो रही है 15 तारीख को एक साथ 2 लोगों की मौत हो गई, वहीं 20 तारीख को एक की मौत हुई है।वहीं 23 तारीख को 2 अन्य लोगों की मौत उल्टी और पेचिश की वजह से हुई है इस बीमारी से लोग डरे हुए है। लोग बोल रहे हैं कि यह हैजा की बीमारी है हमारे गांव में और टोले में नल जल योजना के तहत पाइप लाइन बिछाई गई है लेकिन 1 वर्ष बीत जाने पर भी यहां नलों में पानी नहीं आया है हम सभी लोग कुएं का पानी पीते हैं हमने कई बार नल जल योजना को शुरू करने की मांग की है पर आज तक कुछ नहीं हुआ कुएं के पानी में यदि कोई दिक्कत है तो उसकी जांच करनी चाहिए लेकिन पानी की जांच भी आज तक विभाग द्वारा नहीं की गई है केवल पानी ही नहीं बल्कि लोगों को स्वास्थ्य सडक़ बिजली आदि की सुविधा भी नहीं दी जा रही है। ग्रामीण इस बीमारी से डरे हुए हैं- बिसराम परते वही ममले को लेकर की गई चर्चा के दौरान बिसराम परते ने बताया कि ल उनकी पत्नी लक्ष्मी बाई की मृत्यु उल्टी और दस्त की वजह से हुई है उनकी पत्नी लक्ष्मी को उल्टी हो रही थी जिसके दूसरे दिन उन्हें पेचिश की शिकायत हुई और तीसरे दिन उनकी मौत हो गई केवल उनकी पत्नी ही नहीं बल्कि गांव में अन्य 5 लोगों की मौत उल्टी दस्त से हुई है स्वास्थ्य विभाग वाले आए तो बोले कि टीका लगवा लो और गोली देकर चले गए लेकिन आज भी ग्रामीण इस बीमारी से डरे हुए हैं। ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं दी जानी चाहिए-दिनेश धुर्वे वही इस पूरे मामले संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान मध्य प्रदेश आदिवासी विकास परिषद के जिला अध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने बताया कि ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर वे आज जगराह टोला का निरीक्षण करने पहुंचे थे जहां गांव व टोले के लोग आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है जिन्हें सरकार द्वारा सडक़ बिजली पानी शिक्षा व स्वास्थ्य की पर्याप्त सुविधाएं नहीं दी जा रही है उन्होंने बताया कि जगराह टोला में 60 लोग रहते हैं जहां 5 लोगों की मृत्यु उल्टी दस्त की वजह से हो गई है स्वास्थ्य सुविधाएं ना मिलने के चलते लोग बीमार हो रहे हैं वही यहां मूलभूत सुविधाएं भी ग्रामीणों को नहीं मिल पा रही हैं विद्युत पोल लगाए गए हैं पर ग्रामीणों को बिजली नहीं मिल रही है वहीं नल जल योजना के तहत ग्रामीणों को नल का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है उन्होंने बताया कि सरकार की मानसिकता ट्राईबल बेल्ट में सकारात्मक नहीं है इस गांव में सडक़ बिजली पानी शिक्षा व स्वास्थ्य की मूलभूत सुविधा नहीं है गरीब तबके के लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी तक नहीं मिल पा रहा है हमारी मांग है कि शासन प्रशासन ने इन आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को सडक़ बिजली पानी स्वास्थ्य की सुविधाएं देकर यहां शिक्षा का स्तर बढ़ाना चाहिए।

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