महंगाई का असर अब पर्व-त्योहारों पर भी देखा जा रहा है। पूरे देश में 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा, लेकिन भगवान गणेश की प्रतिमा पर भी अब जीएसटी का असर दिख रहा है। इस साल भगवान गणेश की मूर्तियों के दाम जीएसटी बढ़ने की वजह से 40 फीसदी तक बढ़ गए हैं। देश के बाजारों में गणपति बप्पा पहले की तुलना में अब डेढ़ से दो गुना ज्यादा महंगे बिक रहे हैं। आपको बता दें कि गणपति की औसत प्रतिमा, जो कोरोना काल से पहले 500 से 800 रुपए में उपलब्ध हुआ करता था, वह इस साल 1000 से 1200 रुपए में बिक रहे हैं। गाजियाबाद में भगवान गणेश की अलग-अलग प्रतिमा बनाने वाले एक मूर्तिकार के मुताबिक पिछले दिनों सरकार ने कई चीजों पर जीएसटी लगा दिया था। इससे मूर्ति बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चे माल की कीमतों में उछाल आ गया। जीएसटी की वजह से भगवान गणेश मूर्तियों के दाम हम लोगों ने इस साल बढ़ा दिया है। गणेश की मूर्ति का कोई भी साइज आप खरीदेंगे हर मूर्ति पर पहले की तुलना में दाम बढ़े मिलेंगे। सजाने से रंगने के सामान के दाम बढ़ गए हैं। पहले कपड़े की कीमत प्रति मीटर 35 से 40 रुपए से बढ़ कर 50 से 55 तक पहुंच गई है। मूर्तियों के श्रृंगार के लिए ऑयल पेंट की कीमतों में भी इजाफा हो गया है। 30 प्रतिशत तक दाम बढ़ गए हैं। ब्रश, मिट्टी, बांस और बिचाली के साथ मजदूरी भी बढ़ गई है।
कारीगरों का कहना है कि कोरोना काल में जो कारीगर काम छोड़ कर चले गए थे, वह अभी तक लौट कर नहीं आए हैं। इस साल हमलोग अपने खर्चों पर कारीगरों को बुला रहे हैं। साथ ही बढ़िया प्रतिमा बनाने के लिए मिट्टी भी राजस्थान और गुजरात जैसे जगहों से खरीद कर लाते हैं। इससे, इस साल मजदूरी प्रति व्यक्ति 1000 रुपए से लेकर 1200 रुपए तक पड़ रहा है। गाजियाबाद के वैशाली में भी भगवान गणेश की 500 रुपए से लेकर 50 हजार तक मूर्तियां हैं। हालांकि लोग 500 से 15000 तक प्रतिमाएं ज्यादा खरीद रहे हैं। मिट्टी से बनी एक फीट की प्रतिमा की कीमत 800 से लेकर 1500 तक है। वहीं ढाई फीट की एक प्रतिमा 4000-5000 तक बेचते हैं। चार फीट की प्रतिमाएं 6000 से लेकर 8000 रुपए तक और 6 फीट की प्रतिमाएं 10 हजार रुपए तक बेच लेते हैं।