नगर के समीप गोगलाई स्थित कन्या छात्रावास में उस वक्त अफरा तफरी का माहौल निर्मित हो गया जब छात्रावास की करीब 500 से अधिक छात्राओं ने भोजन साफ सफाई सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं दिए जाने की मांग को लेकर हंगामा मचाना शुरू कर दिया। जहा देखते ही देखते छात्राए अक्रोशित हो गई और उन्होंने स्कूल प्राचार्य योगेंद्र कुमार डोंगरे के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्राचार्य को हटाने की मांग रखकर जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ छात्राओं का बडा समूह छात्रवास से बाहर निकलकर सडक पर उतरा और हंगामा मचाने लगे। इसी बीच छात्राओं ने एक रैली के माध्यम से मुख्यालय पहुंचने की तैयारी शुुरु कर दी। उधर मामले की जानकारी लगते ही प्रबंधन ने आनन फानन में गेट का ताला जड़ कर छात्राओं को समझाइश देने की लाख कोशिशें की लेकिन छात्राए नही मानी, जिसपर सभी छात्राओं को अंदर ताले में बंद कर प्रबंधन किसी तरह मामले में पर्दा डालने की कोशिश में लग गया।इसी दौरान ताले में बंद छात्राओं ने किसी तरह मीडिया तक अपनी बाते पहुचाई और मीडिया के पहुचते ही वह हंगामा मच गया। जहा मीडिया के पहुचने पर प्राचार्य लेडिस बाथरूम में छुप गए जो प्रशासनिक अधिकारियों के वहा आते तक छुपे रहे। उधर छात्राओं ने गेट पर लगे ताले को तोडक़र मीडिया कर्मियों को गेट के अंदर किया,और अपनी विभिन्न समस्याएं बताई वही छात्राए रैली के माध्यम से कलेक्टर कार्यालय के लिए रवाना हुई ।लेकिन सूचना मिलते ही गोंगलई और गायखुरी के बीच रास्ते में प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हे रोका और उनसे चर्चा की। जहां प्रदर्शनकारी छात्राओं ने बताया कि वे सभी अपने कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य योगेंद्र डोंगरे को हटाने की मांग को लेकर सडक पर उतर आई है। इस दौरान छात्राओं ने बताया कि उनके प्राचार्य का छात्राओं के प्रति व्यवहार ठीक नही है और उनके द्वारा बंच्चो को लगातार प्रताडि़त किया जाता है। वही स्कूल प्रबंधक पर बंच्चो को कमरे में बंद करने, गेट में तालाबंदी करने, बच्चो से ही शौचालय साफ करवाने, बच्चो को दूषित भोजन परोसने, पेयजल, गंदगी, शिक्षा समेत अन्य कई समस्याओं को लेकर अपनी शिकायते बताई।जिसपर प्रशासनिक अधिकारियों ने किसी तरह बच्चों को समझाइश देकर उनकी समस्त मांग पूरी करने का आश्वासन देकर छात्राओं को वापस छात्रावास पहुंचाया गया।इस दौरान सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग राहुल नायक,अपर कलेक्टर शिवगोंविद मरकाम और कोतवाली टीआई कमल सिंह गहलोत सहित पुरूष व महिला पुलिस कर्मी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
छात्राओ ने दी छात्रावास छोडऩे की चेतावनी
बताया जा रहा है की जिले के दूरस्थ क्षेत्रों की छात्राएं गोंगलई कन्या छात्रावास में रहकर शिक्षा प्राप्त कर रही है, लेकिन छात्रावास में उन्हें मुलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है और न ही उनके साथ व्यवहार अच्छा किया जा रहा है। जिससे ही नाराज होकर एकजुट हुई छात्राओं ने सडक़ पर उतरकर प्रदर्शन किया है। छात्राओं के प्रदर्शन की जानकारी लगते ही मौके पर प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने प्रदर्शनकारी छात्राओं को समझाइस दी है और कार्रवाई कर आश्वासन दिया है। पलक कुसरे, रोहिणी परते, आरती वडक़ड़े समेत अन्य ने बताया कि छात्रावास में ठीक तरह से खाना नहीं मिलता है और दाल में चावल का पानी मिलाया जाता है। इतना ही नहीं बीमार होने पर सिर्फ पैरासिटामाल की दवा दी जाती है, और छात्राओं का छात्रावास होने के बाद भी अधीक्षका न होकर प्राचार्य समस्त देखरेख कर रहे है और उनके साथ ही अन्य स्टाफ उचित व्यवहार भी नहीं करता है। छात्रावों ने बताया कि बड़ी कक्षाओं की छात्राए जब प्रदर्शन करने छात्रावास के बाहर गई तो छोटी कक्षाओं की छात्राओं को कक्षाओं में बंद कर दिया गया है तो और ताला लगा दिया गया था किसी तरह से छात्राओं ने ताला तोड़ा है और बाहर निकली है इसलिए प्राचार्य को तत्काल ही हटाया जाना चाहिए है, अन्यथा वे लोग छात्रावास को ही छोड़ देगी।
शौचालय में छिपे थे प्राचार्य
छात्राओं के द्वारा किये जा रहे प्रदर्शन के बाद माहौल गरमाता गया और समस्याओं को लेकर चर्चा करने मीडिया भी मौके पर पहुंच चुकी थी। लेकिन अफसोस कन्या शिक्षा परिसर के मुख्य गेट में ताला लगा था और परिसर के अंदर छात्राओं का एक दूसरा समूह प्रदर्शन कर रहा था। इस बीच गेटमेन से ताला खोलने की बात कहीं, लेकिन प्राचार्य के इशारे पर गेटमेन कृष्णकुमार लिल्हारे ने गेट नही खोला। जिसके बाद छात्राओं ने स्वंय पत्थर से ताला तोडा और मीडिया को अंदर जाने का मौका मिला। जहां मीडिया समूह को देखकर प्राचार्य के पसीने छूट गये और मीडिया के सवाल-जवाब से बचने के लिये वे छात्राओं के प्रसाधन कक्ष में जाकर छिप गये। वो तभी अंदर छिपे थे जब अधिकारीयों की टीम मौके पर पहुंच चुकी थी। लेकिन अधिकारियों के सख्त निर्देश पर वे लंबे समय बाद बाहर निकले और अधिकारीयों के बीच बिठाकर छात्राओं ने उनकी जमकर क्लास ली और अधिकारी मौन बैठकर समस्याओं का पिटारा सुनते रहे।
मेस में बजबजा रही गंदगी
इस पूरे मामले की शिकायत सामने आने के बाद हमारी टीम ने भी छात्रवास पहुंचकर मौके का जायजा लिया। जहां छात्राओं की समस्यायें सही पाई गई। छात्रवास परिसर में इतनी गंदगी फैली थी कि वहां की व्यवस्थाओं की सारी पोल खुल गई। वही बच्चो के लिये पकाया गया भोजन भी एक सिरे से दूषित नजर आ रहा था। क्योकि चांवल की उपरी परत पर जमा चांवल भीर बिल्कुर बांसा नजर आ रहा था। जिसका सेवन करने पर निश्चित ही स्वास्थ खराब होने की नौबत बन जाती। उधर छात्राओं ने मीडिया की मौजूदगी तक भोजन करने से भी साफ इंकार कर रखा था।
हमें मानसिक रूप से बेहद परेशान किया जाता है-छात्राएं
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान छात्रा रक्षा गजभियें,पलक कुसरे, रोहिणी परते, आरती वडक़ड़े समेत अन्य ने बताया कि उनके कन्या शिक्षा परिसर के प्राचार्य वाय के डोंगरे के द्वारा उन्हे मानसिक रूप से बेहद परेशान किया जाता है। उन्हे आये दिन दूषित भोजन व दूषित पानी परोसा जाता है, जिससे कई बच्चे भी बीमार हो गए है। लेकिन बीमार होने पर उनका कोई उपचार नही किया जाता, बल्कि खानापूर्ति के लिये बिना किसी जांच के पेरासीटामल नाम दवाई दे दी जाती है। जिससे स्वास्थ में कोई सुधार नही होता। वही दूषित पानी के सेवन से शरीर में इफेंक्शन फैल रहा है और मलेरिया जैसी बीमारी से ग्रासित हो रहे है। छात्राओं ने बताया कि शरीर में नाना प्रकार के चठ्ठे व दाने उभर आये है और खुजलाहट होती है। जिसके बारे में सबकुछ बताने के बाद भी कोई उपचार नही किया जाता। छात्रवास में जब परिजन मिलते आते है तो उन्हे भी नियमो का हवाला देकर धमकिया दी जाती है और बच्चो से मिलने नही दिया जाता, बल्कि उनके साथ भी अभद्र व्यवहार किया जाता है। छात्राओ ने यह भी बताया कि उनसे शौचालय व भोजन करने के स्थान की भी साफ सफाई करवाई जाती है। बंच्चे जब स्कूल जाते है तो उनसे झाडू लगवाई जाती है। जब इन समस्याओं के लेकर आज पूरी छात्रायें एकजुट होकर विरोध में उतरी तो आज छात्रावास परिसर के मुख्य गेट पर तालाबंदी की दी गई। वही छोटे बच्चो को एक कमरे में कैद करके रखा गया। जिसके बाद बच्चे गेट कूदकर व ताला तोडक़र सडक़ पर प्रदर्शन करने बाहर निकल आये और प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन किया।
जांच में लापरवाही पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी-राहुल नायक
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान जनजातीय कार्य विभाग सहायक आयुक्त राहुल नायक ने बताया कि गोगलाईं छात्रावास की छात्राओं ने मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर आंदोलन किया था। बच्चे प्रशासन की लापरवाही का मामला बता रहे हैं उनका गुस्सा स्कूल और हॉस्टल प्रबंधक के खिलाफ हैं। अभी उकवा के होस्टल में भी कुछ ऐसी ही घटना सामने आई थी। जिसपर प्रथम दृष्टया गलती पाने पर वहां के अधीक्षक और अधीक्षका को तत्काल प्रभाव से हटाया गया है। इसी तरह यहां कोई लापरवाही आती है तो उस पर भी कार्यवाही की जाएगी। वही बच्चों की जो मांगे हैं उन्हें पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
जो भी कमियां होंगी उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा-मरकाम
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान अपर कलेक्टर शिव गोविंद मरकाम ने बताया कि कन्या शिक्षा परिसर के बच्चों ने पर्याप्त और संतुलित भोजन ना मिलने, उचित पानी की व्यवस्था ना होने और परिसर की साफ-सफाई आदि को लेकर शिकायत की है ।जिसमें उन्होंने होस्टल अधीक्षक का व्यवहार ठीक नहीं होने की जानकारी दी है। बच्चों की शिकायत पर हम यहां आए हैं। यहां बच्चों की मेस व्यवस्था तुरंत बदली जाएगी वही बच्चों के बयान के आधार पर प्रकरण तैयार कर कलेक्टर महोदय के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। क्योंकि वाय के डोंगरे प्रथम श्रेणी के प्राचार्य हैं। उनके अधिकारी कमिश्नर हैं ।उन्हें भी मामले से अवगत कराया जाएगा। वही जो भी कमियां होंगी उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
उधर करीब 35 बच्चे हुए बीमार, सभी बीमार छात्राओं को जिला अस्पताल में कराया गया भर्ती
दिनभर चले आंदोलन के बाद देर शाम होते-होते कुछ बच्चे बीमार हो गए वहीं कुछ बच्चे चक्कर खाकर बेहोश हो गए। जिसके चलते वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन पर एंबुलेंस की मदद से बीमार हुई सभी 35 छात्राओं को रात्रि में जिला अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया है। जहां बच्चों ने दूषित और अपर्याप्त भोजन मिलने , साफ़ पेयजल के उचित इंतजाम ना होने की बात कहते हुए, उनकी तबीयत खराब होने की जानकारी दी है।जिन्हें जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है जहां उनका उपचार जारी है।
बीमार बच्चों में इनका समावेश
गोगलाई कन्या छात्रावास में बीमार हुए सभी 35 छात्राओं को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसमें कक्षा छठवीं की छात्रा देवकी उईके, आरती मेरावी, मौसम पुषाम, आंचल मरकाम , रीना मेरावी, एकवंती टेकाम, कक्षा सातवीं की छात्रा मिनेश्वरी मेरावी, आरती उईके, रेवंती धुर्वे, साधना उईके, अंजलि उईके,प्रीति उमरे, कक्षा आठवीं की छात्रा सावित्री धुर्वे, रीभा मरकाम, अंजू परते, महिमा मेरावी, प्राची धुर्वे, प्रिंसी वरकडे ,पलक उईके, स्वाति उईके, तो वही कक्षा दसवीं की छात्रा प्रियंका शिववंशी सहित अन्य छात्राओं का समावेश है।जिनका जिला अस्पताल में उपचार जारी है। वहीं इन छात्राओं की सुरक्षा और उनके सहयोग के लिए शिक्षक वाय के लिल्हारे, उच्च माध्यमिक शिक्षक रितु दमाहे ,शिक्षक संतोष चौरागडे,संतोष लांजेवार ,प्यून नेहा रंगारे सहित अन्य अस्पताल में उपस्थित रहे।