गौर विसर्जन के साथ ही हरितालिका तीज व्रत का समापन

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अखंड सौभाग्य की कामना के साथ रखा जाने वाला हरितालिका तीज व्रत महिलाओं द्वारा बड़े ही आस्थाभाव के साथ रखा गया। इसमें महिलाओं द्वारा 24 घंटे का निर्जला व्रत रखा गया था। सोमवार की रात्रि से प्रारंभ हुआ हरितालिका तीज का यह व्रत बुधवार की सुबह गौर विसर्जन के साथ समाप्त हुआ, महिलाओं द्वारा पूजा अर्चना कर गौर का विसर्जन किया गया।

आपको बताये कि सुहागिन महिलाओं के लिए हरितालिका तीज के व्रत का बहुत महत्व है। महिलाएं निर्जला उपवास कर सज धज कर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं। यह व्रत अखंड सौभाग्य प्राप्ति के निमित्त किया जाता है वही कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए इस व्रत को रखती हैं। मंगलवार की रात्रि में व्रत रखने वाली महिलाओं द्वारा एवं कन्याओं द्वारा रतजगा कर पूजा अर्चना किया गया इस दौरान महिलाओं द्वारा भजन कीर्तन आदि आयोजन अपने घरों में किए गए। वहीं व्रत रखने वाली कन्याओं द्वारा भी विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रम का आयोजन करते हुये हरितालिका तीज के व्रत को पूरा किया गया। सुबह होते ही महिलाओं ने एवं व्रतधारी कन्याओं ने भगवान शिवजी और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की, जिसके बाद वे समीपस्थ के नदी तालाबों में पहुंचे और उनके द्वारा विधि विधान के साथ गौर का विसर्जन किया गया।

नगर में स्थित वैनगंगा नदी में बुधवार की सुबह बड़ी संख्या में महिलाओं एवं व्रतधारी कन्याओं का जमावड़ा रहा, सभी ने आस्थाभाव के साथ पूजा अर्चना कर वैनगंगा नदी में गौर का विसर्जन किया। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में भी महिलाओं द्वारा गौर विसर्जन कर हरितालिका तीज के व्रत को पूरा किया गया।

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