चंद्रभोज बिसेन को जमीन पर टाॅवर लगाने एवं नौकरी देने का विश्वास देकर धोखाधड़ी करने के लिये 03 वर्ष का सश्रम कारावास

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वारासिवनी न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी चैतन्य अनुभव चौबे की अदालत ने जमीन पर टावर लगाने और नौकरी का विश्वास देकर धोखाधड़ी करने के आरोपी चंद्रभोज विशेष को 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 8000 रुपए के अर्थदंड से दंडित कर सजा सुनाई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार 28 अगस्त 2016 को प्रार्थीगण थाना आकर लिखित शिकायत पत्र पेश किये, जिसमें फरार आरोपी राधेश्याम पिता भोजलाल ठकरेले निवासी गोंदिया महाराष्ट्र द्वारा प्रार्थी व उनके हितग्राहियों के साथ टाॅवर लगाने के नाम पर 10-10 हजार रुपये लेकर धोखाधड़ी करने के संबंध में लेख था। उक्त शिकायत पत्र की जांच पर आरोपी राधेश्याम ठकरेले के विरूद्ध धारा 420 भादसं का अपराध पाये जाने से अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। विवेचना दौरान अभियुक्त बलराम, जितेन्द्र, चंद्रभोज एवं राजकुमार के साथ मिलकर योजना बनाकर अपराध घटित करना स्वीकार किया गया। जो अभियुक्त राधेश्याम ठकरेले के कब्जे से उसके घर व आॅफिस से टाॅवर लगाने से संबंधित एक दस्तावेज फाईल, जिसमें टाॅवर के संबंध में जानकारी व टाॅवर के छायाचित्र बने है एवं 31 आवेदकगण की फाईलें जिसमें आवेदकगण के दस्तावेज लगे व एक बड़ा मोबाईल जिससे वह आवेदकगण को कंपनी का अधिकारी बनकर विश्वास दिलाता था एवं एक अन्य मोबाईल तथा टाॅवर लगाने संबंधित विज्ञापन पर्चे व एक मोटर सायकिल जो कि उसने आवेदकगण के द्वारा दिये गये रुपये से ली गई थी उसे जप्त किया गया। वही अभियुक्त जितेन्द्र, बलराम, चंद्रभोज द्वारा उनके क्षेत्रों में लोगों को टाॅवर लगाने के नाम पर विश्वास में लेकर धोखाधड़ी की गई जिसके उपरांत अभियुक्तगण को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से टाॅवर लगवाने संबंधी विज्ञापन पर्चे जप्त किये गये। अभियुक्तगण द्वारा आवेदकगण से लिये गये दस्तावेजों की फाईलें तैयार करके अभियुक्त राधेश्याम को दी गई थी उक्त फाईलें कार्यालय व निवास से जप्त की गई थी। आवेदकगण ने बताया था कि अभियुक्तगण द्वारा जावनी फाईनेन्स कंपनी के नाम से टाॅवर लगाने के लिए पर्चे बांटकर प्रचार करना एवं टाॅवर लगवाने पर जमीन मालिक को सात लाख रुपये एवं एक व्यक्ति को नौकरी कंपनी द्वारा देने का लालच देकर जमीन के दस्तावेज फोटो एवं 10 से 25 हजार रुपये मांगना बताया। विवेचना के दौरान प्रकरण में अभियुक्तगण द्वारा अवैध लाभ कमाने के लिए आपराधिक षड़यंत्र, छल करना पाये जाने से प्रकरण में धारा 120बी भादसं. का ईजाफा किया गया था। विवेचना के उपरंात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जिसके बाद से यह प्रकरण वारासिवनी न्यायालय में विचाराधीन था जिसमें विद्वान न्यायाधीश चैतन्य अनुभव चौबे की अदालत में आरोपी चंद्रभोज पिता पृथ्वीराज बिसेन उम्र करीब 43 वर्ष निवासी ग्राम कैसा थाना किरनापुर जिला बालाघाट को भारतीय दण्ड संहिता की धारा 420 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध के आरोप के लिए (प्रत्येक शीर्ष 08) में तीन-तीन वर्ष का सश्रम कारावास एवं 1,000 1,000 रुपये इस प्रकार कुल 8,000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अर्थदण्ड न अदा करने की स्थि़त में आरोपी को 3-3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का आदेश पारित किया जावेगा। प्रकरण में जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री कपिल कुमार डहेरिया के मार्गदर्शन में अभियोजन की ओर से राजेश कायस्त सहायक जिला अभियोजन अधिकारी वारासिवनी के द्वारा पैरवी की गई।

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