चलताऊ ब्रांड का सैनिटाइजर नहीं बिकेगा मेडिकल से

0

कोरोना वायरस से सुरक्षा के नाम पर अब मेडिकल से चलताऊ ब्रांड का सैनिटाइजर नहीं बिकेगा। अब उस पर स्पष्ट चेतावनी संदेश लिखना होगा। मेडिकल संचालक सिर्फ ‘बाहरी उपयोग के लिए, पीने योग्य नहीं लिखा’ हुआ ही सैनिटाइजर बेच सकेंगे। प्रशासन ने सेनिटाइजर की बोतल पर यह सूचना लिखना अनिवार्य कर दिया है। साथ ही सैनिटाइजर रंगीन होना चाहिए, रंगहीन सैनिटाइजर को निर्माता कंपनियों को वापस लेने के लिए भी कहा गया है। दरअसल मंगलवार को 12 नंबर मल्टी पर ‘मामा की चाय अपनों के साथ’ नामक चाय पर चर्चा के कार्यक्रम में रहवासियों की शिकायत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाजार से ‘टाइगर’ ब्रांड के सैनिटाइजर को हटाने के निर्देश दिए थे, जिसे कि कुछ लोग स्प्रिट की मात्रा और रंगहीन होने के चलते नशे के लिए भी इस्तेमाल कर रहे थे। इसके बाद से खाद्य एवं औषधि प्रशासन और आबकारी विभाग की टीम ने दवा दुकानों की जांच शुरू कर दी थी। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने आबकारी और औषधि विभाग को निर्देश दिए हैं कि उक्त नियमों का पालन नहीं करने वाले सैनिटाइजर निर्माताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए। साथ ही जिन मेडिकल पर यह बेचा जा रहा है, उनको भी सील करने की कार्रवाई की जाए। इसी निर्देश का पालन करते हुए टीमों ने शहर की विभिन्न दवा दुकानों की जांच शुरू कर दी है। टीम ने पुराने भोपाल के ईदगाह हिल्स, भोपाल रेलवे स्टेशन सहित अन्य इलाकों की दवा दुकानों की तलाशी ली। इससे पहले साईं बोर्ड 11 नंबर, 12 नंबर मल्टी व उसके आसपास इलाके में भी तलाशी ली। जहां दुकानों पर टाइगर ब्रांड का सैनिटाइजर बेचा जा रहा था, उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की है। सहायक आबकारी आयुक्त राकेश कुर्मी का कहना है कि टाइगर नाम से बेचे जाने वाला सैनिटाइजर रंगहीन और सफेद रंग का है। इसमें स्प्रिट की मात्रा ज्यादा होती है जो कि देशी शराब जैसा दिखाई देता है। इसे नशे के रूप में ग्राहकों द्वारा उपयोग किए जाने से भी इंकार नहीं किया जा सकता है। इसी वजह से इसके विक्रय पर रोक लगाई गई है। अब कंपनियां रंगीन और शासन द्वारा जारी की गई सूचना को अंकित किया हुआ ही सैनिटाइजर बेच सकेंगी। प्रतिबंधात्मक सैनिटाइजर बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here