भारत के साथ हालिया संघर्ष के बाद पाकिस्तान अपनी सैन्य कूटनीति को आगे बढ़ा रहा है। सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर चीन, श्रीलंका और इंडोनेशिया का दौरा करेंगे, जहां वे चीन के लिए सेल्समैन की भूमिका अदा करेंगे।।
भारत के साथ हालिया संघर्ष में बुरी तरह पिटने के बाद पाकिस्तान अपनी सैन्य कूटनीतिक को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाने में लगा हुआ है। इसका उद्येश्य पाकिस्तान को क्षेत्रीय रक्षा शक्ति के रूप में फिर से स्थापित करना है। इस प्रयास का नेतृत्व पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष फील्ड मार्शल जनरल असीम मुनीर कर रहे हैं, जो इस महीने के अंत में चीन, श्रीलंका और इंडोनेशिया के एक बड़े दौरे की तैयारी कर रहे हैं। अमेरिका, सऊदी अरब, यूएपी, तुर्की, ईरान और ईरान के बाद अब मुनीर की नजर दक्षिण-पूर्व-एशिया पर है।
न्यूज 18 ने पाकिस्तान के शीर्ष सैन्य सूत्रों के हवाले से बताया है कि मुनीर की की ये यात्राएं कोई सामान्य कूटनीतिक प्रयास नहीं हैं, बल्कि पाकिस्तान को समान विचारधारा वाले देशों के सा
चीनी हथियारों की मार्केटिंग करेंगे मुनीर
पाकिस्तान ने यह कूटनीतिक पहल भारत के साथ सैन्य टकराव के बाद हुई है, जिसने तनाव को काफी बढ़ा दिया है। इसके बाद से ही पाकिस्तान अपने रणनीतिक संबंधों को गहरा करने के लिए बेकरार है। पाकिस्तान के विस्तार का एक प्रमुख घटक चीनी और तुर्की रक्षा तकनीकी की मार्केटिंग है, जिसमें इस्लामाबाद खुद को हथियारों की बिक्री के लिए एक सुविधाकर्ता और क्षेत्रीय केंद्र के रूप में स्थापित कर रहा है।
थ जोड़ने और दीर्घकालिक सैन्य सहयोगी स्थापित करने के उद्येश्य से सोची-समझी चाल हैं। लेकिन पाकिस्तानी सेना प्रमुख की यात्राओं का असल मकसद चीन के लिए मार्केटिंग करना है।
भारत के दोस्तों को पटाने की कोशिश
पाकिस्तानी सेना प्रमुख 20 से 22 जुलाई तक श्रीलंका और 24 से 26 जुलाई तक इंडोनेशिया की यात्रा पर रहेंगे। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों यात्राओं के बीच या फिर अगस्त की शुरुआत में उनका चीन का गुप्त दौरा हो सकता है। फिलहाल, उनके चीन दौरे को गुप्त रखा जा रहा है, लेकिन ऐसी रिपोर्ट है कि यह कथित तौर पर खुफिया जानकारी साझा करने, रक्षा खरीद और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्षेत्रीय शक्ति संतुलन के इर्द-गिर्द केंद्रित है।सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान का सैन्य नेतृत्व चीन के साथ संयुक्त रूप से निर्मित JF-17 थंडर फाइटर जेट और तुर्की के बायरकतर ड्रोन को बिक्री के लिए बढ़ावा दे रहा है। मुनीर की यात्रा के दौरान श्रीलंका, इंडोनेशिया और ईरान जैसे देशों को इन प्लेटफॉर्मों की पेशकश करने की उम्मीद है। इस साल की शुरुआत में तुर्की और इंडोनेशिया के रक्षा मंत्रियों ने इस्लामाबाद का दौरा किया था, जिसमें सैन्य प्रशिक्षण, संयुक्त उत्पादन और क्षेत्रीय सुरक्षा समन्वय पर उच्च-स्तरीय वार्ता हुई थी। ये पारस्परिक दौरे बढ़ते रक्षा सहयोग को रेखांकित करते हैं।