एनएसए अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस जा रहे हैं। वहां वो ब्रिक्स एनएसए की बैठक में हिस्सा लेंगे। यह बैठक अक्टूबर में कजान में होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से पहले हो रही है। इस दौरान डोभाल अपने चीनी समकक्ष से भी मिल सकते हैं। ब्रिक्स एनएसए की यह बैठक आतंकवाद से निपटने और शिखर सम्मेलन के एजेंडे को अंतिम रूप देने पर केंद्रित होगी। यह बैठक पिछले साल पांच नए सदस्यों सऊदी अरब, यूएई, ईरान, मिस्र और इथियोपिया के समूह में शामिल होने के बाद पहली ब्रिक्स एनएसए बैठक होगी।
चीनी एनएसए से मिल सकते हैं डोभाल
इस दौरान डोभाल अपने रूसी समकक्षों और ब्रिक्स के अन्य सदस्य देशों के समकक्षों से भी मुलाकात कर सकते हैं। रूसी पक्ष के साथ बैठक में जुलाई में मास्को में हुए वार्षिक शिखर सम्मेलन के बाद की स्थिति पर चर्चा हो सकती है। 2023 में जोहान्सबर्ग में हुई 13वीं ब्रिक्स एनएसए बैठक में डोभाल ने कहा था, ‘आतंकवाद राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में आतंकी संगठन अभी भी बेखौफ काम कर रहे हैं।
ब्रिक्स की बैठक में क्या बोले थे डोभाल?
डोभाल ने सुझाव दिया था कि आतंकवादियों और उनके मददगारों को संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद विरोधी प्रतिबंध शासन के तहत सूचीबद्ध करना एक ऐसा क्षेत्र है जहां ब्रिक्स साथ मिलकर काम कर सकते हैं। डोभाल ने इसे महत्वपूर्ण बताया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति का निर्णय लेना राजनीतिकरण और दोहरे मानदंडों से मुक्त हो।










































