वारासिवनी न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती प्रीति चैतन्य चौबे ने छेड़छाड़ के आरोपी राजकुमार को 1 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित कर सजा सुनाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार 21 सितंबर 2017 को रात्रि 11 बजे पीड़िता अपने घर पर थी। उसी समय आरोपी राजकुमार रात्रि 11 बजे घर के अंदर लाईट बंद कर आया खिड़की कूदकर गला दबाने लगा। जब पीड़िता ने मोबाइल का लाईट चालू किया तो राजकुमार ने मोबाइल फेंक दिया और उसकी साड़ी खीचने लगा। राजकुमार ने पीड़िता को उसके बिस्तर से उठाकर नीचे पटक दिया जब वह चिल्लाई और लाईट चालू कर देखा तो राजकुमार पीछे के दरवाजे से भाग रहा था। अभियुक्त हाफ बनियान में आया था और उसने उसे पहचान लिया था। जब वह खिड़की कूदकर आया मोहल्ले के लोग उठ गये और पूछने लगे तो उसने घटना के बारे में बताया था। उसके सिर व पैर में चोट आयी थी। वह घर पर अकेली थी। वह घटना के दूसरे दिन रिपोर्ट करने थाने गयी थी। पीड़िता की उक्त सूचना के आधार पर अभियुक्त के विरूद्ध थाना वारासिवनी में अपराध पंजीबद्ध किया गया। उक्त सूचना के आधार पर अभियुक्त के विरूद्ध थाना वारासिवनी में अपराध पंजीबद्ध कर विवचेना में लिया गया। विवेचना के उपरंात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जिसके बाद से यह प्रकरण वारासिवनी न्यायालय में विचाराधीन था जिसमें विद्वान न्यायाधीश न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी श्रीमती प्रीति चैतन्य चौबे की अदालत में आरोपी राजकुमार पिता सोमलाल आयु 28 वर्ष निवासी ग्राम आलेझरी थाना वारासिवनी का अपराध सिद्ध होने पर उसे धारा 456 भादवि के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 1000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। धारा 354 भादवि के अंतर्गत 01 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 1000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। अर्थदण्ड न अदा करने की स्थि़त में आरोपी को 3-3 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतने का आदेश पारित किया जावेगा। अभियोजन की ओर से पैरवी राजेश कायस्त सहायक जिला अभियोजन अधिकारी वारासिवनी के द्वारा की गई।