छिंदवाड़ा में एक तेंदुए के शावक को ग्रामीण की पहल वन विभाग ने उसके मां से मिलवाया है। बताया जा रहा है कि तेंदुए का शावक गांव के पास अपनी मां से बिछड़ गया था। हर्रई वन परिक्षेत्र के धाधरा गांव में ग्रामीण जसवंत सिंह आदिवासी ने शावक को थैले में हर्रई रेंज ऑफिस लेकर पहुंच गया। जिसने बताया कि शावक के पास कुत्ते और दूसरे जानवर उस पर घात लगाए बैठे थे।
इस घटनाक्रम की जैसे ही वन परिक्षेत्र के अधिकारी को सूचना मिली तो उन्होंने तत्काल पहले शावक का प्राथमिक उपचार कराकर इसे दूध पिलवाया। बाद में ग्रामीण के बताए अनुसार उसे धाधरा बीट में ले जाकर एक पिंजरे में बंद कर कैमरा लगा दिया, ताकि वह अपनी मां से मिल सके।

तेंदुए के शावक।
रात 11 बजे मादा ले गई शावक
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि धाधरा बीट में कैमरा लगाकर एक खुला हुआ पिंजरा रखा गया। जहां शावक को कैद कर दिया गया। बाद में तकरीबन रात्रि 11 बजे मादा तेंदुआ उसकी आवाज सुनकर वहां पहुंच गई और उस शावक को अपने साथ ले गई। यह सारी घटना वन विभाग के कैमरे में कैद हो गई।
ग्रामीण की सतर्कता से बच गई जान
वन परिक्षेत्र के धाधरा बीट के पास मां से बिछड़कर घूम रहे एक माह के शावक पर यदि ग्रामीण जसवंत सिंह की नजर नहीं पड़ती तो वह किसी भी आवारा कुत्ते या फिर वन्य प्राणियों का शिकार बन जाता। ग्रामीण जसवंत सिंह ने जिस तरह से शावक की जान बचाई तो वह वाकई में तारीफ के काबिल है।