हनुमान जी के जन्म उत्सव पर मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर से श्री राम सेवा दल समिति द्वारा पानीपत की तर्ज पर चल समारोह निकाला गया जिसमें इस बार वीर हनुमान का स्वरूप आकाश रंगलानी के द्वारा धारण किया गया और जय राम श्री राम के जयकारे के साथ इस चल समारोह को 23 अप्रैल की शाम 7:00 बजे निकाला गया यह चल समारोह शहर के प्रमुख चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए नए राम मंदिर पहुंचकर समाप्त हुआ, इस चल समारोह में वीर हनुमान अपने शीश पर हनुमान जी का मुकुट धारण किए हुए प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहे तो वही उनके पीछे-पीछे कुछ झांकियां भी समिति के द्वारा निकाली गई
आपको बता दें कि 23 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के तत्वधान में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी श्री हनुमान सेवा दल समिति के तत्वधान में मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर से हनुमान जी का पानीपत की तर्ज पर चल समारोह निकाला गया जिसमें आकाश रंगलानी द्वारा हनुमान जी का चोला धारण किया गया ,एवं मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर से चल समारोह निकाला गया जिसमें ढोल नगाड़ों की थाप पर हनुमान जी महाराज के द्वारा नाचते झूमते हुए भक्तों के साथ शहर के प्रमुख चौक चौराहों का भ्रमण करते हुए चल समारोह एवं साथ में प्रमुख झांकियां जो कि आकर्षण का केंद्र नजर आ रही थी
जय राम श्री राम के नारों के साथ निकला चल समारोह –
जय राम श्री राम के नारों के साथ आकाश रंगलानी अपने साथियों के साथ हनुमान जी महाराज का चोला धारण कर त्रिपुर सुंदरी मंदिर से नाचते झूमते हुए निकले जहां पर सर्वप्रथम त्रिपुर सुंदरी मंदिर से यह चल समारोह जय स्तंभ चौक होते हुए काली पुतली चौक पहुंचा जहां से राजघाट चौक ,पुराने राम मंदिर होते हुए महावीर चौक ,नया सर्राफा होते हुए हनुमान चौक और हनुमान चौक से नया राम मन्दिर पहुंची जहाँ चल समारोह का समापन हुआ
जगह-जगह हुआ स्वागत-
जैसे ही यह चल समारोह मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर से निकाला गया वैसे ही दर्शकों एवं श्रद्धालुओं की भीड़ इस चल समारोह के साथ निकल पड़ी जिसमें जय राम श्री राम जय जय राम जैसे नारों से यह चल समारोह सुशोभित हो रहा था वैसे ही जहां-जहां से यह चल समारोह और शोभायात्रा गुजर रही थी वहां पर श्रद्धालुओं के द्वारा अपने अपने स्तर पर इस शोभायात्रा का स्वागत करने के लिए श्रद्धालुओं द्वारा किसी ने पंडाल लगाकर इस चल समारोह का स्वागत किया तो किसी ने अपने घरों एवं संस्थानों के सामने खड़े होकर पुष्प गुछ से इस हनुमान जी महाराज के चल समारोह का स्वागत किया जिसके पीछे राम लक्ष्मण सीता की आकर्षक झांकियां भक्तों के मन को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी वही जगह जगह पर आतिशबाजी के साथ आसमान भी गुंजयमान रहा
कठोर तप और साधना से पाठ होता है हनुमान जी महाराज का –
पूरे 40 से 45 दिन इस हनुमान जी महाराज के पाठ का पाठन कठिन तपस्या और साधना के साथ करना पड़ता है जिसमें नवरात्रा के साथ ही हनुमान जी महाराज की इस साधना का दौर शुरू हो जाता है जिसमें पहले से ही यह तय हो जाता है कि अगले सत्र कौन हनुमान जी महाराज का चोला धारण करेगा जिसमें इस वर्ष आकाश रंगलानी के द्वारा हनुमान जी महाराज का चोला धारण किया गया जिसमें महाराज जी द्वारा पूरे श्रद्धा भक्ति भाव से इस ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करते हुए हनुमान जी की भक्ति में लीन रहकर यह व्रत किया जाता है
प्रमुख आकर्षण का केंद्र होता है शीश पर धारण किया हुआ मुकुट-
इस चल समारोह में हनुमान जी महाराज द्वारा जो चोला धारण किया जाता है जिसमें प्रमुख आकर्षण का केंद्र हनुमान जी महाराज के शीश पर धारण किया हुआ मुकुट होता है इस मुकुट की एक विशेष खासियत होती है इसका वजन जो की 40 किलो का रहता है जिसे पूरे दिन कठोर तपस्या कर एवं इसकी विशेष तैयारी पहले से ही कर ली जाती है जिसके बाद यह चल समारोह निकाला जाता है
भारी पुलिस बल रहा तैनात-
इस चल समारोह की सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद तरीके से जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के द्वारा पहले से ही कर ली गई थी जिसमें मां त्रिपुर सुंदरी मंदिर के पास पुलिस विभाग के द्वारा भारी पुलिस व्यवस्था तैनात की गई थी जिसक जायजा पुलिस अधिकारियों के शाम 5:00 बजे से निरीक्षण कर लिया गया था वही जैसे ही यह चल समारोह और शोभायात्रा निकली उसके साथ-साथ पुलिस का भारी बल भी शोभा यात्रा की अगवानी करते हुए पूरी चाक चौबंद व्यवस्था के साथ यह चल समारोह और शोभायात्रा के साथ चलता रहा वही शहर के प्रमुख मार्गों को यातायात पुलिस कर्मी के द्वारा यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए समय-समय पर मार्गो को परिवर्तित भी करते नजर आए