देश में जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन को जल्द ही इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। इस बारे में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने जानकारी देते हुए बताया कि इसकी कीमत को लेकर सरकार और कंपनी के अधिकारियों की बातचीत चल रही है। आपको बता दें कि भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने 20 अगस्त को ही जायडस कैडिला की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। नीति आयोग (Niti Ayog) के सदस्य डॉ वीके पॉल (Dr. VK Paul) ने बताया कि जायडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D की कीमत को लेकर चर्चा जारी है और जल्द ही इस बारे में कोई नतीजा लिया जाएगा। उन्होंने कहा है कि हम इसे नेशनल वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल करने की तैयारी में हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि ये वैक्सीन अक्टूबर की शुरुआत में मिल सकती है।
जायडस की वैक्सीन ZyCoV-D की क्या है खासियत?
Zydus Cadila द्वारा विकसित किया गया ZyCoV-D टीका दुनिया का पहला डीएनए टीका है। यह एक प्लाज्मिड डीएनए वैक्सीन है। प्लाज्मिड इंसानों में पाए जाने वाले डीएनए का एक छोटा सर्कुलर हिस्सा होता है। ये वैक्सीन इंसानों की बॉडी में सेल्स की मदद से कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन तैयार करता है। इससे बॉडी को कोरोना वायरस के अहम हिस्से की पहचान करने में मदद मिलती है। इस प्रकार बॉडी में इस वायरस का डिफेंस तैयार किया जाता है। अच्छी बात ये है कि ZyCoV-D वैक्सीन 12 साल से ऊपर सभी लोगों को लगाई जा सकेगी। बता दें कि गुजरात की इस कंपनी ने जुलाई में DCGI से ZyCoV-D के आपातकालीन इस्तेमाल के लिए आवेदन किया था। कंपनी ने अपनी इस खास वैक्सीन का 50 से अधिक केंद्रों पर ट्रायल किया है।
कोवैक्सीन को WHO की मंजूरी मिलने में लगेगा समय
वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भारत बायोटेक (Bharat Biotech) की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (Covaxin) के इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने में कुछ और वक्त लग सकता है। नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा है कि हमें फैसला लेने के लिए WHO को समय देना चाहिए और हम आशा करते हैं कि वो ये निर्णय जल्द से जल्द लेंगे। डॉ वीके पॉल ने कहा कि हमें वैज्ञानिक आधारों पर निर्णय लेने के लिए WHO को समय देना चाहिए। डॉ पॉल ने कहा कि जिन लोगों को कोवैक्सीन की डोज लग रही है, उनकी यात्रा आदि की कुछ अनिवार्यताएं हैं, जिसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की सहमति जरूरी है।