मध्य प्रदेश में बागली को बनाया जाएगा जिला, कार्यवाही तेज

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मध्य प्रदेश में निवाड़ी के बाद बागली नया जिला बनेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद इस पर कार्यवाही तेज हो गई है। देवास के अधीक्षक भूअभिलेख के प्रस्ताव पर राजस्व विभाग ने प्रक्रिया प्रारंभ कर दी है। इससे बागली तहसील के व्यक्तियों को भूमि सहित राजस्व के अन्य कार्यों के लिए देवास नहीं जाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 14 जुलाई को देवास के हाटपिपल्या में प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कैलाश जोशी की प्रतिमा का अनावरण करते हुए बागली को प्रदेश का 53वां जिला बनाने की घोषणा की थी। बागली को जिला बनाने की इच्छा पूर्व मुख्यमंत्री की थी। मुख्यमंत्री की घोषणा के मद्देनजर देवास जिले के अधीक्षक भू-अभिलेख ने 13 अगस्त को प्रस्ताव बनाकर सामान्य प्रशासन विभाग और मुख्यमंत्री सचिवालय को भेजा था। इसमें बागली, उदयनगर और सतवास तहसील के 338 गांव और 131 पटवारी हल्के शामिल रहेंगे। इसे आवश्यक कार्यवाही के लिए राजस्व विभाग को भेजा गया था।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रस्ताव पर कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है। बागली जिला बनने के बाद देवास जिले में देवास नगर, देवास, टोंक खुर्द, सोनकच्छ, हाट पिपल्या, कन्नौद और खातेगांव तहसील रहेंगी। इनमें 822 गांव और 386 पटवारी हल्के शामिल रहेंगे।

कांग्रेस ने उठाई आपत्ति : उधर, प्रदेश कांग्रेस ने उपचुनाव की आचार संहिता लागू होने के बाद मंगलवार को कैबिनेट में चुनाव क्षेत्रों में चार तहसीलों (मूंदी, धूलकोट, किल्लौद, दिगौड़ा) के गठन के निर्णय पर आपत्ति उठाई है। पार्टी के प्रदेश महामंत्री जेपी धनोपिया ने निर्वाचन आयोग को शिकायत की है कि आचार संहिता प्रभावी होने के बाद कैबिनेट की बैठक में खंडवा, बुरहानपुर और टीकमगढ़ जिले में चार तहसीलों के गठन का फैसला लिया गया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन का प्रकरण दर्ज करने की मांग की। उधर, राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी ने बताया कि तहसीलों के गठन के आदेश 24 सितंबर को जारी हो चुके हैं। धनोपिया ने एक अन्य शिकायत में टीकमगढ़ और निवाड़ी के कलेक्टर को अधिकारियों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए उन्हें स्थानांतरित करने की मांग की है।

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