भोपाल: मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) विभाग ने जल जीवन मिशन के तहत केंद्रीय धन में भ्रष्टाचार के आरोपों पर अपनी ही मंत्री संपतिया उइके के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच इंजीनियर-इन-चीफ (ईएनसी) संजय अंधावन के 21 जून के एक पत्र के बाद शुरू हुई, जिसमें मंत्री और एक कार्यकारी अभियंता पर लगे आरोपों की जांच के निर्देश दिए गए हैं। आरोप है कि इन्होंने जल जीवन मिशन के तहत भारत सरकार द्वारा मध्य प्रदेश को दिए गए 30,000 करोड़ रुपये के धन में हेराफेरी की और मंत्री के लिए धन एकत्र किया।
7 दिनों के अंदर रिपोर्ट भेजने को कहा
ईएनसी संजय अंधावन ने पीएचई विभाग के सभी क्षेत्रों के मुख्य अभियंता और एमपी जल निगम लिमिटेड, भोपाल के परियोजना निदेशक को पत्र भेजा है। उन्हें सात दिनों के भीतर विस्तृत रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा गया है। मंत्री संपतिया उइके ने टिप्पणी के लिए किए गए कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया।
पूर्व विधायक ने की थी शिकायत
यह जांच 12 अप्रैल को लांजी के पूर्व विधायक और संयुक्त क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशोर समरीते द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद शुरू हुई है। समरीते ने आरोप लगाया है कि ‘मंत्रियों, अधिकारियों और ठेकेदारों’ ने भाजपा शासित राज्य में ग्रामीण घरों में नल के पानी के कनेक्शन प्रदान करने के लिए दिए गए केंद्रीय धन का ‘दुरुपयोग’ किया है।